सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत परिकल्पना ने भारत को रक्षा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स और सामाजिक विकास के कई अन्य प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाया है: उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन


राष्ट्र प्रथम, भारत प्रथम की भावना हमारी विकास यात्रा का मार्गदर्शन करती है; यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक के हृदय में गूंज रही है: उपराष्ट्रपति

एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण केवल शक्ति से नहीं, बल्कि चरित्र और एकता से होता है: उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन

प्रधानमंत्री ने राजनीति को लोगों की सेवा का माध्यम बनाया और शासन में समावेशी दृष्टिकोण के साथ बदलाव किया: श्री अश्विनी वैष्णव

प्रधानमंत्री का नेतृत्व एक प्रेरणा है क्योंकि वे समाज, सेवा और राष्ट्र को स्वयं से ऊपर रखते हैं: श्री अश्विनी वैष्णव

Posted On: 22 SEP 2025 6:41PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जून 2022-मई 2023 और जून 2023-मई 2024 के बीच दिए गए चुनिंदा भाषणों के चौथे और पांचवें खंड का विमोचन किया। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ शीर्षक वाले ये संकलन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किए हैं।

उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना ने भारत को रक्षा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स और सामाजिक विकास के कई अन्य प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक मज़बूत राष्ट्र का निर्माण केवल शक्ति से ही नहीं, बल्कि चरित्र और एकता से भी होता है।

उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मातृभाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, सुलभ स्वास्थ्य सेवा, गरीबी उन्मूलन, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन 1.4 अरब भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के शक्तिशाली साधन हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में किए गए विकासात्मक उपायों ने 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर आने और सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा, "जब किसी घर में शौचालय बनता है, तो यह 'मनुष्य' यानी घर के मन को सम्मान देता है।" उपराष्ट्रपति ने इस प्रकाशन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और उसकी मीडिया इकाई प्रकाशन विभाग की टीम को बधाई दी।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी की निस्वार्थ सेवा ने लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राजनीति को लोगों की सेवा का माध्यम बनाया है और शासन में अपने समावेशी दृष्टिकोण से बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का नेतृत्व एक प्रेरणा है क्योंकि वे समाज, सेवा और राष्ट्र को स्वयं से ऊपर रखते हैं। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि नया संकलन शोधार्थियों के लिए पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को समझने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगा।

 

राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी को विश्व के सर्वश्रेष्ठ संचारकों में से एक बताया तथा कहा कि वे लोगों से जुड़ने के लिए प्रत्येक योजना का नामकरण करते समय भी अत्यंत सावधानी बरतते हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव, श्री संजय जाजू ने कहा कि ये खंड प्रधानमंत्री के शासन मॉडल पर प्रामाणिक संदर्भ सामग्री प्रदान करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ये खंड भारत की विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनेंगे और पाठकों को सरकार के समावेशी और सुधारोन्मुखी एजेंडे पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेंगे।

 

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास संकलन के बारे में

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चुनिंदा भाषणों का संकलन है। ये खंड, किसी भी अन्य चीज़ से ज़्यादा, इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे एक प्रधानमंत्री आगे बढ़कर नेतृत्व करते हैं और राष्ट्र निर्माण के लिए मानवता के एक बड़े समूह को आगे आने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके उपदेश या भाषण प्रेरणा देने के अलावा, गलतियों या कमियों को दूर करने में भी सहायता करते हैं।

भाषणों का संकलन अनिवार्य रूप से समय का प्रतिबिंब होता है। अपने नेतृत्व के वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विविध विषयों पर अपने दृष्टिकोण को साझा किया है, अपनी स्पष्टता, दृढ़ विश्वास और जनता के साथ गहराई से जुड़ाव के माध्यम से देश के लोगों के बीच लोकप्रिय हुए हैं। इन संकलनों में भाषणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जो भारत की विकास गाथा के विविध पहलुओं को छूती है।

 

चौथा खंड (जून 2022-मई 2023)

पहले खंड में जून 2022 से मई 2023 के बीच विभिन्न अवसरों पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण शामिल हैं, जो उनके नेतृत्व में भारत के परिवर्तन और विकास की यात्रा पर प्रकाश डालते हैं। इस खंड में, कुल 88 भाषणों को चुना गया है और उन्हें 11 खंडों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें प्रधानमंत्री ने मुद्दों, सुधारों, चुनौतियों और अवसरों पर अपना दृष्टिकोण साझा किया है और साथ ही वर्ष 2047 तक एक मजबूत, समृद्ध और विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक स्पष्ट कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की है।

श्रेणियों में शामिल हैं i) आज़ादी का अमृत महोत्सव, ii) भारत विश्व का नेतृत्व करता है, iii) लोकतंत्र की जननी, iv) आत्मनिर्भर भारत: गौरवान्वित नागरिक, v) जनता के लिए सरकार, vi) सशक्त भारत: सक्षम नागरिक, vii) सुरक्षित राष्ट्र: संतुष्ट नागरिक, viii) हमारी विरासत: हमारा गौरव, ix) भारत का गौरव, x) गतिशील भारत, xi) मन की बात

इस संकलन के अन्य खंड भारत के उदय, आत्मनिर्भर भारत, सशक्त भारत, भारत के गौरव पर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को - हमेशा एक नए भारत की आकांक्षाओं के संदर्भ में दर्शाते हैं।

 

पाँचवाँ खंड (जून 2023-मई 2024)

यह खंड (जून 2023-मई 2024) माननीय प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न अवसरों पर दिए गए भाषणों को संकलित करता है—ऐसे क्षण जिन्होंने राष्ट्र को प्रेरित किया है और दुनिया भर में गूंजे हैं। इस संकलन में राष्ट्र जीवन के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालने वाले भाषणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

इस खंड में 91 भाषण हैं, जिन्हें 11 व्यापक खंडों में व्यवस्थित किया गया है, जो उनके दूसरे कार्यकाल के पाँचवें वर्ष के महत्वपूर्ण पड़ावों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें शामिल हैं: 1. जी20 - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य, 2. भारत की संसद, 3. विकसित भारत @ 2047, 4. सर्वजनहिताय - जनता के लिए शासन, 5. भारत और विश्व, 6. भविष्य में निवेश, 7. काशी - भारत का सार, 8. भारत - सुरक्षित, संरक्षित और आत्मविश्वासी, 9. हमारी विरासत - हमारा गौरव, 10. सशक्त महिलाएँ, समृद्ध भारत, 11. मन की बात।

इस खंड के भाषणों में, प्रधानमंत्री भारत के सशक्तिकरण, इसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका और महिलाओं और युवाओं के महत्व पर विचार व्यक्त करते हैं। संकलन स्वास्थ्य, विज्ञान, विरासत, अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचे और विदेशी मामलों जैसे विषयों पर जानकारी प्रदान करता है। यह नीति, शासन और अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव पर उनके अवलोकनों को भी उजागर करता है।

भाषणों का यह संग्रह समावेशी विकास, राष्ट्रीय प्रगति और सामूहिक दायित्व (जनभागीदारी) के लिए उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को आगे आने और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करता है।

उपराष्ट्रपति के सचिव श्री अमित खरे, प्रकाशन विभाग के प्रधान महानिदेशक श्री भूपेंद्र कैंथोला, पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक श्री धीरेंद्र ओझा, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयों के अधिकारी और कर्मचारी इस कार्यक्रम का हिस्सा थे।

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(Release ID: 2169812)