Posted On:
26 MAR 2020 7:59PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रियों, राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य विभागों के अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के प्रबंधन के कार्यों और तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, दिल्ली, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, ओडिशा, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, दादरा और नगर हवेली, लद्दाख, मिजोरम, अंडमान और निकोबार, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, छत्तीसगढ़ आदि की भागीदारी देखी गई। मंत्रालय, एनसीडीसी और आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित थे। उन्होंने केरल की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती के. के. शैलजा के साथ टेलीफोन पर बातचीत भी की, क्योंकि वे वीसी में शामिल नहीं हो सकी थीं और उनके साथ केरल में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने इस बीमारी की प्रभावी रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी राज्यों को अधिक सतर्क रहने और भारत में इस बीमारी के संचार की श्रंखला को तोड़ने के लिए सभी संभव रोकथाम रणनीतियों को लागू करने के लिए कहा। उन्होंने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे लॉकडाउन को सख्ती से लागू करें और आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्यों में कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पतालों को स्थापित करने के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने सभी पुष्ट किए गए मामलों के प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार पर जोर दिया, ताकि सभी मामलों में संपर्क का पता लगाया जा सके और उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने पिछले एक महीने में भारत आए अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रभावी सामुदायिक निगरानी करने की इन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने घरों के क्वॉरंटीन का आकस्मिक सत्यापन करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी सलाह दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करने के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श दिया कि वे कोविड-19 से जुड़े कार्य के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों का पता लगाए और उन्हें स्वेच्छा से सेवा देने का अनुरोध करें। इसके अलावा, राज्यों को एम्बुलेंस ड्राइवरों, कॉल सेंटर कर्मियों और ईएमआर टीम के सदस्यों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने और कोविड-19 पोर्टल पर जिलेवार एम्बुलेंस विवरण को अपडेट करने की सलाह दी गई।
डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य कर्मियों के परिवहन के मुद्दे को प्राथमिकता दें ताकि चिकित्सा सुविधाओं में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी न हो। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सामान्य यात्रा की व्यवस्था करने की सलाह दी। इसके अलावा, उन्होंने कोविड-19 रोगी की देखभाल के लिए एम्स पोर्टल के साथ प्रभावी समन्वय करने और आईएमए, नर्सों व पैरामेडिक्स के अन्य संगठनों के साथ सक्रिय समन्वय की बात उठाई।
हाल ही में ऐसी रिपोर्ट आईं कि कुछ भूस्वामी और मकान मालिक उन डॉक्टरों / पैरामेडिक्स को अपने घर से निकाल रहे हैं जो कोविड-19 का मुकाबला करने में देश की सेवा कर रहे थे। इस ओर इशारा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों को सलाह दी कि वे मकान मालिकों को दिशा निर्देश जारी करें कि वे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से मकान खाली न कराएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने आज डॉक्टरों, अर्धसैनिकों और कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख बीमा कवर की घोषणा की। उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड-19 से संबंधित वस्तुओं की खरीद के लिए मेडिकल कॉलेजों को एनएचएम के तहत धन उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और अन्य विभाग साथ मिलकर 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति बनाए रखने में सहायक और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने राज्यों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि दवाख़ाने घर तक दवाओं की आपूर्ति करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है। क्वॉरंटीन के दायरे में रह रहे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों को सलाह दी कि वे पहले से क्वॉरंटीन (मनोवैज्ञानिकों) में रह रहे लोगों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करें। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और ऐप भी लॉन्च किया जा रहा है। उन्होंने राज्यों से कहा कि डॉक्टरों की ऐसी धुरी की पहचान करें जो ऐप का उपयोग करते हुए घर बैठे लोगों को सलाह दे सकेंगे।
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एएम/जीबी