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यूआईडीएआई ने मृत व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करके आधार डेटाबेस की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं


1.55 करोड़ मृत लोगों के रिकॉर्ड को खोजने और उनके आधार को निष्क्रिय करने के लिए यूआईडीएआई ने  भारत के महापंजीयक का सहयोग लिया

यूआईडीएआई ने 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में माईआधार पोर्टल पर 'परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना' सेवा शुरू की है

यूआईडीएआई ने मृत्यु से संबंधित डेटा स्रोतों का विस्तार किया: बैंकों और आधार संस्थाओं के साथ गठजोड़ की संभावना तलाशी, सौ वर्ष से अधिक आयु के आधार धारकों की सत्यापन के लिए राज्यों को शामिल किया

Posted On: 16 JUL 2025 7:22PM by PIB Delhi

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) देशवासियों और अनिवासी भारतीयों (एनआईरआई) को एक विशिष्ट 12 अंकों की डिजिटल पहचान यानी आधार संख्या प्रदान करता है, जो कभी किसी अन्य व्यक्ति को पुनः आवंटित नहीं की जाती। 12-अंकीय आधार संख्या बिना किसी बुद्धिमत्ता के उपयोग के उत्पन्न एक यादृच्छिक संख्या है, इसलिए सभी 12-अंकीय संख्याएँ आधार संख्याएँ नहीं होतीं। हालांकि, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार नंबर का निष्क्रिय किया जाना अत्यावश्यक हो जाता है ताकि उसकी पहचान का गलत उपयोग और धोखाधड़ी रोकी जा सके।

मृतक आधार संख्या धारकों के आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले उनकी स्थिति का सत्यापन करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके उन पर व्यापक प्रभाव पड़ सकते हैं।

इसलिए, आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए, यूआईडीएआई ने विभिन्न स्रोतों से मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त करने और उचित सत्यापन के बाद आधार नंबर निष्क्रिय करने के लिए निम्नलिखित सक्रिय कदम उठाए हैं:

हाल ही में यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से आधार नंबरों से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया था। आरजीआई ने अब तक 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्रदान किए हैं। उचित सत्यापन के बाद करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है।  गैर-सीआरएस राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी इसी तरह की प्रक्रिया जारी है। अब तक लगभग 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त हो चुके हैं, और उन्हें निष्क्रिय करने का कार्य प्रगति पर है।

यूआईडीएआई ने 9 जून, 2025 को myAadhaar पोर्टल पर एक नई सेवा - "परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना" - शुरू की है जो वर्तमान में 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की मृत्यु रिपोर्ट कर सकता है। इसके लिए उसे स्वयं को प्रमाणित करना होगा और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, मृत व्यक्ति का आधार नंबर निष्क्रिय करने की कार्रवाई की जाती है। शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस पोर्टल से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा, यूआईडीएआई बैंकों और अन्य आधार पारिस्थितिकी तंत्र संस्थाओं से भी मृत्यु संबंधी जानकारी प्राप्त करने की संभावनाओं को तलाश रहा है, ताकि मृतक के आधार नंबर का समय रहते निष्क्रिय किया जा सके।

यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने में राज्य सरकारों की सहायता भी ले रहा है। एक पायलट परियोजना के तहत, 100 वर्ष से अधिक आयु वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डेटा राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि आधार धारक जीवित हैं या नहीं। ऐसी सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने पर, ऐसे आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले आवश्यक सत्यापन किया जाएगा।

किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उनके आधार नंबर के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए, यह अनुशंसा की जाती है कि आधार धारक मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरण से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद myAadhaar पोर्टल पर अपने परिवार के उन सदस्यों की सूचना दें जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

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(Release ID: 2145376)