उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
प्रल्हाद जोशी उपभोक्ता मामलों के माननीय मंत्री ने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 के अवसर पर बम निरोधक प्रणालियों पर भारतीय मानक जारी किया
प्रविष्टि तिथि:
28 DEC 2025 2:57PM by PIB Delhi
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 के अवसर पर, उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री माननीय श्री प्रल्हाद जोशी ने आईएस 19445:2025 - बम निरोधक प्रणाली - प्रदर्शन मूल्यांकन और आवश्यकताएं जारी की। यह बम निरोधक अभियानों में सुरक्षा और मानकीकरण को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाया गया एक भारतीय मानक है।
मानक की आवश्यकता
गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) के अनुरोध के बाद, निम्नलिखित कारणों को ध्यान में रखते हुए आईएस 19445:2025 को बनाना शुरू किया गया है:
- सुरक्षा और नागरिक एजेंसियों में बम निरोधक प्रणालियों की तैनाती में वृद्धि
- इस प्रकार की प्रणालियों के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए एक समर्पित भारतीय मानक का अभाव
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक सीमित पहुंच और भारतीय खतरे की स्थितियों, गोला-बारूद और परिचालन स्थितियों के साथ उनका आंशिक असंगत होना।
बम निरोधक प्रणालियां जैसे बम ब्लैंकेट, बम बास्केट और बम निरोधक विस्फोटक खतरों को कम करने के लिए आमतौर पर उपयोग की जाती हैं। हालांकि भारत में कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संस्थाएं इन प्रणालियों का निर्माण करती हैं, लेकिन इनके क्षेत्र में सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिए कठोर और मानकीकृत प्रदर्शन मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।
आईएस 19445:2025 के प्रमुख प्रावधान
यह मानक बम निरोधक प्रणालियों विशेष रूप से विस्फोट भार और छर्रों के प्रभाव के संबंध में मूल्यांकन के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है। इसमें निम्नलिखित निर्दिष्ट हैं:
- परीक्षण उपकरण और परीक्षण रेंज की स्थितियों के लिए आवश्यकताएं
- प्रणाली के प्रदर्शन का वस्तुनिष्ठ आकलन करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रियाएं
- परिभाषित परीक्षण पद्धतियां, उपकरण, परीक्षण नमूने और स्वीकृति मानदंड
यह मानक परीक्षण प्रायोजकों, निर्माताओं और मान्यता प्राप्त परीक्षण एजेंसियों के लिए एक संदर्भ के रूप में कार्य करता है जिससे परीक्षण, प्रमाणन और खरीद प्रक्रियाओं में एकरूपता सुनिश्चित होती है।
बनाने की प्रक्रिया
आईएस 19445:2025 को नागरिक उपयोग के लिए शस्त्र एवं गोला-बारूद अनुभागीय समिति (पीजीडी 28) के अंतर्गत सर्वसम्मति-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से बनाया गया है। इस उद्देश्य के लिए, टीबीआरएल, डीआरडीओ की संयोजकता में बम निरोधक प्रणाली पैनल (पीजीडी 28/पी1) का गठन किया गया था।
इस प्रक्रिया में व्यापक हितधारकों की भागीदारी शामिल थी, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां : डीआरडीओ, एनएसजी, एमईएस, डीजीक्यूए, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल
- केंद्र और राज्य सरकार के संगठन : राज्य पुलिस प्राधिकरण, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), एनसीआरटीसी
- अनुसंधान एवं विकास संस्थान : बीपीआर एंड डी, एनआरएआई, टीबीआरएल, एनएसएफयू
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निर्माता
- परीक्षण और प्रमाणन विशेषज्ञ
सरकारी उपयोगकर्ता एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि मानक परिचालन संबंधी वास्तविकताओं, सुरक्षा संबंधी विचारों और बम का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने में लगे कर्मियों की क्षेत्र-स्तरीय आवश्यकताओं को दर्शाता हो।
वैश्विक कार्य प्रणालियों के अनुरूप
आईएस 19445:2025 को बनाते समय, अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और विश्व स्तर पर स्वीकृत प्रदर्शन अवधारणाओं को ध्यान में रखा गया, जिन्हें भारतीय जोखिम परिदृश्यों और परिचालन वातावरण के अनुसार अनुकूल बनाया गया। यह दृष्टिकोण राष्ट्रीय प्रासंगिकता को बनाए रखते हुए वैश्विक समन्वय को बढ़ावा देता है और भारतीय निर्माताओं को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सहायता करता है।
मुख्य लाभ
हाल ही में जारी किया गया मानक भारतीय सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राज्य पुलिस और नागरिक एजेंसियों द्वारा संघर्ष क्षेत्रों, छावनी क्षेत्रों और सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने वाले अविघटित बमों, तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) और हथगोले के कारण बढ़ते परिचालन जोखिमों को दूर करता है। इस मानक से निम्नलिखित लाभ मिलने की उम्मीद है:
- स्पष्ट रूप से परिभाषित और वस्तुनिष्ठ प्रदर्शन मूल्यांकन मानदंड
- ऑपरेटरों, आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं और आसपास मौजूद लोगों की सुरक्षा में सुधार।
- खरीद, परीक्षण और प्रमाणन के लिए एक पारदर्शी और एकसमान आधार
- मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी विकास और नवाचार के लिए समर्थन
- विभिन्न एजेंसियों के बीच उपकरणों की विश्वसनीयता और अंतरसंचालनीयता में सुधार।
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव, श्रीमती निधि खरे ने कहा कि आईएस 19445:2025 का उद्देश्य खरीद एजेंसियों, निर्माताओं और परीक्षण निकायों द्वारा स्वैच्छिक रूप से अपनाना है और इससे मूल्यांकन प्रणालियों में एकरूपता लाने, गुणवत्ता-संचालित विनिर्माण को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण सुरक्षा अभियानों में तैनात बम निरोधक प्रणालियों में विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।
आईएस 19445:2025 का प्रकाशन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की समयबद्ध और प्रासंगिक मानकीकरण के माध्यम से राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह सार्वजनिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता में योगदान देता है।
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पीके/केसी/पीपी/वीके
(रिलीज़ आईडी: 2209210)
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