श्रम और रोजगार मंत्रालय
विश्व आर्थिक मंच के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत है, जो जी-20 देशों में सबसे कम है: डॉ. मनसुख मांडविया
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और सुश्री शोभा करंदलाजे की उपस्थिति में ‘मेंटर टुगेदर’ और ‘क्विकर’ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
नौकरी चाहने वाले युवाओं के लिए राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल के माध्यम से नौकरी तक पहुंच और करियर मार्गदर्शन बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन
एनसीएस पोर्टल पर अब तक 7.22 करोड़ से अधिक रिक्तियां उपलब्ध कराई गईं
Posted On:
08 SEP 2025 3:21PM by PIB Delhi
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने विश्व आर्थिक मंच की 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025' का हवाला देते हुए कहा है कि भारत की बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत है, जो जी-20 देशों में सबसे कम है। उन्होंने भारत की तेज आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में हुए रोजगार सृजन और इस दिशा में योगदान देने वाली सरकारी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया आज नई दिल्ली में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और 'मेंटर टुगेदर' एवं 'क्विकर' के बीच राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर युवाओं की रोजगार क्षमता और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. मांडविया ने अपने संबोधन में कहा कि लगभग 52 लाख पंजीकृत नियोक्ताओं, 5.79 करोड़ नौकरी चाहने वालों और 7.22 करोड़ से अधिक रिक्तियों के साथ, राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) प्लेटफ़ॉर्म अब न केवल नौकरी लिस्टिंग प्रदान करने के लिए बल्कि सभी रोजगार-संबंधी सेवाओं के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में विकसित हो रहा है। वर्तमान में, पोर्टल पर 44 लाख से अधिक सक्रिय रिक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में, मंत्रालय ने अमेजन और स्विगी सहित दस प्रमुख संगठनों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन साझेदारियों से अब तक लगभग पांच लाख रिक्तियां उपलब्ध हो चुकी हैं।

युवाओं पर सरकार के नए सिरे से ध्यान केंद्रित किए जाने का उल्लेख करते हुए डॉ. मांडविया ने याद दिलाया कि अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और अवसर प्रदान करने के लिए 2 लाख करोड़ रुपए के कुल बजट वाली पांच प्रमुख योजनाओं के पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज का एक प्रमुख आकर्षण प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) है जिसके लिए 99,446 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसका उद्देश्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से ज्यादा रोजगारों के सृजन को प्रोत्साहित करना है जिनमें से 1.92 करोड़ पहली बार कार्यबल में प्रवेश करेंगे।
डॉ. मांडविया ने सेवाओं, विनिर्माण और कृषि के विकास के माध्यम से रोजगार सृजन के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि सरकार ने स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा और पीएम स्वनिधि जैसी परिवर्तनकारी योजनाएं शुरू की हैं।

मंत्रालय और दोनों संगठनों के बीच सहयोग का स्वागत करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि इन साझेदारियों से नौकरी चाहने वालों को उपयुक्त रोजगार अवसर और व्यवस्थित मार्गदर्शन उपलब्ध होगा। उन्होंने आगे कहा कि इन सहयोगों से न केवल युवाओं को बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि इस देश और इसके युवाओं का भविष्य उज्ज्वल हो।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि एनसीएस, डिजिटल रोजगार सुविधा के लिए भारत के प्रमुख मंच के रूप में उभरा है, जो एक ही स्थान पर नौकरी मिलान, परामर्श और कौशल विकास प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल हमारे युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेगी बल्कि उन्हें सही मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराएगी।
‘मेंटर टुगेदर’ के साथ साझेदारी के पहले वर्ष में ही दो लाख युवाओं तक पहुंच की उम्मीद है जिनमें एक लाख एनसीएस और एक लाख प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना के प्रतिभागी शामिल हैं। यह शहर और ज़िला स्तर पर पहुंच के साथ व्यक्तिगत करियर मार्गदर्शन प्रदान करेगा ताकि कोई भी नौकरी चाहने वाला पीछे न छूटे। यह पहली बार नौकरी चाहने वालों, विशेष रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आने वालों को 24,000 से अधिक प्रशिक्षित पेशेवरों से व्यक्तिगत मार्गदर्शन की सुविदा प्रदान करेगा।

‘क्विकर’ के साथ समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का उद्देश्य क्विकर जॉब्स से 1200 से ज्यादा शहरों में प्रतिदिन 1,200 से ज़्यादा नौकरियों की सूची को एनसीएस पोर्टल में एकीकृत करके रोजगार तंत्र को और मजबूत करना है। इस सहयोग से लाखों इच्छुक लोगों, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों तक पहुंच का विस्तार होगा।
‘मेंटर टुगेदर’ और ‘क्विकर’ के साथ हुए इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य, नौकरी चाहने वालों और निजी क्षेत्र के रोजगार के बीच की खाई को पाटने के मंत्रालय के दृष्टिकोण को और मजबूत करना है। ये साझेदारियां भविष्य के अनुरूप रोजगार मॉडल को दर्शाती हैं जो डिजिटल, समावेशी और सम्मानजनक है।
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