जनजातीय कार्य मंत्रालय
कोविड-19 पर ट्राइफेड की सक्रिय पहल
Posted On:
22 APR 2020 2:50PM by PIB Delhi
कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति ने जनजातीय कारीगरों सहित गरीब और हाशिये पर रहने वाले समुदायों की आजीविका को गंभीर आघात पहुंचाया है। यह देश के कई क्षेत्रों में वनोपज की कटाई और उसे एकत्र करने का मौसम है। जो आदिवासी वनोपज को इकट्ठा करने के कामों में लगे हुए हैं उनकी सुरक्षा को लेकर खतर पैदा हो गया है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत ट्राइफेड इस स्थिति में आदिवासियों को अतिरिक्त सहायता देने के उद्देश्य से तात्कालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक पहल के तौर पर लॉकडाउन की लंबी अवधि से उत्पन्न मसलों को सुलझाने के लिए निरंतर काम कर रहा है। कोविड-19 लॉकडाउन (और उसके बाद की अवधि) के दौरान जनजातीय हितों की रक्षा करने से संबंधित कार्यों को तीन प्रमुखों श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. प्रचार और जागरूकता कार्यक्रम
2. पर्सनल प्रोटेक्टिव हेल्थकेयर
3. एनटीएफपी खरीद
लघु अवधि के उपाय: सोशल डिस्टेंसिंग जागरूकता
- वन धन सामाजिक दूरी जागरूकता अभियान शुरू किया गया। इसका मकसद दो-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसएचजी प्रशिक्षण, प्रशिक्षणकर्ताओं का प्रशिक्षण) के माध्यम से वन-क्षेत्रों में एनटीएफपी एकत्र करने में लगे आदिवासियों को शिक्षित करना, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारनटीन जैसे प्रमुख निवारक व्यवहारों के बारे में शिक्षित करना है। इसके लिए डिजिटल माध्यमों जैसे वेबिनार, फेसबुक लाइव स्ट्रीम आदि का उपयोग किया जाना है।
- वन धन स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सुरक्षात्मक मास्क और स्वच्छता उत्पादों (साबुन, सैनिटाइजर आदि) प्रदान करने के लिए पहल की गई है, जो एक सुरक्षित तरीके से अपने संचालन को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
मध्यम और दीर्घकालिक उपाय: आजीविका
- वन उपज इकट्ठा करने के काम पर निर्भर करोड़ों आदिवासियों को राहत देने के लिए, दूसरे चरण के लॉकडाउन के लिए जारी दिशानिर्देशों में छूट की सूची में आवश्यक संशोधन के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क किया गया था। गृह मंत्रालय ने 16 अप्रैल 2020 को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो अनुसूचित जनजातियों और अन्य वनवासियों द्वारा गैर-लकड़ी माइनर वन उपज (एमएफपी) के संग्रह, कटाई और प्रसंस्करण की अनुमति देते हैं। ये छूट समय से मिली है क्योंकि यह कटाई का मौसम है जो कई क्षेत्रों में जारी है।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने ट्राइफेड से कहा है कि वह इस कठिन समय में जनजातीय आजीविका को लेकर एमएफपी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को फिर से जारी करने पर ध्यान केंद्रित करे और यह सुनिश्चित करे कि उन्हें अपनी उपज के लिए समान बाजार मूल्य का लाभ मिले।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय के निर्देशानुसार, 17 अप्रैल 2020 को ट्राइफेड ने हाट बाज़ार के लिए सभी राज्यों में एमएसपी को लेकर कदम उठाए हैं। तौल सुविधाओं, परिवहन और उचित कोल्ड और ड्राई स्टोरेज के साथ खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।
