ग्रामीण विकास मंत्रालय
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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर,  केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की लाखों महिला सदस्यों के साथ वर्चुअल संवाद किया


“हथकरघा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है; यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अहिंसक संघर्ष का एक हथियार भी था” - श्री शिवराज सिंह

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के उल्लेखनीय कौशल ने स्थानीय कला एवं संस्कृति को पुनर्जीवित करने में मदद की है

श्री शिवराज सिंह चौहान ने आग्रह किया - “राष्ट्र प्रथम; स्वदेशी अपनाएं और राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करें”

Posted On: 07 AUG 2025 5:49PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर, केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन से स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की लाखों महिला सदस्यों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के दौरान, विभिन्न राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के कारण उनके जीवन में आए सकारात्मक बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मिशन ने न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान की, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया।

 

श्री चौहान ने कहा कि महिलाएं शक्ति एवं रचनात्मकता की प्रतीक हैं और हथकरघा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। हथकरघा ने एक समय भारत के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन में एक साधन के रूप में काम किया था। उन्होंने ग्रामीण कारीगरों की “अद्भुत कलात्मकता” की प्रशंसा की, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में पहचान बनाई है।

 

केन्द्रीय मंत्री ने स्थानीय कला एवं संस्कृति को पुनर्जीवित करने में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की भूमिका की सराहना की और कहा कि उनकी रचनाएं भारत की सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न अंग हैं तथा लोक परंपराओं को अभिव्यक्त करने में सहायक हैं। उन्होंने मार्केटिंग और ब्रांडिंग को लेकर महिलाओं द्वारा उठाई गई चिंताओं को भी स्वीकार किया और उन्हें डिजाइन-केन्द्रित प्रशिक्षण सहित ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद को कायम रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री चौहान ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की हिमायत करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को दोहराया और कहा कि राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे निजी कीमत पर ही क्यों न हो। उन्होंने नागरिकों से ‘राष्ट्र प्रथम’ को प्राथमिकता देने और स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं का समर्थन करने का आग्रह किया।

वित्तीय आजादी हासिल करने वाली स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं की बढ़ती संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, श्री चौहान ने बताया कि इस मिशन के तहत 1.5 करोड़ (15 मिलियन) से अधिक महिलाएं 'लखपति दीदी' (सालाना 1 लाख रुपये से अधिक कमाने वाली) बन गई हैं। सरकार 2 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने की दिशा में काम कर रही है और उसका लक्ष्य जल्द ही 3 करोड़ महिलाओं के आंकड़े तक पहुंचना है।

'स्वदेशी' के लिए प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपनी जनसंख्या को ताकत में बदलें और रक्षा बंधन जैसे त्योहारों के दौरान भारतीय निर्मित उत्पाद खरीदें। उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ आंदोलन को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

कार्यक्रम का समापन श्री चौहान द्वारा ‘स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और अपने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने’ के संकल्प के साथ हुआ। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए उत्पाद स्टॉलों का भी दौरा किया तथा उनकी कड़ी मेहनत एवं समर्पण की सराहना की।

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पीके/केसी/ आर


(Release ID: 2153991)