पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन मंत्रालय देखो अपना देश श्रृंखला के अंतर्गत 30वें वेबीनार में ‘छत्‍तीसगढ़ का छिपा खजाना’ लाया

Posted On: 10 JUN 2020 6:06PM by PIB Delhi

       दर्शकों को वास्तव में अज्ञात स्‍थानों की खोज कराने, छत्तीसगढ़ के अद्वितीय स्थलों, अनूठी संस्कृति, आदिवासी विरासत और त्योहारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, पर्यटन मंत्रालय के देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत 09.06.2020 को ‘छत्‍तीसगढ़ का छिपा खजाना’ प्रदर्शित किया। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।

      देखो अपना देशवेबिनार श्रृंखला के 09 जून, 2020 को आयोजित 30वें सत्र का संचालन पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक, रूपिंदर बरार ने किया। छत्तीसगढ़ सरकार में पर्यटन और संस्कृति सचिव पी. अंबलगनने अपनी परिचयात्मक टिप्पणियों के साथ सत्र के लिए पृष्ठभूमि निर्धारित की और आइसक्यूब्स हॉलीडेज के संस्‍थापक जसप्रीत सिंह भाटिया, अज्ञात बस्‍तर के संस्‍थापक जीत सिंह आर्यऔर लेखक तथा ब्‍लॉगर थोमेन जोस ने सत्र प्रस्तुत किया। तीन प्रस्तुतकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के अज्ञात स्थलों और वहां की अनोखी संस्‍कृति और विरासत पर प्रकाश डाला।

      श्री जसप्रीत भाटिया ने राज्‍य के कुछ प्रमुख तथ्यों और इसकी अपार पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डालते हुए सत्र की भावना स्‍थापित की। छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया और यह भारत का 9वां सबसे बड़ा राज्य है। भारत का मध्य पूर्वी राज्य होने के नाते, यह 7 राज्यों की सीमाओं से लगा है, 44% भूमि वनों से ढकी हुई है, 34% आदिवासी आबादी है। 3 राष्ट्रीय उद्यानों, 11 वन्यजीव अभयारण्यों, 1 जैव क्षेत्र के साथ यह भारत के सबसे हरे भरे राज्य में से एक है और हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क द्वारा देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है।

      देश के कुछ सबसे अच्छे झरने छत्तीसगढ़ में हैं, उनमें से कुछ चित्रकोट, अमृतधारा, पवई, मचली इत्यादि हैं, छत्तीसगढ़ को तीन शक्तिपीठों चंपारण्य, राजिम और शिवरीनारायण के होने का सौभाग्‍य प्राप्‍त है। गढ़ा रॉट आयरन, बेल मैटल और टेराकोटा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हस्तशिल्प हैं।

      श्री जीत सिंह आर्य दर्शकों को बस्तर के वर्चुअल दौरे पर ले गए। बस्तर अनछुए स्थलों में से एक है, जो छत्तीसगढ़ के दक्षिण में है। बस्तर क्षेत्र में शानदार प्राकृतिक दृश्य, सड़कें और छिपे हुए झरने हैं। बस्तर क्षेत्र में 15 से अधिक झरने हैं। कोटमसर गुफाएँ, जो मेघालय के बाद गुफाओं की सबसे बड़ी श्रृंखला है ,छत्तीसगढ़ में हैं। 75 दिनों तक मनाया जाने वाला बस्तर का दशहरा दुनिया का सबसे लंबा त्यौहार है, जिसमें धंतेश्वरी देवी से संबंधित एक अलग कहानी है। गोंड, मड़िया, मुरियाया कुछ ऐसी जनजातियाँ हैं, जो बस्तर को स्वदेशी जनजातियों की भूमि के रूप में बनाती हैं। हस्तशिल्प का इतिहास हड़प्पा सभ्यता के समय का है, इस्‍तेमाल की जाने वाली तकनीक खो चुकी मोम तकनीक है। दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भगवान गणेश की प्रतिमा है जो एक रेत के पत्थर से बनी है। 12000 वर्षों के इतिहास के साथ गुफा चित्र बस्तर क्षेत्र में हैं।

श्री थोमेन जोस ने छत्‍तीसगढ़ में पर्यटकों की रुचि के निम्न कम ज्ञात स्थानों और अनुभवों को प्रस्तुत किया

•   कर्कभाट –बड़े पत्‍थर वाला (मेगालिथिक) दफन स्थल जिसे आमतौर पर पर्यटकों द्वारा अनदेखा किया जाता है। क्षेत्र में किए गए अध्ययनों ने 3 प्रकार के मेनहिरों की पहचान की है- शंकुधारी, स्पष्ट रूप से और मछली की पूंछ की तरह द्विभाजित।

•   दिपाडीह- 7वीं शताब्दी का मंदिर परिसर संभवतः छत्तीसगढ़ का सबसे अच्छा रखा गया पुरातात्विक रहस्य है। प्रवेश द्वार के बगल में पथ के किनारे उत्कीर्ण पत्थर के स्तंभ बनाए गए हैं, जिन पर पौराणिक जीवों को दर्शाया गया है।

•   घोटुल- यह शिक्षा की एक प्राचीन जनजातीय प्रणाली है और साथ ही इसकी अपनी लाट पादरी व्‍यवस्‍था के साथ अपनी परिसर व्‍यवस्‍था है।

•   सोनाबाई- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सजावट कार्यों को इसकी जड़ें मिलीं जब सोनाबाई ने अपने बेटे दरोगा राम को सुलाने के लिए उसके लिए छोटे खिलौने बनाए।

•   आदिवासी खेल - मुर्गा लड़ाई

      वेबिनार सत्र का समापन करते हुए रूपिंदर बरार ने जानकारी दी कि पर्यटन मंत्रालय विभिन्न आतिथ्य और यात्रा व्यापार क्षेत्रों जैसे होटल, रेस्तरां, बी और बी, होमस्टे/फार्मस्टे और पर्यटन सेवा प्रदाता के लिए परिचालन सिफारिशें जारी कर रहा है। ये पर्यटन क्षेत्र के लिए अनुशंसित सुरक्षा और स्वच्छता दिशा-निर्देश हैं, जिनका लॉकडाउन के बाद यात्रा करने वालों को पालन करना होगा। विवरण पर्यटन मंत्रालय की वेबसाईट Tourism.gov.inपर उपलब्ध है

      इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) एक पेशेवर टीम के साथ सीधे तकनीकी सहायता प्रदान करके देखो अपना देश वेबिनार के संचालन में मंत्रालय का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

      वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA पर और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडलों पर उपलब्‍ध हैं।

अगला वेबिनार 11 जून 2020 को 1100 बजे से ‘हिमाचल- अराउंड द नैक्‍स्‍ट बैंड’ पर होगा। पंजीकरण के लिए https://bit.ly/HimachalDAD पर क्लिक करें।

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