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इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि
257.77 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इस निधि ने देश भर में 128 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की है
Posted On:
15 NOV 2025 10:25AM by PIB Delhi

परिचय
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं, जो कई सरकारी पहलकदमियों और उद्योग से संबंधित सुधारों के कारण संभव हुआ है। देश इलेक्ट्रॉनिक्स डिज़ाइन और विनिर्माण के एक वैश्विक केंद्र के रूप में तेज़ी से उभर रहा है जहां तेज़ी से तकनीकी परिवर्तन और नवाचार हो रहे हैं।
इस गति को बनाये रखने और मज़बूत नवाचार संबंधी इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए भारत सरकार ने 15 फ़रवरी 2016 को इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कोष (ईडीएफ) की शुरुआत की। इस कोष का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स, नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

ईडीएफ एक फंड ऑफ फंड्स के रूप में कार्य करता है, जिसे पेशेवर रूप से प्रबंधित डॉटर फंड्स, जैसे कि शुरुआती चरण के एंजेल और वेंचर फंड्स, में निवेश करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके बदले में, ये डॉटर फंड्स स्टार्टअप्स और नई तकनीकें विकसित करने वाली कंपनियों को जोखिम पूंजी प्रदान करते हैं। ऐसा करके, ईडीएफ ने एक आत्मनिर्भर इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो देश के भीतर नवाचार, उत्पाद डिजाइन और बौद्धिक संपदा निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
लक्ष्य और रणनीतिक उद्देश्य
ईडीएफ की स्थापना भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नवाचार और अनुसंधान के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने के उद्देश्य से की गई है। इसका उद्देश्य ऐसे फंडों का समर्थन करके इकोसिस्टम को मज़बूत करना है जो स्टार्टअप्स और अत्याधुनिक तकनीकों के विकास में लगी कंपनियों को जोखिम पूंजी प्रदान करते हैं।
प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- नवाचार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना: बाज़ार-संचालित और उद्योग-संचालित नवाचार का समर्थन करके इलेक्ट्रॉनिक्स, नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना।
- डॉटर फंड्स का समर्थन: पेशेवर रूप से प्रबंधित डॉटर फंड्स में निवेश करना,जैसे प्रारंभिक चरण के एंजेल और वेंचर फंड,में निवेश करना,जो बदले में स्टार्टअप्स और प्रौद्योगिकी उद्यमों को पूंजी प्रदान करते हैं।
- उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित करना: देश में नए उत्पादों,प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों के सृजन में शामिल कंपनियों को समर्थन देकर उद्यमशीलता को बढ़ावा देना।
- घरेलू डिज़ाइन क्षमताओं का सशक्तीकरण: इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में स्वदेशी डिज़ाइन और विकास के लिए भारत की क्षमता को बढ़ाना।
- राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा संसाधन पूल का निर्माण: प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बौद्धिक संपदा का एक मज़बूत आधार तैयार करना और भारत में नवाचार के स्वामित्व को प्रोत्साहित करना।
- रणनीतिक अधिग्रहण को सुगम बनाना: उन क्षेत्रों में विदेशी प्रौद्योगिकियों और कंपनियों के अधिग्रहण को सक्षम बनाना जहां बड़े पैमाने पर संंबंधित उत्पादों का आयात होता है। इससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलने और आयात पर निर्भरता को कम होने की संभावना है।
फंड की प्रमुख परिचालन विशेषताएं
इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कोष (ईडीएफ) एक लचीले और पेशेवर रूप से प्रबंधित ढांचे के माध्यम से संचालित होता है,जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्रों में कुशल निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका ढांचा पारदर्शिता बाज़ार की जवाबदेही और निधियों के रणनीतिक आवंटन को सुनिश्चित करता है।


