रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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खरीफ 2025 सत्र के दौरान उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी गई

Posted On: 01 AUG 2025 4:07PM by PIB Delhi

वर्तमान में जारी खरीफ 2025 सत्र के दौरान देश में यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीकेएस जैसे उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त बनी हुई है।

देश में उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा हर मौसम में निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:

  1. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) प्रत्येक फसल मौसम की शुरुआत से पहले, सभी राज्य सरकारों के परामर्श से उर्वरकों की राज्यवार एवं माहवार आवश्यकता का आकलन करता है।
  2. उर्वरक विभाग अनुमानित आवश्यकता के आधार पर मासिक आपूर्ति योजना जारी करके राज्यों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक आवंटित करता है और उपलब्धता की निरंतर निगरानी करता है।
  3. देश भर में सभी प्रमुख सब्सिडी वाले उर्वरकों की आवाजाही की निगरानी एक ऑनलाइन वेब-आधारित निगरानी प्रणाली द्वारा की जाती है जिसे एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) कहा जाता है;
  4. कृषि और किसान कल्याण और उर्वरक विभाग द्वारा राज्यों के कृषि अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से नियमित साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाती है और राज्य सरकारों द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार उर्वरकों को भेजने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।

इसके अलावा, उर्वरक को एक आवश्यक वस्तु घोषित किया गया है और इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 और उर्वरक (आंदोलन नियंत्रण) आदेश, 1973 के तहत अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकारों को उर्वरकों की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 (एफसीओ) के प्रावधानों का उल्लंघन करके उर्वरकों की कालाबाजारी और जमाखोरी में शामिल किसी भी व्यक्ति/उर्वरक कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए एफसीओ के तहत पर्याप्त अधिकार प्राप्त हैं।

उर्वरक विभाग ने प्रति माह प्रति खरीदार सब्सिडी वाले उर्वरकों की 50 बोरी की सीमा तय की है, जिससे प्रति वर्ष 600 बोरी सब्सिडी वाले उर्वरक प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिले के शीर्ष 20 खरीदारों की मासिक सूची संबंधित जिलाधिकारियों के आईएफएमएस लॉग-इन में आवश्यक कार्रवाई के लिए उपलब्ध कराई जाती है।

उर्वरक विभाग ने एक डैशबोर्ड भी विकसित किया है जिसे https://urvarak.nic.in पर अधिकृत उपयोगकर्ता देख सकते हैं। यह डैशबोर्ड विभिन्न हितधारकों, जैसे राज्य कृषि विभागों, जिला कलेक्टरों और राज्य विपणन संघों द्वारा आसान निगरानी की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। राज्य सरकारें आईएफएमएस और ई-उर्वरक डैशबोर्ड पोर्टल के माध्यम से उर्वरकों की उपलब्धता और आपूर्ति की निगरानी भी कर रही हैं।

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2151414)