सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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डीडी फ्री डिश ने दक्षिण भारतीय भाषाओं में अधिक प्रतिनिधित्व के साथ अपनी पहुंच का विस्तार किया

Posted On: 23 JUL 2025 4:32PM by PIB Delhi

डीडी फ्री डिश, प्रसार भारती का एक फ्री-टू-एयर (एफटीए) डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) प्लेटफॉर्म है। इसका दायरा पूरे देश में फैला हुआ है, जिसमें दूरदराज के इलाके, सीमावर्ती और अन्य दुर्गम क्षेत्र भी शामिल हैं।

डीडी फ्री डिश पर, दूरदर्शन के विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए सरकार की प्रमुख योजनाओं और जन जागरूकता अभियानों का प्रसार किया जाता है।

पिछले कुछ वर्षों में इसकी पहुँच में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। उद्योग जगत के अनुमानों के अनुसार, 2024 तक डीडी फ्री डिश की, देश भर में करीब 49 मिलियन घरों तक पहुँच बनी है। 2018 में यह आँकड़ा 33 मिलियन था, जो दर्शकों की सकारात्मक वृद्धि को दर्शाता है।

सरकार ने डीडी फ्री डिश पर दक्षिण भारतीय भाषा के चैनलों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

बेहतर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के लिए, डीडी फ्री डिश प्लेटफॉर्म की ई-नीलामी (2025 में हुई) में दक्षिण भारतीय भाषा के चैनलों के लिए स्लॉट आरक्षित किए गए हैं।

दक्षिणी क्षेत्रों के निजी प्रसारकों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पात्रता के मानदंडों को आसान बनाया गया है।

हाल ही में हुई ई-नीलामी में तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम चैनलों के लिए विशेष स्लॉट की पेशकश की गई।

01.04.2025 से तीन अतिरिक्त दक्षिण भारतीय भाषाओं के निजी चैनल, टीवी9 तेलुगु, आस्था कन्नड़ और आस्था तेलुगु भी, डीडी फ्री डिश पर शामिल हो गए हैं।

दूरदर्शन के अपने क्षेत्रीय चैनल, जैसे डीडी तमिल, डीडी सप्तगिरि, डीडी चंदना, डीडी यादगिरि और डीडी मलयालम भी इसमें शामिल किए गए हैं। इन चैनलों को तकनीकी रूप से उन्नत किया जा रहा है और उनकी दृश्यता बढ़ाने के लिए बेहतर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

इसके अलावा, डीडी फ्री डिश पर 27 शैक्षणिक चैनल भी हैं, जो विभिन्न दक्षिण भारतीय भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं।

यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज लोकसभा में दी।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एनएस

 


(Release ID: 2147418)