विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

देश भर में सीएसआईआर प्रयोगशालाएं अपने आस-पास के क्षेत्रों में जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने के लिए भोजन, सैनिटाइज़र, मास्क आदि वितरित कर रही हैं


कोविड-19 के प्रकोप के दौरान सीएसआईआर-सीएफटीआरआई, मैसूर, सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर, सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर, धनबाद, सीएसआईआर-आईआईपी, देहरादून जैसे सीएसआईआर प्रयोगशालाओंने प्रवासी मजदूरों, मरीजों, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस तथा अन्य के बीच पके हुए भोजन वितरित किये

अपने आरएंडडी और विज्ञान व प्रोद्योगिकी के लिए प्रसिद्धसीएसआईआर का संकट के दौरान आपातकालीन हस्तक्षेप करने का भी इतिहास रहा है

Posted On: 30 APR 2020 3:18PM by PIB Delhi

लोगों में सार्स–सीओवी-2 वायरस के तेजी से प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है- एक दूसरे से आवश्यक दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करना।लॉकडाउन देश में महामारी को धीमा करने के लिए व्यावहारिक समाधान के रूप में उभरा है। लेकिन लॉकडाउन, प्रवासी और सामाजिक– आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए कष्ट का कारण साबित हो रहा है।

अपने आरएंडडी और विज्ञान व प्रोद्योगिकी के लिए प्रसिद्धसीएसआईआर का देश की बड़ी विपदायों के दौरान आपातकालीन हस्तक्षेप करने का भी इतिहास रहा है।उत्तरकाशी और चेन्नई की बाढ़ तथा चक्रवात ‘फानी’के दौरानसीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों के साथ लोगों की सहायता की थी। प्रयोगशालाओं ने जल शोधन तकनीकों, हैंडपंपों, चक्रवात आश्रयों, संरचनात्मक पुनर्वास, और तैयार पौष्टिक भोजन को उपलब्ध कराने के रूप में समर्थन प्रदान किया था।

सीएसआईआर के डीजीडॉ शेखर मंडे ने कहा, “सीएसआईआर ने वायरल जीनोम के अनुक्रम का पता लगाने, दवा वजाँच- किट विकसित करने और सीओवीआईडी ​​-19 के खिलाफ टीके विकसित करने की योजना बनाई है। सीएसआईआर ने खाद्य-संबंधित अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हमने देश के विभिन्न स्थानों पर प्रवासी श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि देश भर में सीएसआईआर अपने आस-पास के एवं अन्य क्षेत्रों में भोजन, सैनिटाइजर, मास्क आदि उपलब्ध कराकर जरूरतमंदों की मदद कर रहा है।”

देश के सबसे प्रमुख खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मैसूरु स्थित सीएसआईआर– केंद्रीय खाद्यप्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान(सीएसआईआर–सीएफटीआरआई) ने वर्षों से असंख्य खाद्य और खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियाँ विकसित की हैं। इन तकनीकों से न केवल किसानों को लाभमिला है, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक व मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्माण में भी सहायता मिली है। इस बार, सीएसआईआर–सीएफटीआरआईने दो महानगरों में 56,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों, मरीजों, डॉक्टरों तथा पुलिसकर्मियों को 10 टन उच्च-प्रोटीन बिस्कुट, 1 टन स्पिरुलिना चिक्की, 10 टन इलायची-स्वाद वाला पानीऔर और 5 टन पोषण युक्त फ्रूट बार वितरित किये हैं। सीएसआईआर-सीएफटीआरआई द्वारा आपूर्ति की जाने वाली खाद्य वस्तुओं में लंबे समय तक खाने लायक रहती हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ ये खाद्य उत्पाद प्रतिरक्षा बढ़ाते हैं और सार्स – सीओवी-2 वायरस से लड़ने में मदद करते हैं।

उदाहरण के लिए, फ्रूट बार में विटामिन सी और जिंक मिलाया गया है जो प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनता है। स्पिरुलिना चिक्कीएक नमकीन है जिसमेंस्पिरुलिना से प्राप्त सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन ए, बीटा कैरोटीन और आसानी से पचने वाले अल्गल प्रोटीन जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया गया है। इलायची के स्वाद वाले पानी मेंमसाले का अर्क (इलायची स्वाद) मिलाया गया है ताकि इसे बाज़ार में उपलब्ध पानी के एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में पेश किया जा सके।

सीएसआईआर-सीएफटीआरआई ने एम्स-नई दिल्ली के अनुरोध पर कोविड–19 मरीजों के लिए 500 किलोग्राम उच्च प्रोटीन बिस्कुट और 500 किलोग्राम उच्च-प्रोटीन रस्क की आपूर्ति की। सामान्य बिस्कुट की तुलना में इन बिस्कुटो में 60 से 80 प्रतिशत अधिक प्रोटीन है।

