स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

मंत्री समूह ने कोविड-19 के प्रबंधन की मौजूदा स्थिति, तैयारियों और कार्रवाइयों की समीक्षा की


डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 पर काबू पाने की कार्यनीति के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया

Posted On: 05 MAY 2020 5:05PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में आज यहां निर्माण भवन में कोविड-19 पर उच्च स्तरीय मंत्री समूह (जीओएम) की 14वीं बैठक हुई। इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस पुरी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (सीडीएस) श्री बिपिन रावत और केंद्रीय गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्‍ला भी उपस्थित थे।

मंत्री समूह के समक्ष विश्‍व भर में और देश के भीतर कोविड-19 के मामलों की मौजूदा स्थिति के बारे में एक विस्‍तृत प्रस्‍तुति पेश की गई। मंत्री समूह ने कोविड-19 के नियंत्रण की कार्यनीति और प्रबंधन के पहलुओं साथ ही साथ केंद्र और विभिन्‍न राज्‍यों द्वारा किए गए उपायों के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया। मंत्री समूह को सूचित किया गया कि देश के सभी जिलों को तीन श्रेणियों यथा रेड ज़ोन (130 जिले), ऑरेंज ज़ोन (284 जि़ले) और ग्रीन ज़ोन (319) में बांटा गया है। ग्रीन श्रेणी ऐसे जिलों का प्रतिधित्‍व करती है, जिनसे पिछले 21दिन से कोविड-19 का एक भी रोगी सामने नहीं आया। राज्यों को जिलों के वर्गीकरण के आधार पर कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए अपनी आकस्मिक योजनाओं का पालन करने तथा उन्‍हें और मजबूती प्रदान करने के लिए कहा गया है। राज्यों की क्षमता को मजबूत बनाने के लिए समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के निर्माण के लिए पर्याप्त संसाधन, चिकित्सा संस्थानों को पर्याप्त संख्या में पीपीई, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण आदि लैस करना सहित अन्य उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

मंत्री समूह को सूचित किया गया कि मृत्यु दर अभी तक लगभग 3.1 प्रतिशत है जबकि स्‍वस्‍थ होने की दर 25 प्रतिशत से अधिक है जिसे क्लस्टर प्रबंधन और नियंत्रण कार्यनीति के साथ साथ देश में लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव के रूप में देखा जा सकता है। कंटेनमेंट जोन के प्रबंधन के लिए संकेतकों, मूलभूत कारणों और आवश्‍यक कार्रवाई से संबंधित भारत सरकार की सिफारिशों को स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा पहले ही कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के साथ साझा किया जा चुका है।

मंत्री समूह को इस बात की जानकारी दी गई कि देश के विभिन्‍न भागों के मरीजों से आइसोलेट किए गए  नोवल कोरोना वायरस के  जीनोम सीक्वन्सिंग के स्‍ट्रैन्‍स की भी शुरुआत की जा चुकी है।

पीपीई, मास्‍क, वेंटिलेटर्स आदि जैसी आवश्‍यक चिकित्‍सा उपकरणों को सुनिश्चित करने की देखरेख कर रहे अधिकार प्राप्‍त समूह-3 ने मंत्री समूह को पीपीई, मास्‍क, वेंटिलेटर्स, दवाओं और अन्‍य आवश्‍यक  उपकरणों आदि की पर्याप्‍तता और उपलब्‍धता के बारे में जानकारी दी। मंत्री समूह को बताया गया कि घरेलू विनिर्माता प्रतिदिन लगभग 2.5 लाख पीपीई और प्रतिदिन लगभग 2 लाख एन-95 मास्‍क की उत्‍पादन क्षमता तक पहुंच चुके हैं, जो निकट भविष्‍य में देश की आवश्‍यकताओं की पूर्ति की दिशा में पर्याप्‍त है। इसके अलावा, घरेलू विनिर्माताओं द्वारा वेंटिलेटर का निर्माण भी शुरू किया गया है और आदेश दिए गए हैं। पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर के लिए गुणवत्ता मानदंडों को बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद भी पर्याप्त मात्रा में की जा रही है। मंत्री समूह ने पीपीई, मास्‍क, वेंटिलेटर्स आदि के लिए गुणवत्ता नियंत्रण के कड़े उपायों को सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपाय सुनिश्चित करने की जरूरत को रेखांकित किया। मंत्री समूह ने निर्धारित गुणवत्ता मानकों का अनुपालन और पालन सुनिश्चित करने के लिए रैंडम बैच सैम्‍पलिंग पर भी जोर दिया ।  

केंद्रीय गृह सचिव एवं अधिकार प्राप्‍त समूह-11  के अध्यक्ष श्री अजय कुमार भल्ला ने मंत्री समूह को सूचित किया कि वे महामारी पर काबू पाने के लिए अब तक किए गए उपायों से उत्‍पन्‍न कार्यनीतिक मुद्दों की निगरानी और निरीक्षण कर रहे हैं।  उन्होंने मंत्री समूह को इस बात से भी अवगत कराया कि लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान, विभिन्न मंत्रालयों और अन्य अधिकार प्राप्‍त समूहों के हितधारकों के साथ परामर्श के बाद क्रमिक  ढील देने के बारे में निर्णय लिए गए।

