सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने प्रोफेसर पी. सी. महालनोबिस की 132वीं जयंती के उपलक्ष्य में 19वां सांख्यिकी दिवस मनाया जिसका विषय ‘राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष’ था
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के पारदर्शी और समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की तथा सांख्यिकी समुदाय से पारदर्शी और निरंतर बेहतर होते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के राष्ट्रीय दृष्टिकोण का समर्थन करने का आग्रह किया
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री ने रियल-टाइम में डेटा की निगरानी के लिए तकनीकी उपकरणों के माध्यम से सांख्यिकीय प्रणाली में परिवर्तन पर जोर दिया
एनएससी के अध्यक्ष डॉ. आर.एल. करंदीकर ने कहा कि सांख्यिकी एजेंसियां शासन के अन्य क्षेत्रों, जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में अंकों के सामान्यीकरण के लिए एक समान पद्धति बनाना और ऑनलाइन मतदान को मान्य बनाना, में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने जोर देकर कहा कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से डेटा प्रसार पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे ‘विकसित भारत’ की दिशा में डेटा आधारित नीति-निर्माण में बड़ा बदलाव आया है
इस अवसर पर सांख्यिकी में 2025 के लिए प्रो. सी.आर. राव राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया
Posted On:
29 JUN 2025 7:03PM by PIB Delhi
सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर (स्वर्गीय) प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान के सम्मान में, भारत सरकार ने उनके जन्म दिवस 29 जून को सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित किया है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय विकास के लिए नीति-निर्माण में सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में, खासकर युवा पीढ़ी के बीच जन जागरूकता बढ़ाना है।
19वें सांख्यिकी दिवस समारोह आज नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया गया। 19वें सांख्यिकी दिवस का विषय ‘राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 75 वर्ष’ था, जिसमें देश की सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत बनाने में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की स्थायी विरासत और प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने संबोधन में प्रोफेसर महालनोबिस को श्रद्धांजलि दी और इस दोहरी उपलब्धि ‘सांख्यिकी दिवस का उत्सव और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) का 75वां वर्ष’ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने रियल टाइम में डेटा की निगरानी के लिए तकनीकी उपकरणों के माध्यम से सांख्यिकीय प्रणाली के परिवर्तन के बारे में बात की। उन्होंने नवीनतम नमूना तकनीकों, एकीकृत सर्वेक्षण फ्रेमवर्क और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ सामंजस्य जैसे पद्धतिगत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकारों के साथ परामर्श और क्षमता निर्माण पहल के माध्यम से समावेशी जुड़ाव के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता व्यक्त की। केंद्रीय मंत्री ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के पारदर्शी और समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की तथा सांख्यिकीय समुदाय से पारदर्शी और निरंतर बेहतर होते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के राष्ट्रीय दृष्टिकोण का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने मंत्रालय के सांख्यिकीविदों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों के समर्पण की सराहना करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने अपने स्वागत भाषण में एनएसएस की उल्लेखनीय यात्रा और दुनिया की सबसे मजबूत व विश्वसनीय सांख्यिकीय प्रणालियों में से एक के रूप में इसके विकास के बारे में बताया। डॉ. गर्ग ने 1950 में शुरू हुई इस यात्रा के दौरान किए गए विभिन्न सुधारों पर प्रकाश डाला। सर्वेक्षण परिणामों के प्रकाशन में लगने वाले समय को कम करना और अधिक आवृत्ति के साथ अधिक विस्तृत स्तर पर डेटा की उपलब्धता, सीएपीआई के माध्यम से डेटा संग्रह से लेकर 135 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड वाले ई-सांख्यिकी पोर्टल के माध्यम से इसके प्रसार तक विभिन्न कार्य क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन, जटिल डेटा को सरल तरीके से प्रस्तुत करने के लिए वेबसाइट पर एक समर्पित डेटा विज़ुअलाइज़ेशन सेक्शन, आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली में प्रशासनिक आंकड़ों सहित वैकल्पिक डेटा स्रोतों को मुख्यधारा में लाना जैसी कुछ सुधार पहल थीं जिन पर डॉ. गर्ग ने अपने स्वागत भाषण में जोर दिया।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष डॉ. राजीव लक्ष्मण करंदीकर ने अपने संबोधन में भारतीय सांख्यिकी प्रणाली के इतिहास और इसके विकास में डॉ. पी.सी. महालनोबिस के बहुमूल्य योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने सांख्यिकी प्रणाली को आधुनिक बनाने और इस प्रकार डेटा और साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण का समर्थन करने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को बधाई दी। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सांख्यिकी एजेंसियां शासन के अन्य क्षेत्रों, जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में अंकों के सामान्यीकरण के लिए एक समान पद्धति बनाना और ऑनलाइन मतदान को मान्य बनाना, में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। इस तरह की पहल से सरकार में जनता का विश्वास पैदा होगा और सुचारु शासन में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एनएसएस का एक स्मारक सिक्का और एक कस्टमाइज टिकट जारी किया गया। ये एनएसएस की 75 वर्षों की स्थायी विरासत का प्रतीक है। साथ ही नीचे सूचीबद्ध प्रकाशनों को भी जारी किया गया:
