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डीजीजीआई दिल्ली जोनल यूनिट ने 645 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया; मुख्य संचालक को गिरफ्तार किया

Posted On: 13 NOV 2025 6:46PM by PIB Delhi

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई), दिल्ली की क्षेत्रीय इकाई ने दिल्ली के एक सिंडिकेट की ओर से चलाए जा रहे 229 फर्जी जीएसटी-पंजीकृत फर्मों के एक नेटवर्क के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का धोखाधड़ी करके लाभ उठाने और उसे पास करने के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है।

विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर, डीजीजीआई अधिकारियों ने दिल्ली भर में कई परिसरों में सुनिश्चित तलाशी अभियान चलाया, जिसमें बड़ी मात्रा में दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और बहीखाते बरामद हुए, जिनसे पता चला कि ऐसी गैर-मौजूद कंपनियां बिना किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति के चालान जारी करने में लगी हुई थीं। इसमें 162 मोबाइल फोन, जिनका इस्तेमाल संभवतः जीएसटी/ बैंकिंग उद्देश्यों के लिए ओटीपी पता करने में किया गया था, 44 डिजिटल हस्ताक्षर और विभिन्न फर्मों की 200 से अधिक चेकबुक शामिल थीं। शुरुआती जांच से पता चलता है कि ये फर्जी संस्थाएं बिना किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति के चालान जारी करने में लगी हुई थीं, जिसके चलते लगभग 645 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी धोखाधड़ी से पारित की गई, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

जांच से पता चला है कि प्रमुख षड्यंत्रकारी श्री मुकेश शर्मा ने फर्जी संस्थाओं के इस नेटवर्क का संचालन किया था। साक्ष्य जीएसटी पंजीकरण और रिटर्न तथा फर्जी फर्मों के रिकॉर्ड के प्रबंधन, बैंकिंग लेन-देन के प्रबंधन और कई स्तरों के माध्यम से अवैध धन के संचलन को सुगम बनाने में उनकी सक्रिय भूमिका की ओर इशारा करते हैं। चूंकि, श्री मुकेश शर्मा के अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, इसलिए उन्हें 11.11.25 को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जांच में संभावित धन शोधन का भी पता चला है, जिसमें धोखाधड़ी की आय को कथित तौर पर एक एनजीओ और एक राजनीतिक संगठन के माध्यम से इधर-उधर किया गया। आगे की जांच जारी है।

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पीके/केसी/एमएम/एसएस


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