पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए: पेट्रोलियम मंत्री

Posted On: 21 AUG 2025 7:18PM by PIB Delhi

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार प्रत्येक नागरिक की ऊर्जा सुरक्षा, सस्ते दर पर सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से घरेलू पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुई हैं।

श्री पुरी ने बताया कि पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें बाज़ार द्वारा निर्धारित होती हैं और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां मूल्य निर्धारण पर समुचित निर्णय लेती हैं। उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से जुड़ी हैं, और भारत अपनी ज़रूरतों के 85 प्रतिशत से अधिक कच्चे तेल की पूर्ति आयात द्वारा करता है।

कच्चे तेल की कीमतें (भारतीय बास्केट) 55 डॉलर प्रति बैरल (मार्च 2015) से बढ़कर 113 डॉलर प्रति बैरल (मार्च 2022) और फिर 116 डॉलर प्रति बैरल (जून 2022) हो गईं, जो भू-राजनीतिक और बाज़ार कारकों के कारण लगातार उतार-चढ़ाव सी भरी रही। लेकिन घरेलू स्तर पर, पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें नवंबर 2021 के 110.04 रुपये और 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर क्रमशः 94.77 रुपये और 87.67 रुपये प्रति लीटर (दिल्ली की कीमतें) हो गईं।

श्री पुरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में दो किस्तों में पेट्रोल पर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क कम किया, जिसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को मिला। कुछ राज्य सरकारों ने भी राहत देने के लिए मूल्य संवर्धित कर-वैट में कमी की। मार्च 2024 में, तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की। अप्रैल 2025 में, पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया।

श्री पुरी ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने अंतर-राज्यीय मालभाड़े को युक्तिसंगत बनाया है, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है और उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। इससे राज्य के भीतर अधिकतम और न्यूनतम खुदरा कीमतों के बीच का अंतर भी कम हुआ है।

सरकार ने नागरिकों को ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतों से बचाने के कई उपाय किए हैं, जिनमें कच्चे तेल के आयात में विविधता लाना, घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व (यू.एस.ओ.) के प्रावधानों को लागू करना, और कच्चे तेल की घरेलू खोज और उत्पादन को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, सरकार इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दे रही है और नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ा रही है।

वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति पर एक प्रश्न के उत्तर में श्री पुरी ने कहा कि सरकार सीएनजी, एलएनजी, हाइड्रोजन, इथेनॉल सहित जैव ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए सक्रियता से प्रोत्साहित कर रही है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति - 2018 में 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल और डीजल में 5 प्रतिशत बायोडीजल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया था। बाद में लक्ष्य को 2025-26 तक बढ़ा दिया गया। वर्तमान इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने 31.07.2025 तक 19.05 प्रतिशत का औसत मिश्रण प्राप्त कर लिया है, जिसमें जुलाई 2025 तक 19.93 प्रतिशत मिश्रण हासिल हो जाएगा।

श्री पुरी ने कहा कि जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम, बायोडीजल सम्मिश्रण कार्यक्रम, तथा सीएनजी के साथ संपीड़ित जैव गैस (सीबीजी) के विपणन के लिए सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन जैसी पहल को क्रियान्वित किया है।

इसके अलावा, ग्रामीण भारत सहित पूरे देश में जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। इनमें मूल्य निर्धारण प्रोत्साहन, इथेनॉल उत्पादन के वैकल्पिक उपाय, कृषि अवशेषों के उपयोग से दूसरी पीढ़ी की इथेनॉल जैव-रिफाइनरियों की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री जीवन-वन योजना अधिसूचित करना, अपशिष्ट और बायोमास से सीबीजी और जैव-खाद उत्पादन के लिए सतत पहल, और इथेनॉल आसवन क्षमता(इथेनॉल उत्पादन सुविधा क्षमता, यानी एक निश्चित समय में कितना इथेनॉल बनाया जा सकता है) को बढ़ाने और विस्तार करने के लिए ब्याज अनुदान योजना शामिल हैं।

***

पीके/केसी/एकेवी/एसके

 


(Release ID: 2159455) Visitor Counter : 15