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कहानियों की सुनामी: आईएफएफआई में आकर्षण का केन्द्र देश (कंट्री फोकस) जापान की धूम


सीसाइड सेरेन्डिपिटी से शो की शुरुआत की गई

लाइट्स. कैमरा. कनिचिवा!

गोवा आज समुद्री हवा और शुद्ध सिनेमाई लहर के मिश्रण के साथ जाग उठा, क्योंकि 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने बहुप्रतीक्षित आकर्षण का केन्द्र  देश (कंट्री फोकस) जापान की कला के प्रदर्शन का शुभारंभ किया। और यह क्या गजब का समागम था! पर्दे पर आने वाली पहली फिल्म-'सीसाइड सेरेन्डिपिटी' (उम्बीबे ए इकु मिची)-ने पूरे आयोजन स्थल को सुनहरे तटीय जादू से सराबोर कर दिया, जो दर्शकों को बचपन के आश्चर्य, कलात्मकता की गहराई और सूरज की रोशनी में कहानी कहने की दुनिया में ले गई। इस अवसर पर फिल्म के कलाकार और क्रू मेंबर ने भी रेड कारपेट पर वॉक किया।

 

आईएफएफआई 2025 के लिए विशेष आकर्षकण का केंद्र जापान चकाचौंध करने वाला सिनेमाई दल के साथ आया है-छह फिल्में जो ऊर्जा, भावना और असाधारण कलात्मक धैर्य के साथ स्पंदन से भरी हैं। दिल में बस जाने वाले कोमल नाटकों से लेकर सीमाओं को लांघने वाली साहसिक विलक्षण कथाओं तक; अंतर-सांस्कृतिक दिल टूटने से लेकर युवाओं की विज्ञान-कथा की चमक और स्वप्निल, प्रयोगात्मक कला-गृह चित्रपट (टेपेस्ट्री) तक - यह लाइनअप जापानी कहानी कहने में एक मास्टरक्लास से कम नहीं है।

क्यूरेशन एक सेल्युलॉइड बहुरूपदर्शक (कैलिडोस्कोप) है, जो जापान के विकसित होते फिल्म जगत का एक जीवंत पासपोर्ट है। यह नई आवाज, दूरदर्शी दिग्गज और हर उस कथाकार का उत्सव मनाता है जो शैलियों को धुंधला करने, नियमों को मोड़ने और रूढ़ियों को तोड़ने का साहस करता है। भावनाओं, सौंदर्यबोध और अविस्मरणीय दृश्यों के रोलरकोस्टर के लिए तैयार हो जाइए, जिसका नेतृत्व एक ऐसे देश द्वारा किया जाएगा जिसका सिनेमा दुनिया को मंत्रमुग्ध कर रहा है।

आकर्षण का केन्द्र देश (कंट्री फोकस) : जापान शोकेस - फिल्में और सारांश

1. ए पेल व्यू ऑफ हिल्स (तोई यामानामी नो हिकार)

जापान, यूके, पोलैंड | 2025 | अंग्रेजी, जापानी | 123’| रंगीन

नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक कज़ुओ इशिगुरो की 1982, यूके 1982 की इसी नाम की पुस्तक पर आधारित। एक युवा महत्वाकांक्षी जापानी-ब्रिटिश लेखिका अपनी मां एत्सुको के नागासाकी में युद्ध के बाद के अनुभवों पर आधारित एक किताब लिखने की योजना बनाई। अपनी बड़ी बेटी की आत्महत्या से आहत एत्सुको 1952 से एक युवा मां के रूप में अपनी यादों को ताजा करना शुरू कर देती है। उसकी कहानी सचिको के साथ उसकी मुलाकात से शुरू होती है, जो एक युवा महिला है जो अपनी छोटी बेटी मारिको के साथ विदेश में एक नया जीवन शुरू करने की आशा से भरी है, जो कभी-कभी एक भयानक महिला की यादों का जिक्र करती है। लेखिका को अपनी मां के नागासाकी में बिताए वर्षों की यादों को एत्सुको द्वारा साझा की गई यादों के साथ जोड़ते समय परेशान करने वाली विसंगतियां नजर आती हैं।

