पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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राज्यसभा में पारित होने के बाद संसद ने व्यापारी पोत परिवहन विधेयक, 2025 पारित किया


"पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने चालू संसद सत्र में चार प्रमुख समुद्री सुधार विधेयक पारित करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की": श्री सर्बानंद सोनोवाल

"प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सुदृढ़ समुद्री नीति रूपरेखा": श्री सर्बानंद सोनोवाल

Posted On: 11 AUG 2025 8:20PM by PIB Delhi

संसद ने आज व्यापारी पोत परिवहन विधेयक (मर्चेंट शिपिंग विधेयक), 2025 पारित कर दिया, क्योंकि राज्यसभा ने आज इस विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक एक ऐतिहासिक कानून है, जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री ढाँचे का आधुनिकीकरण करना, घरेलू कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के सम्मेलनों के अनुरूप बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि भारत का समुद्री क्षेत्र समकालीन और भविष्य की चुनौतियों के लिए सुसज्जित, तैयार और प्रासंगिक बना रहे। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्लू) श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में इस विधेयक को विचारार्थ प्रस्तुत किया, क्योंकि यह विधेयक चालू सत्र के दौरान 6 अगस्त को लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक को "भारत को एक विश्वसनीय समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम" बताया। श्री सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक नियामक-केन्द्रित दृष्टिकोण से एक सक्षम नीतिगत वातावरण की ओर एक परिवर्तनकारी बदलाव का प्रतीक है, जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा, सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाएगा, हमारे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करेगा और एक समुद्री शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा , “यह वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को समाहित करता है, अनुपालन बोझ को कम करता है और हमारी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को व्यापक रूप से अपनाना सुनिश्चित करता है – ये सभी इस क्षेत्र में विकास और स्थायित्व को गति प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न के अनुरूप, यह विधेयक एक पुराने, जटिल ढाँचे को एक प्रगतिशील, सुव्यवस्थित कानून से प्रतिस्थापित करता है जो एक समुद्री केंद्र के रूप में भारत पर निर्भरता को बढ़ावा देगा, भारतीय ध्वज के अंतर्गत जहाजों का टन भार बढ़ाएगा, अनुपालन बोझ को कम करेगा और हमारे समुद्र तट को सुरक्षित करेगा।”

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्लू) ने विधायी सुधार में एक नया मानदंड स्थापित किया है, संसद के एक ही सत्र में समुद्री क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड संख्या में विधेयक पारित किए हैं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि, भारत को एक वैश्विक समुद्री क्षेत्र में अग्रणी बनाने और एक विकसित भारत के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

561 धाराओं वाले जटिल और पुराने व्यापारी पोत परिवहन अधिनियम, 1958 के स्थान पर, नया विधेयक 16 भागों और 325 धाराओं का एक सुव्यवस्थित ढाँचा प्रदान करता है। यह प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के अंतर्गत भारत के दायित्वों को व्यापक रूप से अपनाना सुनिश्चित करता है, व्यापार सुगमता में सुधार के लिए अनुपालन बोझ को कम करता है, नौवहन और समुद्री जीवन में सुरक्षा को बढ़ाता है, समुद्री पर्यावरण की रक्षा करता है, आपातकालीन तैयारियों और बचाव कार्यों को सुदृढ़ करता है, भारतीय ध्वज के अंतर्गत टन भार को बढ़ाता है और भारत के समुद्र तट और समुद्री हितों की रक्षा करता है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत के समुद्री क्षेत्र को एक दूरदर्शी होने व नीतिगत ढाँचे से सक्षम बनाया जा रहा है और भविष्य के अनुरूप मजबूत किया जा रहा है, जिनसे देश दुनिया में एक अग्रणी समुद्री शक्ति बनने के लिए तैयार है।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग अब वैश्विक व्यापार में कहीं अधिक हिस्सेदारी निभाने, आर्थिक विकास को गति देने, रोजगार सृजन करने और विकसित भारत के विज़न में सीधे योगदान देने के लिए तैयार हैं।"

मंत्रालय ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि अब विनियमन की जगह पर सक्षमता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे एक समुद्री क्षेत्राधिकार के रूप में भारत पर "निर्भरता" बढ़ेगी। यह दृष्टिकोण अधिक वैश्विक निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजन करने और सतत विकास के लिए एक वातावरण बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह विधायी पहल—जो मंत्रालय के इतिहास में अब तक की सबसे व्यापक पहल है—भारत के दुनिया के सबसे बड़े नाविक आपूर्तिकर्ताओं में से एक और वैश्विक नौवहन मार्गों में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने में सहायक होगी। श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "इन सुधारों के साथ, भारत न केवल वैश्विक समुद्री मानकों के साथ तालमेल बिठा रहा है; बल्कि हम अपने पत्तनों, पोत परिवहन और जलमार्गों द्वारा एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक केंद्रीय भूमिका निभाने का मंच तैयार कर रहे हैं।"

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पीके/केसी/जेके


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