मंत्रिमण्‍डल

मंत्रिमंडल ने विमुक्‍त, घुमंतू और अर्द्धघुमंतू समुदायों के लिए विकास एवं कल्‍याण बोर्ड के गठन के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी

Posted On: 19 FEB 2019 8:57PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज विमुक्‍तघुमंतू और अर्द्धघुमंतू समुदायों (डीएनसीएस) के लिए विकास एवं कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

पृष्‍ठभूमि :

राजग सरकार देश के सर्वाधिक वंचित नागरिकों तक पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विमुक्‍त घुमंतू और अर्द्धघुमंतू समुदाय (डीएनसी) देश के सबसे अधिक वंचित समुदाय हैं। इन समुदायों तक पहुंच बनाना मुश्किल है, ये ज्‍यादा दिखाई नहीं देते और इसलिए अक्‍सर छूट जाते हैं। जहां अधिकतर विमुक्‍त घुमंतू समुदाय अनुसूचित जातियों (एससी) अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल हैं, इसके बावजूद कुछ विमुक्‍त घुमंतू समुदाय किसी भी एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणियों में कवर नहीं किये गये हैं।

इसलिएनीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई हैजो विमुक्‍त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के (डीएनसीएसलोगों की पहचान की प्रक्रिया को पूराकरेग, जिन्हें अब तक औपचारिक रूप से वर्गीकृत नहीं किया गया है।

विमुक्‍तघुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के (डीएनसीएसलोगों की राज्य-वार सूची को तैयार करने तथा विमुक्‍त और घुमंतू जनजातियों के बारे में केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा अपनाये जा सकने वाले उचित उपाय सुझाने के लिए सरकार ने जुलाई 2014 में तीन वर्ष की अवधि के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपना कार्य 09. 01.2015 को शुरू किया और अपनी रिपोर्ट 8जनवरी 2018 को सौंप दी।

आयोग ने इन समुदायों के लिए एक स्थायी आयोग की स्थापना की सिफारिश की थी चूंकि अधिकांश डीएनटी को एससी,एसटी या ओबीसी के अंतर्गत कवर किया गया है, ऐसे में उनके विकास कीयोजनाओं को लाग करने के लिए स्थायी आयोग की स्थापना करना ज्यादा प्रभावी नहीं होगाबल्कि यह शिकायत निवारण करेगा तथा इसलिए इसका अनुसूचित जाति के लिए (राष्ट्रीय अनुसूचित जातिआयोग)अनुसूचित जनजाति के (राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोगऔर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए (राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग)  जैसे मौजूदा आयोगों के साथ टकराव होगा। इसके बाद सरकार नेयह निर्णय लिया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वाधान में संस्‍था पंजीकरण अधिनियम1860 के तहत एक विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए, जिसके माध्यम सेविमुक्‍तघुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों (डीएनसीएसके लोगों के विकास और कल्य़ाण कार्यक्रमों को लागू किया जा सके।

आयोग द्वारा तैयार की गई समुदायों की राज्‍यवार सूची इस आशय से पूरी नहीं है क्‍योंकि कुछ समुदायों के बारे में आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्‍हें और अधिक विधिमान्‍यकरण की आवश्‍यकता है।

अतुल कुमार तिवारी/एएम/एके/आरके/एस


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