2. कैच द स्टार्स ऑफ द समर (कोनो नात्सु नो होशी वो मिरू)

जापान | 2025 | जापानी | 126’ | रंगीन

मिज़ुकी त्सुजिमुरा के सबसे अधिक बिकने वाले उपन्यास कैचिंग द स्टार्स ऑफ दिस समर पर आधारित यह फिल्म जापान के 2020 कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक कहानी को रूपांतरित करती है। तीन छात्र, इबाराकी से आसा, टोक्यो से महिरो, और नागासाकी के गोटो द्वीप से मडोका, स्कूल बंद होने के कारण क्लब की गतिविधियों में बाधा आने के बाद ऑनलाइन जुड़ते हैं। खगोल विज्ञान के प्रति अपने प्रेम से एकजुट होकर वे एक आभासी तारा पकड़ो प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, जिसमें वे अपने घर में बने दूरबीनों से तारों को खोजने के लिए दौड़ लगाते हैं। जैसे-जैसे उनकी दोस्ती क्षेत्रीय और भावनात्मक दूरी के पार गहरी होती जाती है, उनकी प्रतियोगिता एक अप्रत्याशित चमत्कार के रूप में समाप्त होती है जो भौगोलिक सीमाओं और महामारी संबंधी सीमाओं को पार कर जाती है।

3. डियर स्ट्रेंजर

जापान, ताइवान, अमेरिका | 2025 | अंग्रेज़ी, चीनी | 138’ |

डियर स्ट्रेंजर न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले एक जापानी व्यक्ति और उसकी ताइवानी-अमेरिकी पत्नी की कहानी है। काम, पालन-पोषण और देखभाल के साथ संघर्ष करते हुए उनका पहले से ही तनावपूर्ण जीवन तब संकट में पड़ जाता है जब उनके बेटे का अपहरण हो जाता है। यह दर्दनाक घटना लंबे समय से दबे रहस्यों और भावनात्मक घावों को सतह पर ला देती है तथा उनके बीच की दूरी को और गहरा कर देती है। जैसे-जैसे वे दोनों दुःख और संदेह से जूझते हैं, दबाव के कारण दंपत्ति का रिश्ता टूटता जाता है, जिससे विश्वास, सांस्कृतिक पहचान और एक खुशहाल परिवार के आदर्श के बारे में कठिन प्रश्न उठते हैं। यह फिल्म आप्रवासी जीवन की जटिलताओं, पारिवारिक गतिशीलता और त्रासदी के बीच सामंजस्य की खोज को दर्शाती है।

4.सीसाइड सेरेन्डिपिटी (उमीबे ईकु मिची)

जापान | 2025 | जापानी | 140’ | रंगीन

एक जीवंत तटीय शहर में स्थित जहां कलाकार और पुराने निवासी एक साथ आते हैं, सीसाइड सेरेन्डिपिटी मध्य विद्यालय के छात्र सोसुके और उसके दोस्तों की कहानी है, जो रचनात्मकता और जिज्ञासा से भरपूर एक अविस्मरणीय गर्मी के दौरान गुजरते हैं। जैसे-जैसे वे अपनी ऊर्जा कला और अन्वेषण में लगाते हैं, उनका मस्त स्वरूप रहस्यों, पछतावे और आत्म-खोज से दबे वयस्कों के दृष्टिकोण से जुड़ता जाता है, जबकि बच्चे असीम कल्पना के साथ चुनौतियों का सामना करते हैं। झिलमिलाते सूरज के नीचे निरन्तर बदलता यह शहर एक जीवंत चरित्र बन जाता है। चंचल संघर्ष और छोटे शहर के रहस्यों के माध्यम से सीसाइड सेरेन्डिपिटी हास्य, कोमलता और शांत आत्मनिरीक्षण से भरे हुए लघुचित्रों की एक धूप से प्रकाशित टेपेस्ट्री बन जाती है।