इस योजना से जुड़े हर डॉटर फंड का भारत में पंजीकृत होना आवश्यक है और इसे सभी लागू नियम कानून मानना होगा जिसमें सेबी के वैकल्पिक निवेश फंड के श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के नियम भी शामिल हैं।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी सहभागी निधियां एक सुपरिभाषित नियामक ढांचे के अंतर्गत काम करें और साथ ही ईडीएफ के अनुसंधान, उद्यमिता और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें।
मुख्य विशेषताएं:
- ईडीएफ गैर-एक्सक्लूसिव आधार पर डॉटर फंड्स में भाग लेता है, जिससे पूरे उद्योग में व्यापक सहयोग और भागीदारी संभव होती है।
- डॉटर फंड के कुल कोष में ईडीएफ का हिस्सा बाजार की आवश्यकताओं और ईडीएफ के नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुसार फंड का प्रबंधन करने की निवेश प्रबंधक की क्षमता द्वारा निर्धारित होता है।
- ईडीएफ आमतौर पर प्रत्येक डॉटर फंड में अल्पमत भागीदारी बनाए रखता है, जिससे अधिक निजी निवेश और पेशेवर फंड प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलता है।
- डॉटर फंड्स के निवेश प्रबंधकों को कोष जुटाने, निवेश करने और पोर्टफोलियो प्रदर्शन की निगरानी करने के लिए लचीलापन और स्वायत्तता दी जाती है।
- ईडीएफ की भागीदारी इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधित इकोसिस्टम की संपूर्ण वैल्यू चेन में उपलब्ध है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय कवरेज सुनिश्चित होता है।
- डॉटर फंड्स का अंतिम चयन निवेश प्रबंधक द्वारा विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया जाता है।
उपलब्धियाँ और प्रभाव
इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कोष (ईडीएफ) ने भारत के नवाचार इकोसिस्टम को संवर्द्धित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। ईडीएफ ने अपने योगदानकर्ताओं से कुल 216.33 रुपये करोड़ प्राप्त किए हैं,जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्राप्त 210.33 करोड़ रुपये शामिल हैं।
समर्थित स्टार्टअप इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोटिक्स, ड्रोन, स्वयंचालित वाहन,स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग जैसे अग्रणी क्षेत्रों में काम करते हैं जो भारत को एक उन्नत तकनीकी नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
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क्रम संख्या:
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डॉटर फंड का नाम
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ईडीएफ द्वारा निवेश राशि (करोड़ रुपये)
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डॉटर फंड निवेश (करोड़ रुपये)
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वित्तपोषित स्टार्टअप्स की कुल संख्या
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1
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यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स ट्रस्ट
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15.82
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63.64
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17
|
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2
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आरुहा टेक्नोलॉजी फंड - 1
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6.75
|
26.22
|
13
|
|
3
|
एंडिया सीड को-क्रिएशन फंड
|
30.00
|
137.03
|
12
|
|
4
|
करसेमवेन फंड
|
24.00
|
83.43
|
17
|
|
5
|
पाई वेंचर्स फंड 1
|
15.00
|
186.53
|
15
|
|
6
|
योरनेस्ट इंडिया वीसी फंड II
|
43.15
|
185.54
|
19
|
|
7
|
वेंचरईस्ट प्रोएक्टिव फंड - II
|
97.75
|
425.7
|
18
|
|
8
|
एक्सफिनिटी टेक्नोलॉजी फंड सीरीज II
|
25.30
|
227.68
|
17
|
|
कुल
|
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257.77
|
1335.77
|
128
|
30 सितंबर 2025 तक:
- ईडीएफ ने आठ डॉटर फंड्स में 257.77 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
- इन डॉटर फंड्स ने 128 स्टार्टअप्स और उपक्रमों में 1,335.77 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया है।
- समर्थित स्टार्टअप्स ने उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में 23,600 से अधिक नौकरियां सृजित की हैं।
- समर्थित स्टार्टअप्स द्वारा कुल 368 बौद्धिक संपदा (आईपी) सृजित या अर्जित की गई हैं।
- 128 समर्थित स्टार्टअप्स में से, डॉटर फंड्स 37 निवेशों से बाहर निकल चुके हैं।
- ईडीएफ को निकासी और आंशिक निकासी से प्राप्त संचयी रिटर्न 173.88 करोड़ रुपये है।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कोष ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी क्षेत्रों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जोखिम पूंजी तक पहुँच को सक्षम बनाकर, इसने उन्नत तकनीकों पर काम कर रहे स्टार्टअप्स को समर्थन दिया है और घरेलू डिज़ाइन और बौद्धिक संपदा सृजन के विस्तार में योगदान दिया है। कोष के पारदर्शी और पेशेवर रूप से प्रबंधित ढांचे ने निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ाने और देश में एक जीवंत,आत्मनिर्भर इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र की नींव को मजबूत करने में मदद की है।
संदर्भ:
MEITY:
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