कोयला मंत्रालय
कोयला उत्पादन और वितरण में पारदर्शिता
Posted On:
26 MAR 2025 1:01PM by PIB Delhi
कोयला उत्पादन और वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए उठाए गए कदम:
- कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)/सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पहल पर उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) प्रणालियों के माध्यम से कोयला उत्पादन की रिपोर्टिंग की जाती है।
- सीआईएल/एससीसीएल कोयला मंत्रालय द्वारा जारी नीति और दिशा-निर्देशों का पालन पारदर्शिता से कोयला वितरित करने के लिए करते हैं। वर्तमान में लागू नीति- नई कोयला वितरण नीति (एनसीडीपी), देश में कोयला का पारदर्शी दोहन (कोल) और आवंटन की योजना (शक्ति), गैर विनियमित क्षेत्र (एनआरएस) के लिए लिंकेज नीलामी नीति, ब्रिज लिंकेज नीति, सिंगल विंडो मोड एग्नोस्टिक नीलामी, लिंकेज युक्तिकरण आदि को आवश्यकतानुसार संशोधित किया जाता है। कोयला कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच ईंधन आपूर्ति समझौते के अनुसार उपभोक्ताओं को कोयले की आपूर्ति की जाती है।
देश में कोयला खदानों में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण/जैव-पुनर्ग्रहण, सामुदायिक उपयोग के लिए खदान जल का उपयोग, इको-पार्कों का विकास और ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाना जैसी विभिन्न टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल पहल की गई हैं।
इसके अतिरिक्त, सफल बोलीदाता और नामित प्राधिकरण के बीच वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लॉक विकास और उत्पादन समझौते में यह अनिवार्य किया गया है कि सफल बोलीदाता आधुनिक और प्रचलित तकनीकों के अनुरूप कोयला खदान में मशीनीकृत कोयला निष्कर्षण, परिवहन और निकासी को लागू करेगा। इसी के अनुरूप सफल बोलीदाता कोयला खदान में परिचालन से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और अच्छे उद्योग अभ्यास के अनुसार स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने का प्रयास करेगा।
कोयला खदानों से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कोयला कंपनियों द्वारा निम्नलिखित गतिविधियां की जा रही हैं:
- वृक्षारोपण के माध्यम से कार्बन सिंक का निर्माण।
- नष्ट हुई भूमि का पुनरुद्धार।
- कोल बेड मीथेन (सीबीएम) के निष्कर्षण और कोयला गैसीकरण सहित स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को अपनाना।
- सड़क परिवहन को न्यूनतम करना तथा फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं सहित कोयला की मशीनीकृत ढुलाई एवं परिवहन को बढ़ावा देना।
- ऊर्जा दक्षता उपायों का कार्यान्वयन
- सौर, पवन, पम्प भंडारण परियोजनाओं, भू-तापीय आदि सहित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करना।
कोयला मंत्रालय ने 28 आवंटित कैप्टिव/वाणिज्यिक निजी कोयला खदानों के लिए अनुमति प्रदान की है, जिनमें से 26 खदानों ने उत्पादन शुरू कर दिया है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)/सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) अपने कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए सीआईएल/एससीसीएल के अस्पतालों/औषधालयों में चिकित्सा उपचार की सुविधा प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को चिकित्सा उपचार की विशेष सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवश्यकतानुसार देश भर के सूचीबद्ध अस्पतालों में भी भेजा जाता है। सीआईएल/सहायक कंपनियों के प्रतिष्ठानों में लगे ठेकेदारों के श्रमिकों को भी कंपनी के अस्पतालों/औषधालयों में उपलब्ध इनडोर और ओपीडी सुविधा दी जा रही है। एससीसीएल के नॉट ऑन रोल कर्मचारियों और उनके परिजनों को निर्धारित सदस्यता शुल्क का भुगतान करने पर अंशदायी सेवानिवृत्ति चिकित्सा योजना में नामांकित किया जाता है, जिसमें वे सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस उपचार का लाभ उठा सकते हैं। वर्तमान में सीआईएल/एससीसीएल के कोयला खदान श्रमिकों के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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