वन धन सामाजिक दूरी जागरूकता अभियान - प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत 15,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 28 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में आदिवासियों को शिक्षित करने का काम जारी है। ट्राइफेड ने भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक डिजिटल अभियान शुरू करने के लिए यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर काम काम कर रहा है। यूनिसेफ ने इसके लिए कुछ जरूरी सामग्री (पोस्टर, फ़्लायर्स, लीफलेट, ब्रोशर, बुकलेट, स्वास्थ्य शिक्षा सत्र के लिए संदेश, रेडियो प्रसारण या टीवी स्पॉट आदि) मुहैया कराई है। इस अभियान का नाम "वन धन सामाजिक दूरी जागरूकता अभियान या वन धन सामाजिक दूर जागरूकता आंदोलन" दिया गया है। ट्रेनर ऑफ ट्रेनर प्रोग्राम्स और वेबिनार के माध्यम से कोविड-19 से निपटने के उपाय, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारनटीन कार्यक्रम पर आधारित कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
देशभर में वेबीनार में प्रतिभागी शामिल हुए जिनमें ट्राइफेड के राज्य स्तरीय दफ्तर, राज्य नोडल दफ्तर, पीएमवीडीवाई की तमाम एजेंसियां, गैर सरकारी संगठन, एसएचजी, स्वयंसेवी समूहों के नेता और अन्य मोर्चे पर तैनात कार्यकर्ता शामिल है।
ट्रेनिंग ट्रेनर्सः इसके पैनेलिस्ट ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण, ट्राइफेड के उप महाप्रबंधक-एमएफपी श्री अमित भटनागर, यूनिसेफ इंडिया में चीफ कम्यूनिकेशन ऑफ डेवेलमेंट श्री सिद्धार्थ श्रेष्ठ, यूनिसेफ इंडिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. सचिन रेवरिया और यूनिसेफ के डॉ. प्रवीण खोबरागड़े, श्रीमती डॉ. शिखा वर्धन, यूनिसेफ की श्रीमती अरूपा शुक्ला, यूनिसेफ की श्रीमती रचना शर्मा शामिल हैं।
कोविड-19 ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स का सांख्यिकः एनटीएफपी की प्रक्रिया
कुल पंजीकरण
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806
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विशेष दर्शक
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502
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कुल यूजर्स
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2388
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कुल मौजूदा दर्शक
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386
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फेसबुक व्यूज (17-04-2020)
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94050
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सभी वेबनार सत्र को रिकॉर्ड किया गया जिसे यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है।
नेशनल टीओटी : सोशल डिस्टेंसिंग | कोविड-19 पर वेबनार | शुरुआती संबोधन | श्री प्रणीण कृष्ण | प्रबंध निदेशक | ट्राइफेड https://www.youtube.com/watch?v=A3eDCYih_Rk
सत्र-1 | ट्रांसमिशऩ | कोविड-19 पर वेबमिनार| यूनिसेफ के सहयोग से | डब्ल्यूएचओ | ट्राइफेड https://www.youtube.com/watch?v=oR-xLR7ebu4
सत्र-2 | व्यक्ति सुरक्षा | कोविड-19 पर वेबमिनार| यूनिसेफ के सहयोग से | डब्ल्यूएचओ | ट्राइफेड https://www.youtube.com/watch?v=zfuM5CNMLv0
सत्र-3 | बचाव | कोविड-19 पर वेबमिनार| यूनिसेफ के सहयोग से | डब्ल्यूएचओ | ट्राइफेड https://www.youtube.com/watch?v=gfbd2Ir1lZw
सत्र-3 | भेदभाव | कोविड-19 पर वेबमिनार| यूनिसेफ के सहयोग से | डब्ल्यूएचओ | ट्राइफेड https://www.youtube.com/watch?v=LZg3_3XFgxg
निर्माण : वनधन सोशल डिस्टेंसिंग जागरूकता अभियान | यूनिसेफ | वनधन |ट्राइफेड | भारत सरकार https://www.youtube.com/watch?v=IXwHg27uBFA
इसी तर्ज पर ट्राइफेड के सभी 14 क्षेत्रीय कार्यालयों ने यूनिसेफ के साथ मिलकर वेबिनार का आयोजन किया।
क्षेत्रीय कार्यालय: कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, दिल्ली, गुवाहाटी, जयपुर, रांची, भुवनेश्वर, भोपाल, रायपुर, मुंबई, देहरादून, हैदराबाद
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एम/वीएस
(Release ID: 1617398)
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