कोयला मंत्रालय

कोयले की लिंकेज / स्वैपिंग को युक्तिसंगत बनाने के लिए कार्यप्रणाली जारी की गई

Posted On: 09 JUN 2020 6:34PM by PIB Delhi

कोयला खानों से उपभोक्ता तक कोयले के परिवहन में दूरी को कम करने के लिए कोयला कंपनियों के कोयला लिंकेज को युक्तिसंगत बनाया गया है / सुव्यवस्थित किया गया है। इस निर्णय से परिवहन के बुनियादी ढांचे पर भार और निकासी बाधाओं को कम करने में मदद मिलेगी।

पहले भी युक्तिसंगत-प्रक्रिया लागू की गयी थी, लेकिन वह केवल विद्युत क्षेत्र के लिए थी। इसके परिणामस्वरूप 63.12 मीट्रिक टन कोयले के परिवहन को युक्तिसंगत बनाया गया था, जिसकी वार्षिक संभावित बचत लगभग 3769 करोड़ रुपये थी। पिछले युक्तिकरण प्रक्रिया के विपरीत, लिंकेज युक्तिकरण की वर्तमान कार्यप्रणाली, विद्युत के साथ-साथ गैर-विनियमित क्षेत्र (एनआरएस) को भी कवर करती है, सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए है और इसमें आयातित कोयले के साथ कोयला स्वैपिंग की भी अनुमति दी गई है।

इस योजना के तहत सकल कैलोरी मूल्य (जीसीवी) समानता के संदर्भ में कोयले की मात्रा के हस्तांतरण पर विचार किया गया है और यह केवल नॉन-कोकिंग कोयले के लिए लागू है। उपरोक्त व्यवस्था को केवल समान क्षेत्र में अनुमति दी जाएगी, जैसे एनआरएस (गैर-विनियमित क्षेत्र) को केवल एनआरएस क्षेत्र में और विद्युत (विनियमित क्षेत्र) को केवल विद्युत क्षेत्र में। योजना में भाग लेना स्वैच्छिक होगा और रेल एवं / या समुद्री मार्ग के माध्यम से कोयले को युक्तिसंगत / स्वैप करने वाले पक्षों के बीच व्यवस्था द्विपक्षीय होगी। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) लिंकेज युक्तिकरण / कोयले की स्वैपिंग (अदला-बदली) की प्रक्रिया के संचालन के लिए नोडल एजेंसी होगी। एक समिति योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करेगी और कार्यान्वयन से सम्बंधित प्रमुख मुद्दों का समाधान करेगी। इच्छुक प्रतिभागी / उपभोक्ता युक्तिसंगत प्रक्रिया के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करेंगे और आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। इस प्रक्रिया में अर्जित बचत भारतीय रेलवे / डिस्कॉम को हस्तांतरित की जाएगी।

*************

एसजी/एएम/जेके/डीसी             



(Release ID: 1630584) Visitor Counter : 396