- सतत विकास लक्ष्य राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट, 2025
- सतत विकास लक्ष्य राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट, 2025 पर डेटा स्नैपशॉट
- सतत विकास लक्ष्य राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा 2025
- घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण पर आधारित भारत में पोषण सेवन पर एनएसएस रिपोर्ट 2022-23 और 2023-24।
इन रिपोर्टों को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट (www.mospi.gov.in) पर देखा जा सकता है
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आधिकारिक सांख्यिकीय प्रकाशनों तक पहुंच और जुड़ाव को बेहतर बनाने के लिए, आधिकारिक सांख्यिकीय डेटा तक पहुंच को आसान बनाने के लिए GoIStat मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। GoIStat मोबाइल एप्लिकेशन एनएसओ के समावेशी डेटा इकोसिस्टम बनाने के दृष्टिकोण को दर्शाता है जहां हर हितधारक किसी भी जगह से आधिकारिक डेटा तक सहजता से पहुंच सकता है। मंत्रालय की प्रसार सेवाओं में यह नई सुविधा आधिकारिक सांख्यिकीय डेटा तक पहुंचने के लिए जनता को प्रदान की गई वेबसाइट-पोर्टल-मोबाइल ऐप की त्रिमूर्ति को पूरी करती है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर (https://play.google.com/store/apps/details?id=in.gov.mospi.goistats) से डाउनलोड किया जा सकता है।

इस अवसर पर सांख्यिकी के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए आईआईएम कलकत्ता के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रजामित्र भुयान को सांख्यिकी में 2025 के लिए प्रो. सी.आर. राव राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डेटा विज़ुअलाइज़ेशन हैकाथॉन के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

श्री पी.आर. मेश्राम, महानिदेशक (डेटा गवर्नेंस) ने मुख्य अतिथि माननीय मंत्री, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, अध्यक्ष, एनएससी, सचिव, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, पैनल चर्चा के पैनलिस्टों, अन्य गणमान्य व्यक्तियों, बहुपक्षीय एजेंसियों, उद्योगों, शिक्षा जगत आदि के प्रतिभागियों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया। प्रो. पी.सी. महालनोबिस की विरासत को याद करते हुए, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया कि सांख्यिकीय डेटा सभी की प्रगति और समृद्धि के लिए साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए आधार के रूप में काम करना जारी रखे।
उद्घाटन सत्र के बाद एक तकनीकी सत्र आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत एनएसएस की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा को प्रदर्शित करने वाली एक डॉक्यूमेंट्री से हुई। सांख्यिकी में डॉ. सीआर राव राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, आईआईएम कलकत्ता के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रजामित्र भुयान ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया और कहा कि हितधारकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आधिकारिक प्रणाली में डेटा विज्ञान के आधुनिक उपकरणों को शामिल करने की ज़रूरत है।
सत्र का समापन आधिकारिक आंकड़ों पर प्रमुख प्रौद्योगिकियों के प्रभाव पर एक पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसका संचालन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि ने किया। पैनल में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. देबाशीष मोहंती, वाधवानी सेंटर फॉर गवर्नमेंट डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के सीईओ श्री प्रकाश कुमार और आदित्य बिड़ला मैनेजमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के एसवीपी और एनालिटिक्स कंसल्टिंग के प्रमुख श्री अमिताभ त्रिपाठी सहित कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे। पैनल ने प्रमुख प्रौद्योगिकी को क्रियान्वयन में लाने की चुनौतियों और इसके लिए क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। पैनलिस्टों ने प्रमुख प्रौद्योगिकियों के उपयोग के मामलों पर भी चर्चा की। चर्चा का समापन डॉ. रवि की इस टिप्पणी के साथ हुआ कि डेटा की आवश्यकता केवल बढ़ेगी और एनएसओ को उनसे अपेक्षित स्वर्ण मानकों को बनाए रखते हुए लगातार बढ़ती मांग को पूरा करना होगा।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हितधारकों सहित लगभग 700 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मंत्रालय की गतिविधियों पर एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एसके
(Release ID: 2140683)