वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता और नैतिक तौर-तरीकों को बढ़ावा देने के लिए जीईएम ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह अभियान शुरू किया
नई जीईएम पहल खरीदारों और अंतिम छोर के विक्रेताओं को सुरक्षित, निष्पक्ष और अनुपालन आधारित खरीद के अवसर प्रदान करती है
Posted On:
25 SEP 2025 4:14PM by PIB Delhi
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसका शीर्षक है "जीईएम की सुनें, सतर्क रहें, जिम्मेदार बनें", जो सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, ईमानदारी और नैतिक तौर-तरीकों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
इस अभियान को एक व्यापक जागरूकता और शैक्षिक पहल के रूप में डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य खरीदारों को सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने, नियमों का पालन करने और जीईएम के अंतर्निहित सुरक्षा उपायों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही, विक्रेताओं—विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों के उद्यमियों, स्टार्टअप और एमएसई को प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित, अनुपालन योग्य और पारदर्शी अवसरों तक पहुंच प्रदान करना है। जीईएम के मजबूत सुरक्षा उपाय, जिनमें रेड-फ्लैग अलर्ट, संरचित बोली शर्तें और पारदर्शी ऑडिट ट्रेल्स शामिल हैं। इससे प्रत्येक लेनदेन का सुरक्षित, निष्पक्ष और विश्वसनीय होना सुनिश्चित होता है।
इस अभियान के तहत, जीईएम विविध व्यावसायिक समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से लेकर, स्थानीय स्तर पर प्रेस आउटरीच भी शुरू कर रहा है। यह आउटरीच इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध अवसरों की व्यापकता और भारत के सुदूरतम भागों के उद्यमियों को भी सार्वजनिक खरीद में आत्मविश्वास से भाग लेने के लिए सशक्त बनाने पर इसके फोकस को दर्शाता है।
इस अवसर पर जीईएम के सीईओ श्री मिहिर कुमार ने कहा कि जीईएम सिर्फ एक मंच नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक खरीद में निष्पक्षता, समावेशिता और विश्वास के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह सभी हितधारकों को याद दिलाता है कि पारदर्शिता और जिम्मेदारी साझा मूल्य हैं। देश भर में अंतिम छोर के विक्रेताओं, स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को खरीदारों से जोड़कर, जीईएम यह सुनिश्चित करता है कि विकास समावेशी, नैतिक और टिकाऊ बना रहे।
जीईएम स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों, बुनकरों और एफपीओ के लिए आठ समर्पित #VocalForLocal आउटलेट और क्यूरेटेड मार्केट पेजों के माध्यम से अवसरों का विस्तार भी कर रहा है। एक प्रगतिशील राजस्व नीति के साथ, जहां 97 प्रतिशत ऑर्डर लेनदेन शुल्क से मुक्त हैं और नए विक्रेताओं के लिए कॉशन मनी की आवश्यकता को माफ कर दिया गया है। ऐसे में देश भर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए भागीदारी को सरल, अधिक समावेशी और किफायती बनाया गया है।
इन उपायों का असर पहले से ही दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश में, विक्रेताओं को जीईएम के माध्यम से 38,027 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा 26,937 करोड़ रुपये, स्टार्टअप द्वारा 1,584 करोड़ रुपये, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों द्वारा 3,197 करोड़ रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों द्वारा 1,306 करोड़ रुपये शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में, विक्रेताओं को 87,873 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा 48,575 करोड़ रुपये, स्टार्टअप द्वारा 420 करोड़ रुपये, महिला उद्यमियों द्वारा 1,242 करोड़ रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विक्रेताओं द्वारा 199 करोड़ रुपये का योगदान शामिल है।
ये उपलब्धियां भारत के विश्वसनीय सार्वजनिक खरीद इको-सिस्टम के रूप में जीईएम की बढ़ती भूमिका को उजागर करती हैं तथा समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने वाले समावेशी, पारदर्शी और न्यायसंगत बाजार के निर्माण के इसके मिशन को मजबूत करती हैं।
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पीके/केसी/एसकेएस/एनजे
(Release ID: 2171257)
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