विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डीएसटी ने संक्रमण प्रसार की निगरानी करने एवं नीति निर्माताओं को निर्णय निर्माण में सहायता के लिए कोविड-19 भारत राष्ट्रीय सुपरमॉडल की शुरुआत की

Posted On: 30 MAY 2020 3:59PM by PIB Delhi

            विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने संक्रमण के भविष्य में होने वाले प्रसार की निगरानी करने और इस प्रकार, स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी तथा संक्रमण में कमी लाने वाले अन्य उपायो से संबंधित निर्णय निर्माण में सहायता करने के लिए एक कोविड-19 भारत राष्ट्रीय सुपरमॉडल की शुरुआत की है।

      जहां सरकार संक्रामकता और मृत्यु दर पर करीबी नजर रख रही है, रोग के प्रसार का अनुमान लगाने के लिए एक मजबूत पूर्वानुमान मॉडल लाने तथा रोग के निरीक्षण में वृद्धि करना भी आवश्यक है। डीएसटी-एसईआरबी (विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड) तथा अन्य एजेन्सियों द्वारा वित्तपोषित अन्वेषकों द्वारा कोविड-19 पूर्वानुमान एवं निरीक्षण के लिए अनगिनत गणीतीय मॉडलों पर कार्य किया जा रहा है। मेट्रोलोजिकल कार्यक्रमों की आपदा प्रबंधन योजनाओं के लिए गणीतीय मॉडलों के उपयोग के भारत के इतिहास से प्रेरित होकर, डीएसटी ने इस क्षेत्र की विशेषज्ञता को इकट्ठा करने में और पूरे देश के लिए एक मॉडल का निर्माण करने के लिए यह प्रक्रिया आरंभ की है जिसे साक्ष्य आधारित पूर्वानुमान, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से मौसम भविष्यवाणी समुदायों में किया जाता है, के लिए आवश्यक सख्त परीक्षणों के अधीन होगा।

      यह मॉडल पूरी तरह उस डाटा पर भरोसा करेगा जो कोविड-19 के संगत होगा और इसमें डाटा में नए रुझानों से सीखने के लिए एक अनुकूली निर्मित्त घटक भी होगा। यह सफल साक्ष्य आधारित गणीतीय और सांख्यिकीय पूर्वानुमान मॉडल को एकत्र करेगा और संक्रामक रोग के विस्तार के मजबूत पूर्वानुमान के लिए सर्वश्रेष्ठ भविष्यसूचक विश्लेषण को शामिल करेगा। इस सुपरमॉडल का उपयोग भारत एवं पूरे विश्व में संक्रमण के प्रसार की दर और किस प्रकार यह स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित करेगा, का पूर्वनुमान लगाने में आने वाली कठिनाइयों से उबरने में नीति निर्माताओें द्वारा किया जाएगा और इस प्रकार महामारी पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

      इस पहल के एक हिस्से के रूप में, जवाहर लाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) तथा आईआईएससी, बंगलुरू देश में सभी कोविड-19 मॉडेलिंग परियोजनाओं और कार्यक्रमों से संपर्क करने एवं कार्य करने के लिए समन्वय करेगा। यह विभिन्न मॉडलों का आकलन करने के लिए मानकों का एक सेट विकसित करेगा और अंतिम रूप से कोविड-19 भारत राष्ट्रीय सुपरमॉडल की प्रदायगी करेगा। समन्वय टीम मॉडलिंग में सक्रिय अनुसंधान समूहों, विभिन्न सॉफ्टवेयर डेवेलपरों एवं विख्यात कंपनियों के साथ परामर्श करेगा एवं कार्य करेगा, जिससे कि एक उपयुक्त यूजर इंटरफेस तथा सॉफ्टवेयर की प्रदायगी की जा सके।

      एक परामर्शी समिति डीएसटी और एसईआरबी तथा समन्वयकों (जेएनसीएएसआर और आईआईएससी बंगलुरु) एवं इस पहल के मॉडेलरों के साथ घनिष्ठतापूर्वक कार्य करेगा, जिससे कि तकनीकी समुच्चयों, दिशानिर्देश पर महत्वपूर्ण इनपुट उपलब्ध कराया जा सके तथा एक सुदृढ़ सुपरमॉडल की अंतिम प्रदायगी हो सके।

      डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, ‘कोविड-19 के प्रसार के लिए गणीतीय मॉडलिंग एवं अनुरूपता तथा इसका प्रभाव केवल शैक्षणिक अभ्यास नहीं हैं, बल्कि युक्तिसंगत निर्णय निर्माण, योजन निर्माण और संसाधन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस प्रकार, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि एक सुदृढ़ राष्ट्रीय मॉडल जिसकी जांच इस क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिक समुदाय के व्यापक प्रतिनिधियों द्वारा की गई है, का विकास किया जाए।

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