इलेक्‍ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एवं कोविड-19 से निपटने में प्रौद्योगिकीय समाधानों और आंकड़ों के प्रबंधन से संबंधित अधिकार प्राप्‍त समूह-9 के अध्‍यक्ष श्री अजय साहनी द्वारा प्रस्‍तुती पेश की गई। बैठक के दौरान आरोग्‍य सेतु एप्‍लीकेशन के  कार्य निष्‍पादन, प्रभाव और लाभ से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं पर चर्चा की गई। यह सूचित किया गया कि 4 मई, 2020 तक लगभग 9 करोड़ यूजर्स इस एप को डाउनलोड कर चुके थे। लोगों को इस एप्‍लीकेशन पर उनके स्‍वास्‍थ्‍य की स्थिति के बारे में सूचित किया गया है, जिससे कंटेनमेंट के लिए कोविड-19 के किसी भी तरह के लक्षणों से पीडि़त लोगों का पता लगाने में सहायता मिली है। मंत्री समूह को यह भी बताया गया कि बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए उन लोगों तक भी स्‍थानीय भाषाओं में इंटरैक्टिव वॉयस रिस्‍पांस सिस्‍टम (आईवीआरएस) के माध्‍यम से पहुंच कायम करने की व्‍यवस्‍था बनाई गई है, जिनके पास लैंडलाइन या फीचर्ड फोन हैं। मंत्री समूह ने मंत्रालयों और अधिकारप्राप्‍त समूहों द्वारा किए गए कार्य पर संतोष प्रकट किया।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 पर काबू पाने संबंधी कार्यनीति के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग महत्‍वपूर्ण है और यह राज्‍यों को कोविड-19 से ज्‍यादा कारगर ढंग से निपटने में मदद कर रही है।

मंत्री समूह को इस बात की जानकारी दी गई कि  प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के अंतर्गत 4 मई 2020 तक निम्‍नलिखित प्रगति की गई है :

·         प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत, 36 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा 58.77 करोड़ लाभार्थियों को पहले महीने (अप्रैल) की पात्रता के रूप में 29.38 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है और 20 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों द्वारा अब तक 11.63 करोड़ लाभार्थियों को दूसरे महीने (मई) की पात्रता के रूप में 5.82 लाख मीट्रिक टन वितरित किया गया है।  कुल मिलाकर, 36 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों द्वारा अब तक भारतीय खाद्य निगम से 66.08 लाख मीट्रिक टन अनाज का उठान किया गया है।

  • उज्ज्वला (पीएमयूवाई)के लाभार्थियों को 6868.74 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है। अप्रैल-मई, 2020 के दौरान 4.98 करोड़ पीएमयूवाई सिलेंडर बुक किए गए हैं और 4.72 करोड़ वितरित किए गए हैं।
  • 20-21 के दौरान 8.18 करोड़ लाभार्थियों (किसानों) हेतु उनमें से प्रत्‍येक के लिए 2000 रुपये की वित्तीय स्वीकृति उत्‍पन्‍न  की गई तथा 20-21 के दौरान किसानों को डीबीटी नकद हस्तांतरण के तहत 16,364 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
  • वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों की सहायता के तौर पर 500 रुपये की पहली किस्त प्रत्‍येक पात्र लाभार्थी के लिए सभी 2.812 करोड़ खातों के लिए कुल 1405 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। 500 रुपये की अगली किस्त  दूसरे पखवाड़े में जारी की जाएगी।
  • अब तक 20.05 करोड़ महिलाओं के प्रधानमंत्री  जन धन योजना खातों में प्रति खाता 500 रुपये जमा किए जा रहे हैं। यह राशि पीएमजीकेपी के तहत नकद हस्तांतरण के रूप में जारी की जा रही है।
  • ईपीएफओ के 9.27 लाख सदस्यों ने ऑनलाइन निकासी की सुविधा का लाभ उठाकर 2895 करोड़ रुपये की राशि प्राप्‍त की है।

बैठक में सुश्री प्रीति सूदन,  सचिव (एचएफडब्ल्यू) श्री राजेश भूषण,   ओएसडी/सचिव  (एचएफडब्ल्यू), श्री एच वर्धन श्रृंगला, सचिव (विदेश मामले) श्री रवि कपूर, सचिव (कपड़ा) श्री प्रदीप सिंह खरोला, सचिव (नागरिक उड्डयन) सचिव श्री पी डी वघेला, सचिव (फार्मास्‍यूटिकल्‍स) श्री अनुप वधावन,  सचिव (वाणिज्‍य) श्री अंशु पारिख, सचिव (दूरसंचार), प्रो. बलराम भार्गव, डीजी-आईसीएमआर, श्री अनिल मलिक, अपर सचिव (गृह), डॉ. नीता वर्मा, डीजी-एनआईसी, लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बेनर्जी,  डीजी-एएफएमएस, डॉ. राजीव गर्ग, डीजीएचएस,  श्री लव अग्रवाल संयुक्‍त सचिव (एमओएचएफडब्ल्यू)  और, फार्मा, सूचना एवं प्रसारण, कपड़ा मंत्रालय, एनआईसी, डीजीसीए के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मामलों के बारे में सभी प्रकार की विश्‍वसनीय और अद्यतन जानकारी, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों के लिए कृपया नियमित रूप से https://www.mohfw.gov.in/ देखें।

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कोविड-19 के बारे में किसी भी प्रश्‍न के बारे में कृपया स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय को हेल्‍पलाइन नम्‍बर : +91-11-23978046 या 1075 (टोल फ्री) पर सम्‍पर्क करें। कोविड-19 के बारे में राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के हेल्‍पलाइन नम्‍बरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf  पर भी उपलब्‍ध है।

 

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एएम/आरके



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