आयुष
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव विश्व होम्योपैथी दिवस पर 10 अप्रैल को गांधीनगर में होम्योपैथिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे
दो दिवसीय सम्मेलन में दुनिया भर से लगभग दस हजार प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है, होम्योपैथी के इतिहास में यह सबसे बड़ा सम्मेलन होगा
Posted On:
08 APR 2025 5:08PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 के अवसर पर गुजरात के गांधीनगर में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 10 से 11 अप्रैल 2025 को दो दिवसीय सम्मेलन गांधीनगर के महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित होगा। केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच), राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच) संयुक्त रूप से इसका आयोजन करेंगे। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है- 'अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान', जो होम्योपैथी के विकास के तीन आधारभूत स्तंभों को उल्लेखित करते हैं।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में पूरी दुनिया से लगभग दस हजार प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। होम्योपैथी के इतिहास में यह सबसे विशाल सम्मेलन होगा।
विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 के आयोजन का उद्देश्य होम्योपैथी अनुसंधान की प्रगति, इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों और स्वास्थ्य सेवा और उद्योग दोनों में इसके वैश्विक प्रभाव को व्यापक बनाना है। यह सम्मेलन शिक्षाविदों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए लाभप्रद होने के साथ ही नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को एक एकीकृत मंच प्रदान करेगा।
आयोजन का मुख्य आकर्षण भारत की अब तक की सबसे बड़ी "लाइव मटेरिया मेडिका" प्रतियोगिता और तीनों सहयोगी संगठनों द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के अलग-अलग विचारोत्तेजक सत्र हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रथम वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र जामनगर में होने के कारण यह सम्मेलन व्यापक रूप से गुजरात को पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पद्धतियों के अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने कहा कि हमें गांधीनगर के महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 की मेज़बानी करने पर गर्व का अनुभव हो रहा है। यह होम्योपैथी पेशेवरों का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। 'शिक्षा, अभ्यास और अनुसंधान' विषयवस्तु के साथ, यह आयोजन भारत के तीन प्रमुख संस्थानों; केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच), राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच) के सहयोगात्मक समन्वित प्रयासों को सामने लाएगा। इनमें से प्रत्येक संस्थान होम्योपैथी के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) के प्रभारी अध्यक्ष डॉ. पिनाकिन एन. त्रिवेदी ने इस आयोजन के शैक्षणिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस वर्ष के समारोह में शिक्षा क्षेत्र से सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व रहेगा, जो होम्योपैथी डॉक्टरों और पेशेवरों की भावी पीढ़ियों के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस मंच का उपयोग छात्रों को एनसीएच द्वारा आरंभ किए गए नए पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी देने के लिए भी किया जाएगा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी के निदेशक डॉ. प्रलय शर्मा ने कहा कि उन्हें इस आयोजन में सीसीआरएच और एनसीएच के साथ जुड़ने पर गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी शिक्षा के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले उनके संस्थान से बड़ी संख्या में प्रतिभागी सम्मेलन में भाग लेंगे। इनमें से कुछ प्रतिभागी विभिन्न सत्रों में अध्यक्ष या वक्ता के रूप में कार्यक्रम में योगदान देंगे। डॉ शर्मा ने होम्योपैथी की शिक्षा से जुड़े सभी शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे सम्मेलन में छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी प्रोत्साहित करें और बड़ी संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति में यह सम्मेलन पिछले वर्ष नई दिल्ली में आयोजित हुआ था जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। वर्ष 2023 में आयोजित सम्मेलन में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए थे। इस वर्ष इसका आयोजन गांधीनगर में होने के कारण, यह शहर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रसार-प्रचार, सहयोग और होम्योपैथी के भविष्य की दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
***
एमजी/केसी/एकेवी/एसके
(Release ID: 2120148)
Visitor Counter : 174