आयुष
एमडीएनआईवाई की ओर से योग बंधन का आयोजन: वैश्विक योग राजदूतों ने योग से प्रेरित अपनी जीवन यात्रा साझा की!
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 से पहले भारत की योग कूटनीति का प्रदर्शन
संपूर्ण विश्व में योग की गूंज: आयुष सचिव
योग के वैश्विक प्रतिनिधि शांति और सद्भाव की आवाज हैं: महानिदेशक, आईसीसीआर
Posted On:
17 JUN 2025 4:54PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय के अंतर्गत मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2025 समारोह के भाग के रूप में 17 जून, 2025 को वैश्विक कार्यक्रम 'योग बंधन' का उद्घाटन समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया। आईडीवाई 2025 के अंतर्गत 10 प्रमुख कार्यक्रमों में से एक यह महत्वपूर्ण पहल योग के क्षेत्र में संस्थान-दर-संस्थान साझेदारी के माध्यम से वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल देता है।
'योग बंधन' कार्यक्रम में संपूर्ण विश्व के वैश्विक योग दूत एक साथ आए। यह कार्यक्रम सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अकादमिक संवाद तथा योग के माध्यम से विश्व कल्याण के लिए साझा दृष्टिकोण का मंच बना। इसमें 15 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले योग शिक्षाविदों, योग से जुड़े लोगों, स्टूडियो संस्थापकों, लेखकों और वेलनेस विशेषज्ञों सहित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने उद्घाटन सत्र में भाग लिया । अपने मुख्य भाषण में उन्होंने योग को वैश्विक स्वास्थ्य चर्चा में सबसे आगे रखने में भारत के दूरदर्शी नेतृत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि भारत की लगभग 95 प्रतिशत ग्रामीण और शहरी आबादी आयुष प्रणालियों से परिचित है, और लगभग 35 प्रतिशत आबादी सक्रिय रूप से किसी न किसी रूप में योग का अभ्यास करती है।
श्री कोटेचा ने अपनी व्यापक विदेश यात्राओं के अनुभव साझा करते हुए कहा कि योग ने विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने हरित योग, योग कनेक्ट और संयोग जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के प्रमुख कार्यक्रमों के अंतर्गत की जा रही प्रमुख पहलों के बारे में विस्तार से बताया । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर 3.3 लाख से अधिक कार्यक्रम पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं । अनुमान है कि 21 जून को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मुख्य कार्यक्रम तक यह संख्या बढ़कर 5 लाख हो सकती है।
उन्होंने प्रमाणित योग पेशेवरों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) के बुनियादी ढांचे के सुधार की दिशा में चल रहे कार्य के बारे में भी चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को आपसी सहयोग और विकास के लिए इसके साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की महानिदेशक सुश्री के. नंदिनी सिंगला ने कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा, "शांति और सद्भाव की आवाज़ बनने के लिए आपका धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा, "योग में उत्साह रखने वाला हर व्यक्ति इसका सच्चा दूत है - जो हर घर तक इसके लाभों को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। दिल्ली, वाराणसी, जोधपुर, जयपुर जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का योग प्रदर्शन देखना उत्साहजनक है। यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की बड़ी सफलता है।"
सुश्री सिंगला ने भारत आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए कुछ अल्पकालिक योग पाठ्यक्रम शुरू करने का भी सुझाव दिया।
आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मोनालिसा दाश ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब वैश्विक आंदोलन बन गया है जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे है और अच्छे स्वास्थ्य तथा जीवन में सामंजस्य की खोज में लगे लाखों लोगों को एकजुट करता है। उन्होंने कहा, "प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक अनूठे थीम पर मनाया जाता है जो योग की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को दर्शाता है और वसुधैव कुटुम्बकम – संपूर्ण विश्व एक परिवार है - के शाश्वत भारतीय दर्शन को दर्शाता है। यह योग की आत्मा और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की भावना है।"
एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी ने अंतर्राष्ट्रीय सभा का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा, "योग बंधन योग के शाश्वत ज्ञान को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समग्र कल्याण के सिद्धांतों पर आधारित यह पहल योग की एकीकृत शक्ति के माध्यम से मानवता के साझा बंधनों को मजबूत करने का प्रयास करती है।"
उद्घाटन सत्र के बाद, प्रतिनिधियों को एमडीएनआईवाई परिसर का भ्रमण कराया गया, उन्होंने योग संचार और ज्ञान आदान-प्रदान पर एक इंटरैक्टिव सत्र में भाग लिया, और एमडीएनआईवाई के छात्रों की ओर से तैयार सांस्कृतिक योग के मिश्रित प्रदर्शन में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में लोगों के बीच सार्थक आदान-प्रदान और दीर्घकालिक संस्थागत सहयोग के माध्यम से योग को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिनिधियों ने योग अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण में सहयोग के अवसरों की खोज की।
कार्यक्रम में शामिल प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिः-
· श्री जोश प्रियोर, अध्यक्ष एवं सीईओ, योग ऑस्ट्रेलिया
· श्री ग्रेगोर कोस, दैनिक जीवन में योग, ऑस्ट्रिया
· प्रो. डेनिलो फोर्गिएरी सांताएला, साओ पाउलो विश्वविद्यालय, ब्राज़ील
· सुश्री यिन यान, संस्थापक, योगी योग, चीन
· मेजर इंगेमैन-मोल्डन, डेनमार्क
· श्री स्लामात रियान्तो, अध्यक्ष, पीपीवाईएनआई, इंडोनेशिया
· श्रीमती विद्या वोल्कोवा, निदेशक, शक्ति योग स्टूडियो, कजाकिस्तान
· श्री मनिसेकरण और श्रीमती सिन्थामणि अरुणासलम, मलेशिया
· सुश्री इरिना फुरसोवा, रूस
· डॉ. सुजाता काउलागी, सिंगापुर
· प्रो. जियो-लयोंग ली, दक्षिण कोरिया
· श्री कुगन नायडू और सुश्री सिवलुचिमे नायडू, दक्षिण अफ्रीका
· श्री जोस मारिया मार्केज़ जुराडो (गोपाला), स्पेन
· श्री विमुक्ति जयसुंदरा, श्रीलंका
· सुश्री रोशियो बेलेन बोनाची, अर्जेंटीना
अगले कुछ दिनों में ये वैश्विक योग राजदूत सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संस्थागत यात्राओं और नीति-स्तरीय संवादों में भाग लेंगे। 21 जून 2025 को आयोजित होने वाले भव्य अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 समारोह में भागीदारी के साथ उनकी यात्रा का समापन होगा ।
'योग बंधन' योग में भारत की सांस्कृतिक प्रभावशीलता और स्थायी वैश्विक नेतृत्व का प्रमाण है। इस पहल का उद्देश्य अंतर-सांस्कृतिक संवाद, संस्थागत जुड़ाव और साझा ज्ञान के माध्यम से अधिक सामंजस्यपूर्ण, स्वस्थ और आपस में जुड़ी हुई दुनिया का निर्माण करना है।
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