5. टाइगर

जापान | 2025 | जापानी | 127’ | रंगीन

टोक्यो के भूमिगत विलक्षण परिदृश्य पर आधारित फिल्म टाइगर में 35 वर्षीय समलैंगिक मालिश करने वाले ताइगा कटागिरी की कहानी है, जो अपनी अलग हो चुकी बहन के साथ विरासत को लेकर बढ़ते संघर्ष से जूझता है। यह तनाव सही और गलत के बीच की रेखा को धुंधला कर देता है तथा कठोर पारिवारिक गतिशीलता और सामाजिक दबाव को उजागर करता है। ताइगा केवल पुरुषों के लिए बने मसाज पार्लर में चुनौतीपूर्ण काम और समलैंगिक पोर्न ऑडिशन के बीच संतुलन बनाते हुए स्वीकृति और पहचान की एक जटिल दुनिया में प्रवेश करता है। यह फिल्म एक गहरे विभाजित समाज में LGBTQ+ जीवन की जटिलताओं की पड़ताल करती है तथा व्यक्तिगत और पारिवारिक संघर्ष का एक मार्मिक, प्रामाणिक चित्र प्रस्तुत करती है।

6. टू सीजन्स, टू स्ट्रेंजर्स (तबी से हिबी तक)

जापान | 2025 | जापानी | 89’ | रंगीन

गर्मी और सर्दी के विपरीत मौसमों पर आधारित, टू सीजन्स, टू स्ट्रेंजर्स दो मार्मिक कहानियों को आपस में जोड़ती है। समुद्र के किनारे एक बरसाती गर्मी के मौसम में शहर की एक महिला नागिसा और एक युवा पर्यटक नत्सुओ समुद्र में एक साथ उतरते समय अजीबोगरीब बातें करते हैं। बर्फ से ढकी सर्दियों में ली, एक रचनात्मक रूप से अवरुद्ध पटकथा लेखक, रहस्यमय बेन्ज़ो द्वारा संचालित एक दूरस्थ गेस्टहाउस में पहुंचता है। उनकी छिटपुट बातचीत उनके बढ़ते संबंधों को छुपाती है तथा उन्हें एक अप्रत्याशित यात्रा पर ले जाती है। यह फिल्म कल्पित और जीवंत वास्तविकताओं के बीच सूक्ष्म अंतर्संबंध को बड़ी ही बारीकी से दर्शाती है।

आईएफएफआई के बारे में

1952 में स्थापित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) दक्षिण एशिया में सिनेमा का सबसे पुराना और सबसे बड़ा उत्सव है। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी),  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार और एंटरटेनमेंट सोसायटी ऑफ गोवा (ईएसजी), गोवा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव एक वैश्विक सिनेमाई महाशक्ति के रूप में विकसित हुआ है—जहां पुनर्स्थापित क्लासिक फिल्में साहसिक प्रयोगों से मिलती हैं, और दिग्गज कलाकार पहली बार आने वाले नवोदित कलाकारों के साथ मंच साझा करते हैं। आईएफएफआई को लोकप्रिय और आकर्षक आयोजन बनाने में इसके प्रमुख कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रदर्शन, जाने माने फिल्मकारों द्वारा संचालित मास्टरक्लास, फिल्म से जुड़े दिग्गजों का श्रद्धांजलि संवर्ग और विस्तृत वेव्स फिल्म बाजार शामिल हैं, जहां विचार, फिल्म संबंधी खरीद और निर्माण सहयोग सपनों को पंख मिलता है। 20 से 28 नवंबर तक गोवा की शानदार तटीय पृष्ठभूमि में आयोजित, 56वां संस्करण भाषाओं, शैलियों, नवनिर्माण और सृजनशील आवाजों के जरिए वैश्विक मंच पर भारत की विलक्षण सृजनशील प्रतिभा पेश करता है।

 

अधिक जानकारी के लिए, क्लिक करें: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2187436#:~:text=Japan%20is%20the%20Country%20of,the%20nation's%20evolving%20film%20language.

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2190314

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पीके/केसी/आरकेजे


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