शिक्षा मंत्रालय
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काशी तमिल संगमम 3.0


अनेकता में एकता का उत्सव

Posted On: 14 FEB 2025 6:16PM by PIB Delhi

परिचय

काशी तमिल संगमम (केटीएस) 3.0 दिनांक 15 से 24 फरवरी, 2025 तक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित होने वाला है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पहल का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यतागत संबंध का उत्सव मनाना और उसे मजबूत करना है। केटीएस दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना चाहता है। इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है। यह प्रयास भारतीय ज्ञान प्रणालियों की संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के बल के अनुरूप है।

इस वर्ष, यह आयोजन महत्वपूर्ण है क्योंकि पहली बार, प्रतिभागियों को प्रयागराज में महाकुंभ देखने और अयोध्या में नव उद्घाटित राम मंदिर का दौरा करने का अवसर मिलेगा। 10 दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम 24 फरवरी 2025 को सम्पन्न होगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संस्कृति में निहित रहते हुए 21वीं सदी की मानसिकता के अनुरूप आधुनिक पीढ़ी को तैयार करने के महत्व को रेखांकित करती है।

इस वर्ष, सरकार ने तमिलनाडु से पांच श्रेणियों/समूहों के तहत लगभग 1000 प्रतिनिधियों को लाने का निर्णय लिया है:

1 विद्यार्थी, शिक्षक और लेखक

2 किसान और कारीगर (विश्वकर्मा श्रेणियाँ)

3 पेशेवर और छोटे उद्यमी

4 महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), मुद्रा ऋण लाभार्थी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (डीबीएचपीएस) प्रचारक

5 स्टार्ट-अप, इनोवेशन, एडू-टेक, रिसर्च


इस वर्ष, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले तमिल मूल के लगभग 200 विद्यार्थियों का अतिरिक्त समूह काशी और तमिलनाडु के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए इस आयोजन का हिस्सा होगा। इस वर्ष सभी वर्गों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जायेगा।

ऋषि अगस्त्यर की विरासत का सम्मान

इस वर्ष के आयोजन का मुख्य विषय सिद्ध चिकित्सा प्रणाली (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य में ऋषि अगस्त्यर के महत्वपूर्ण योगदान और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में उनके योगदान पर भी बल देना है। इसके अतिरिक्त, उन्हें स्वास्थ्य, दर्शनशास्त्र, विज्ञान, भाषा विज्ञान, राजनीति और कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें दक्षिण भारत में तमिल भाषा के पहले व्याकरणविद् के रूप में सम्मानित किया जाता है। उनका प्रभाव भारत से बाहर तक फैला हुआ है, क्योंकि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनकी भूमिका के लिए उन्हें जावा और सुमात्रा में भी पूजा जाता है।

केटीएस 3.0 के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्यर को समर्पित प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यह प्रदर्शनी उनके जीवन और कार्य के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेगी, तमिल और भारतीय ज्ञान परंपराओं में उनके महत्वपूर्ण योगदान को प्रदर्शित करेगी। इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में उनकी विद्वतापूर्ण उपलब्धियों पर केंद्रित सेमिनार, कार्यशालाएं और पुस्तक विमोचन भी शामिल होंगे।

परंपरा और समसामयिक प्रवचन को जोड़ना

काशी तमिल संगमम, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मस्तिष्क की उपज है।  यह तमिलनाडु और काशी के बीच शाश्वत संबंधों का उत्सव मनाने, सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाने की प्रेरणादायक पहल है।

इसके मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • तमिलनाडु और काशी के बीच साहित्यिक, आध्यात्मिक और कलात्मक संबंधों पर बल देना
  • दोनों क्षेत्रों के विद्वानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान-आधारित बातचीत को प्रोत्साहित करना
  • सांस्कृतिक प्रशंसा बढ़ाने के लिए पारंपरिक कला रूपों, शिल्प और व्यंजनों का प्रदर्शन
  • तमिल विद्यार्थयों को काशी और उसके प्राचीन शैक्षणिक संस्थानों के ऐतिहासिक महत्व का पता लगाने के लिए मंच प्रदान करना

काशी तमिल संगमम: ए जर्नी थ्रू द इयर्स

उद्घाटन संस्करण: केटीएस 1.0 (2022)

काशी तमिल संगमम का पहला संस्करण सम्पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया। जीवन के 12 अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले तमिलनाडु के 2500 से अधिक लोगों ने 8 दिवसीय दौरों पर वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा की। इस दौरान उन्हें वाराणसी और उसके आसपास जीवन के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव प्राप्त हुआ।

केटीएस 2.0 (2023): बौद्धिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना

प्रथम काशी तमिल संगमम की सफलता के बाद शिक्षा मंत्रालय द्वारा काशी तमिल संगमम (केटीएस 2.0) का दूसरा संस्करण 17.12.2023 से 30.12.2023 तक वाराणसी के नमो घाट पर आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 दिसंबर, 2023 को वाराणसी में किया गया।  उसमें तमिल प्रतिनिधियों के लाभ के लिए तमिल में माननीय प्रधानमंत्री के भाषण के एक हिस्से का पहली बार वास्तविक समय, ऐप-आधारित अनुवाद किया गया था।

निष्कर्ष

फरवरी 2025 में होने वाला काशी तमिल संगमम 3.0, तमिलनाडु और काशी के बीच गहरे सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को बढ़ावा देने के मिशन को जारी रखता है। ऋषि अगस्त्यर की विरासत को उजागर करके और विविध प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर, यह पहल भारत की समृद्ध विरासत के संबंध को मजबूत करती है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना में योगदान देती है।

संदर्भ

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