संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

महाकुंभ नगरी में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन

Posted On: 26 JAN 2025 10:17PM by PIB Delhi

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान आज 76वें गणतंत्र दिवस का विशेष आयोजन किया गया। आस्था और भक्ति के इस अनूठे पर्व पर संगम पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच इस गणतंत्र दिवस आयोजन में महाकुंभ मेला क्षेत्र और अखाड़े राष्ट्रवाद के रंग में रंगे नजर आए। संतों के अखाड़ों, श्रद्धालुओं के शिविरों और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा बनाए गए अस्थायी मेला कार्यालयों में ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए गए।

महाकुंभ नगरी में वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी ने गणतंत्र दिवस समारोह को और भी गौरवमय बना दिया। सरकार ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित विशेष शिविरों और वृद्धाश्रमों में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल से वृद्ध जन बिना किसी परेशानी के महाकुंभ में जा सकते हैं और संगम में पवित्र स्नान कर सकते हैं।

इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के शिविर में एक भाव विह्वल करने वाला दृश्य देखने को मिला। वहां मिर्जापुर के वृद्धाश्रम से आईं सत्तर वर्षीय मुन्नी देवी ने ध्वजारोहण किया। भावुक करने वाला यह क्षण इस बात का प्रतीक भी था कि महाकुंभ केवल आस्था का पर्व नहीं है बल्कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी का उत्सव भी है। मुन्नी देवी जैसे वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति ने इस दिन को और भी खास बना दिया।

इस वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशेष पहल की है। कुंभ क्षेत्र में वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के लिए 100 बिस्तरों की क्षमता वाला आश्रम स्थापित किया गया है। यह आश्रम खास तौर पर उन बुजुर्गों के लिए बनाया गया है जो संगम में पवित्र स्नान करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यात्रा या स्नान करने में दिक्कत हो सकती है। राज्य के अलग-अलग इलाकों से अब तक करीब 450 बुजुर्ग महाकुंभ में पहुंचे हैं और संगम में पवित्र स्नान और डुबकी लगा चुके हैं।

इस दौरान महाकुंभ नगरी में विभिन्न अखाड़ों, सरकारी कार्यालयों और सामाजिक सेवा संगठनों के शिविरों में देशभक्ति के गीत गूंजे। वहां योग सत्र भी आयोजित किए गए जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने भाग लिया। योगाभ्यास ने महाकुंभ कार्यक्रम को शारीरिक और मानसिक तौर पर ऊर्जावान बना दिया।

महाकुंभ में गणतंत्र दिवस का आयोजन राष्ट्रीयता और एकता का प्रतीक बना है। इससे यह भी सिद्ध हुआ कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने का एक अनूठा अवसर है। इस आयोजन ने सद्भाव का संदेश देने के साथ यह भी दर्शाया कि एक समर्पित समाज किस तरह अपने बुजुर्गों के सम्मान और उनकी गरिमा का सम्मान करता है।

***

एमजी/आरपीएम/केसी/एकेवी/एसके


(Release ID: 2097040) Visitor Counter : 16