इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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जीएसटी अगली पीढ़ी के सुधार मांग बढ़ाएंगे, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देंगे, रोजगार के अवसर सृजित करेंगे और इलेक्ट्रॉनिकी पारिस्थितिकी तंत्र में वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ बेहतर समेकन करेंगे


डिजिटल विकास और सस्ती आईसीटी हार्डवेयर उपलब्ध कराने के लिए एयर कंडीशनर, टीवी, मॉनिटर, प्रोजेक्टर और पावर बैंक पर कम जीएसटी दर

Posted On: 09 SEP 2025 4:20PM by PIB Delhi

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हाल ही में किए गए अगली पीढ़ी के सुधारों से इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत आने वाले क्षेत्रों, खासतौर पर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और आईसीटी हार्डवेयर (कंप्यूटर, सर्वर, राउटर, स्विच, कीबोर्ड, मॉनिटर, प्रिंटर, स्कैनर, स्मार्टफोन और अन्य सभी संबंधित उपकरण) को बढ़ावा मिलेगा। दरों में कटौती से लोगों को सस्ती दर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद मिलेंगे, साथ ही घरेलू विनिर्माण को मज़बूती मिलेगी, सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम और स्टार्ट-अप्स को समर्थन मिलेगा, जिससे डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

घरेलू इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के विनिर्माण को बढ़ावा

एयर कंडीशनर, डिशवॉशर और बड़े स्क्रीन वाले टेलीविजन (एलसीडी और एलईडी) जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किये जाने से सस्ती दर पर वस्तु उपलब्ध होने से घरेलू मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे कंप्रेसर, डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर जैसे घटकों में मजबूत बैकवर्ड लिंकेज (उद्योग को अपने उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री के लिए आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंध) बनने की संभावना है, और प्लास्टिक, वायरिंग, कूलिंग सिस्टम, एलईडी पैनल और असेंबली सेवाओं से जुड़े एमएसएमई के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे। ये सुधार स्थानीय विनिर्माण को भी बढ़ावा देंगे, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी। डिशवॉशर पर जीएसटी में कटौती से घरेलू जीवन स्तर भी बेहतर होगा।

डिजिटल विकास और सस्ते आईसीटी हार्डवेयर की उपलब्धता

मॉनिटर और प्रोजेक्टर (गैर-टीवी) पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों और डिजिटल शिक्षण केंद्रों की व्यय लागत कम होगी। सस्ते आईसीटी हार्डवेयर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देगा। इसी तरह इलेक्ट्रिक संचायकों (गैर-लिथियम-आयन, पावर बैंक सहित) पर जीएसटी 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत करने से ऊर्जा भंडारण समाधान सस्ती दर पर उपलब्ध होंगे, डिजिटल उपकरणों के लिए बैकअप पावर में सुधार आएगा और घरों और कार्यस्थलों पर ऊर्जा कुशल प्रणालियों को अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा।

जीएसटी में कमी से आंतरिक सुरक्षा संचार ढांचा भी सुदृढ़ होगा। दो-तरफ़ा रेडियो (वॉकी-टॉकी) पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे पुलिस, अर्धसैनिक बलों और रक्षा बलों की खरीद लागत कम आएगी।

नवीकरणीय ऊर्जा और संवहनीयता को बढ़ावा

नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और सौर फोटोवोल्टिक सेलों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे घरेलू और औद्योगिक, दोनों स्तरों पर नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। कम्पोस्टिंग मशीनों पर भी अब 12 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जिससे अपशिष्ट से ऊर्जा समाधानों और कम्पोस्टिंग तकनीकों को प्रोत्साहन मिलेगा और संधारणीय तथा स्मार्ट शहरों के निर्माण की परिकल्पना सुगमता से आगे बढ़ेगी।

जीएसटी सुधारों से भारत के इलेक्ट्रॉनिकी और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति मिलने की संभावना है। मांग को बढ़ावा मिलने तथा लागत मूल्य में कमी से घरेलू विनिर्माण तथा एमएसएमई के लिए अवसर उत्पन्न होंगे और रोज़गार सृजन होगा। इससे स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत का समेकन और गहरा होगा।

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पीके/केसी/एकेवी/एसके


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