जल शक्ति मंत्रालय
संसद प्रश्न: जल जीवन मिशन की वर्तमान स्थिति
Posted On:
24 MAR 2025 12:13PM by PIB Delhi
भारत सरकार अगस्त 2019 से राज्यों की भागीदारी से जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल को कार्यान्वित कर रही है, ताकि देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु कार्यशील नल जल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएसः 10500) के साथ 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन (एलपीसीडी) के सेवा स्तर पर पीने योग्य जल का प्रावधान किया जा सके।
मिशन की शुरुआत में, केवल 3.23 करोड़ (16.7%) ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना थी। अब तक, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा सूचित किए गए अनुसार, 17.03.2025 तक, जल जीवन मिशन (जेजेएम) हर घर जल के तहत लगभग 12.30 करोड़ और ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 17.03.2025 तक, देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 15.53 करोड़ (80.20%) से अधिक परिवारों के पास उनके घरों में नल जल आपूर्ति उपलब्ध होने की सूचना है और शेष 3.83 करोड़ परिवारों के लिए कार्य संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की कार्य परिपूर्णता योजना के अनुसार पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
मिशन का प्रारंभिक अनुमानित परिव्यय 3.60 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रुपये था। मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित लगभग संपूर्ण केन्द्रीय हिस्से का उपयोग कर लिया गया है। इसके अलावा, माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2025-26 के दौरान कुल वर्धित परिव्यय के साथ जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है।
जल राज्य का विषय होने के कारण पेयजल आपूर्ति स्कीमों की आयोजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव का उत्तरदायित्व राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों का है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को अनेक समीक्षा बैठकों, क्षेत्रीय दौरों आदि के माध्यम से अन्य बातों के साथ-साथ जेजेएम मानकों (बीआईएस: 10500) के अनुसार आपूर्ति किए गए जल की गुणवत्ता सहित प्रदान किए गए नल जल कनेक्शनों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
इसके अतिरिक्त, जल गुणवत्ता निगरानी और पर्यवेक्षण (डब्ल्यूक्यूएमएंडएस) गतिविधियों के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को आबंटन का 2% तक जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर मौजूदा जल गुणवत्ता प्रयोगशालाओं की स्थापना और उन्नयन, प्रयोगशालाओं को रसायन एवं उपभोज्य वस्तुएं उपलब्ध कराना, उपकरणों, उपस्करों, रसायनों/अभिकर्मकों, कांच की बनी वस्तुओं, उपभोज्य वस्तुओं की खरीद, ज़मीनी स्तर पर रसायन (क्लोराइड सहित) और जीवाणु विज्ञान संबंधी जल गुणवत्ता निगरानी हेतु फील्ड परीक्षण किटों (एफटीके)/एच2एस शीशियों की खरीद और प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रत्यायन/मान्यता आदि शामिल हैं।
राज्यों को जल जनित जोखिमों की शीघ्र पहचान करने के लिए स्कूलों, आंगनवाड़ियों और ग्राम पंचायत (जीपी) स्तर पर आर्सेनिक तथा फ्लोराइड के साथ-साथ क्षेत्र विशिष्ट पैरामीटरों सहित सामान्य पैरामीटरों के लिए क्षेत्र परीक्षण किटों/बैक्टीरियोलॉजिकल शीशियों का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण करने की सलाह दी गई है। राज्य ग्राम पंचायत (जीपी) स्तर पर एफटीके/बैक्टीरियोलॉजिकल शीशियों का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण करने के लिए स्थानीय समुदाय की 5 महिलाओं की पहचान करेगा और उन्हें प्रशिक्षित करेगा।
इसके अतिरिक्त, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को यह भी सलाह दी गई है कि वे आवधिक आधार पर जल गुणवत्ता का परीक्षण करें और जहां आवश्यक हो, वहां सुधारात्मक कार्रवाई करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवारों को आपूर्ति किया गया जल निर्धारित गुणवत्ता का है।
पिछले वर्ष और चालू वर्ष (17.03.2025 तक) राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रयोगशालाओं में और एफटीके का उपयोग करके परीक्षण किए गए पेयजल नमूनों का वर्ष-वार सूचित विवरण निम्नानुसार है:
वर्ष
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परीक्षण किए गए नमूनों की संख्या
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परीक्षण किए गए कुल नमूनों की संख्या
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प्रयोगशालाओं में
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एफटीके का उपयोग करके
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2023-24
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75,00,041
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1,08,54,196
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1,83,54,237
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2024-25
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77,40,369
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90,52,382
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1,67,92,751
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यह जानकारी आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमण्णा द्वारा दी गई।
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एमजी /आरपीएम/केसी/ केजे
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