निजी संघर्षों से लेकर ऑस्कर तक: कोलंबियाई फिल्म 'ए पोएट' ने चमक बिखेरी
'द डेविल स्मोक्स' एक भयावह पारिवारिक कहानी है जो हकीकत को धुंधला कर देती देती है
'से सी बॉन' मोंटैंड-सिग्नोरेट के जुनून और उथल-पुथल को फिर से दिखाती है
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में तीन महाद्वीपों की तीन फिल्मों ने अपनी चमक बिखेरी, जहाँ फ्रांस, कोलंबिया और मैक्सिको के फिल्म निर्माताओं ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पने काम को प्रस्तुत करने और अपनी रचनात्मक यात्राएं साझा कीं। दो फिल्में-'अ पोएट' (A Poet) और 'से सी बॉन' (C'est Si Bon) प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जबकि तीसरी फिल्म, 'द डेविल स्मोक्स' (The Devil Smokes), सर्वश्रेष्ठ पहली फीचर फिल्म (Best Debut Feature Film) के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही है।
कार्यक्रम में कोलंबिया की 'अ पोएट' शामिल रही, जिसे निर्देशक सिमोन जाइरो मेसा सोतो और निर्माता सारा नानक्लेरेस ने पेश किया। मेक्सिको की 'द डेविल स्मोक्स' का प्रतिनिधित्व फिल्मकार एर्नेस्टो मार्टिनेज़ बुशियो ने किया; और फ्रांस की अनुभवी निर्देशक डायने क्यूरिस ने अपनी फिल्म 'से सी बॉन' प्रस्तुत की।

अर्नेस्टो ने एक दमदार फीचर फिल्म से शुरुआत की
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए निर्देशक एर्नेस्टो मार्टिनेज़ बुशियो ने बताया कि 'द डेविल स्मोक्स' एक फीचर फिल्म निर्माता के रूप में उनकी पहली फिल्म है। उन्होंने कहा कि शॉर्ट फिल्मों से फुल-लेंथ फीचर तक का सफर उनके लिए एक बड़ा रचनात्मक कदम रहा। फिल्म की कहानी पाँच शांत स्वभाव वाले भाई-बहनों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें उनके माता-पिता छोड़ देते हैं और जिनकी देखभाल उनकी दादी करती है, जो स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित है। इस परिस्थिति में बच्चों के लिए हकीकत और कल्पना की सीमाएँ धीरे-धीरे धुंधली हो जाती हैं। एर्नेस्टो ने बताया कि फिल्म के लिए कास्टिंग प्रक्रिया बेहद सूक्ष्म और सोच-समझकर की गई थी। उन्होंने भरोसा और भावनात्मक प्रामाणिकता विकसित करने के लिए बाल कलाकारों के साथ विस्तृत मास्टरक्लास आयोजित किए। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य ऐसी स्थानीय कहानियाँ बताना है जो वैश्विक स्तर पर भी जुड़ाव पैदा करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी कहानी के वैश्विक प्रभाव के बारे में अधिक सोचने के बजाय उसके मूल सार और भावनात्मक सच्चाई पर ध्यान देना पसंद करते हैं।

“द पोएट” निर्देशक की निजी यात्रा से प्रेरित
कोलंबियाई निर्देशक सिमोन जैरो मेसा सोटो ने बताया कि 'अ पोएट' (A Poet) उनकी केवल दूसरी फीचर फिल्म है, जिसके लिए उन्होंने पटकथा भी लिखी है। उन्होंने खुलासा किया कि यह कहानी व्यक्तिगत अनुभवों और शुरुआती जीवन के संघर्षों से प्रेरित है। फिल्म एक उम्रदराज कवि पर केंद्रित है जो एक प्रतिभाशाली किशोरी को सलाह देते समय एक नया उद्देश्य पाता है, भले ही वह उसे कविता की दुनिया की चुनौतियों से अवगत कराने के बारे में चिंतित है, ऐसी चुनौतियाँ जिन्होंने कभी उसकी खुद की महत्वाकांक्षाओं को रोक दिया था। अपनी पहली फिल्म के साधारण प्रदर्शन के बाद, उन्होंने कोलंबिया में फिल्म के शानदार रिस्पॉन्स पर खुशी व्यक्त की और बताया कि 'अ पोएट' को ऑस्कर के लिए कोलंबिया की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी चुना गया है। मेसा ने कोलंबियाई सिनेमा के बदलते परिदृश्य पर चर्चा क और कहा कि कि स्थानीय दर्शक धीरे-धीरे घरेलू फिल्मों के प्रति अधिक आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने अपनी महामारी-युग की पहली फिल्म और अपनी वर्तमान रिलीज़ के बीच विपरीत वितरण अनुभवों पर भी विचार साझा किए।

कुरिस ने अपनी नई फिल्म "से सी बॉन" में वास्तविक कहानियों पर ज़ोर दिया
अनुभवी फ्रांसीसी फिल्म निर्माता डायने कुरिस ने अपनी फिल्म 'से सी बॉन' का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने प्रामाणिकता के साथ वास्तविक कहानियों को अपनाने के अपने जुनून को उजागर किया। यह फिल्म सिनेमा आइकॉन यवेस मोंटैंड और सिमोन सिग्नोरे की उतार-चढ़ाव भरी प्रेम कहानी को बयान करती है, जिसका गहरा रिश्ता यवेस मोंटैंड के मर्लिन मुनरो के साथ अफेयर के कारण डगमगा जाता है। पुरानी पेरिस की पृष्ठभूमि में रची यह कहानी प्रेम, विश्वासघात और कलात्मक चमक से भरे एक दौर को जीवंत करती है। कुरिस ने बताया कि उनकी पहली फिल्म, जो उनके अपने परिवार पर आधारित थी, आज भी उनका सबसे सफल काम बनी हुई है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि फ्रांसीसी समाज और फिल्म उद्योग द्वारा दिए जाने वाले मजबूत संस्थागत समर्थन ने फ्रेंच सिनेमा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सम्मेलन ने इस वर्ष के इफ्फी में प्रदर्शित समकालीन सिनेमा की विविधता, गहराई और अंतरराष्ट्रीय भावना पर जोर दिया गया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का लिंक
फिल्मों के ट्रेलर
इफ्फी के बारे में
1952 में स्थापित, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) दक्षिण एशिया के सिनेमा का सबसे पुराना और सबसे बड़ा सिनेमा महोत्सव रहा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) और गोवा एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव एक वैश्विक सिनेमाई शक्ति केंद्र बन चुका है-जहां बहाल किए गए क्लासिक्स का संगम साहसिक प्रयोगों से होता है और जहां दिग्गज उस्तादों के साथ नए फिल्मकार भी एक ही मंच साझा करते हैं। जो चीज इफ्फी को खास बनाता है, वह है इसका जीवंत मिश्रण- अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक प्रदर्शन, मास्टरक्लास, श्रद्धांजलि, और जोश से लबरेज वेव्स फिल्म बाजार, जहाँ विचार, सौदे और सहयोग उड़ान भरते हैं। गोवा के मनमोहक समुद्री तटों की पृष्ठभूमि में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाला 56वां संस्करण भाषाओं, शैलियों, नवाचारों और आवाज़ों का एक शानदार संगम पेश करने का वादा करता है जो वैश्विक मंच पर भारत की रचनात्मक प्रतिभा का एक डूबो देने वाला उत्सव है।
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पीके/ केसी/ केजे
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