सीएसआईआर-सीएफटीआरआई के निदेशकडॉ केएसएमएस राघवराव ने कहा, "पौष्टिक उत्पादों को इस तरह से चुना गया था कि वे मुख्य भोजन के प्रोटीनऔर खनिज तत्व एवं विटामिन की कमी को पूरा करते हैं तथा प्रतिरक्षा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, क्योंकि लॉकडाउन और आइसोलेशन से जुड़ी चिंता और अनिश्चितता के दौरान उक्त दोनों पोषक तत्वों की मात्रा को बढाने की आवश्यकता होती है।’

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सीएसआईआर-सीएफटीआरआई द्वारा दिए गए बिस्कुट और चिक्की खाते हुए बच्चे

प्रधान आयकर आयुक्त श्री ज़ाकिर थॉमस ने बेंगलुरु शहर में प्रवासी श्रमिकों के लिए आयकर कार्यालय की ओर से राहत कार्य का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा, “सीएसआईआर-सीएफटीआरआई इस प्रयास में एक सराहनीय भागीदार रहे हैं। किसी भी बाधा के बिना हम तुरंत प्रवासी श्रमिकों के बीच प्रोटीन-समृद्ध बिस्कुट और स्पाइरुलिना चिक्की वितरित कर सकते थे। बच्चों को इन उत्पादों को मजे से खाते हुए देखना, दिल को छू लेने वाला था। मुझे लगता है कि यह विज्ञान को लोगों तक ले जाने का एक अच्छा उदाहरण है।”

देश के उत्तरी भाग में, एक पंचायत प्रतिनिधि ने सीएसआईआर-आईएचबीटी को सूचित किया कि प्रवासी मजदूरों के कई परिवार लॉकडाउन के कारण फंस गए हैं और भोजन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के लिए प्रसिद्ध एक और संस्थान, पालमपुर स्थित सीएसआईआर-हिमालयी बायोसाइट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएचबीटी)ने न केवल प्रवासी श्रमिकों के लिएबल्कि डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य और पुलिसकर्मियों जैसे अग्रिम पंक्ति के लोगोंके लिए भीदाल चावल व आलू मिश्रित 60 टन किराना सामग्री के 5000 पैकेट, 2.16 टन पका भोजन स्थानीय (कांगड़ा) व्यंजन, 1500 स्पिरुलिना मूंगफली के बार, 1000 मल्टीग्रेन एनर्जी बारऔर 1500 मल्टीग्रेन प्रोटीन पाउडर वितरित किये। भोजन रसायन व परिरक्षकों से मुक्त है, इसका प्रोबायोटिक प्रभाव  है और इसे 12 महीने तक उपयोग में लाया जा सकता है।

सीएसआईआर-आईआईपी भी देहरादून में पिछले एक महीने से लगभग 300 व्यक्तियों को प्रतिदिन भोजन उपलब्ध करा रहा है।

भुवनेश्वर में सीएसआईआर- खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान(सीएसआईआर-आईएमएमटी) ने 30 हज़ारपका हुआ भोजन (खिचड़ी) औरसीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा आयुक्त कार्यालय, भुवनेश्वरको उपलब्ध कराए गए हैण्ड सैनीटाईज़र तथा साबुन वितरित किये। कर्नाटक के डोनिमालाई लोहा खदान में नियुक्त सीएसआईआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीएसआईआर– सीआईएमएफआर) के कर्मचारिओं ने जरूरतमंदों को आवश्यक राशन वाले खाद्य पैकेट वितरित किये।

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श्रमिकों में वितरित किये जाने के लिए सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा तैयार किये गए खाद्य पैकेट सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा उपलब्ध कराये गए खाद्य को सीएसआईआर-आईएमएमटी द्वारा भुवनेश्वर में वितरित किया जा रहा है    

इसके अलावाखाद्य सहायता प्रदान करने के लिए, सीएसआईआर उद्योग जगत के समर्थन से तथा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर  ग्रामीण / सामाजिक उद्यमों के निर्माण को समर्थन देने की भी योजना बना रहा है। यह उन लोगों को अवसर प्रदान करेगा जो प्रकोप के दौरान ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से पलायन कर रहे हैं। इसके तहत सामाजिक और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संश्लेषण और संक्रमण रोधी उत्पाद, सैनिटाइज़र, साबुन, दस्ताने, खाद्य उत्पाद, जल शोधन किट आदि के निर्माण पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।

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एएम / जेके/ डीसी



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