संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
नया संचार साथी मोबाइल ऐप दूरसंचार सुरक्षा उपकरणों की सीधे प्रत्येक नागरिक तक पहुंच सुगम बनाता है
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिक-केंद्रित दूरसंचार पहलों का शुभारंभ किया
श्री सिंधिया ने संचार साथी मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया; राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का अनावरण किया और डीबीएन द्वारा वित्त पोषित 4 जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग का उद्घाटन किया
“आज शुरू की गई तीनों नई पहल एक विकसित भारत का निर्माण सुनिश्चित करेंगी- जो प्रौद्योगिकी द्वारा सशक्त, संपर्कता द्वारा समर्थ और सहयोग और नवाचार दोनों की भावना से सुरक्षित होगा”: श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
एनबीएम 2.0 का उद्देश्य भारत को डिजिटल परिवर्तन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के एक नए युग में आगे बढ़ाना है, जो विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है
डीबीएन द्वारा वित्त पोषित 4 जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग से कई दूरसंचार सेवा प्रदाता एक ही टावर से सेवाएं प्रदान कर सकेंगे, जिससे ग्राहकों को निर्बाध सेवा की सुविधा मिलेगी
Posted On:
17 JAN 2025 3:12PM by PIB Delhi
केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने पूरे देश में दूरसंचार पहुंच, सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में आज कई नागरिक-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में संचार साथी मोबाइल ऐप, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का शुभारंभ और डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग सुविधा का उद्घाटन शामिल था।
संचार साथी मोबाइल ऐप एक उपयोगकर्ता-अनुकूल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे दूरसंचार सुरक्षा को मज़बूत करने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है। मोबाइल अनुप्रयोग जारी करते हुए, श्री सिंधिया ने इस बात पर प्रकाश डाला, "यह पहल न केवल अवसरों तक पहुंच प्रदान करती है बल्कि सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित करती है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संचार साथी ऐप सभी के लिए दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा, सुरक्षा और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
संचार साथी मोबाइल ऐप, एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने दूरसंचार संसाधनों को सुरक्षित रखने और दूरसंचार धोखाधड़ी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण उपाय प्रदान करता है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में सम्मिलित हैं:
· चक्षु - संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्टिंग (एसएफसी): उपयोगकर्ता ऐप का उपयोग करके और सीधे मोबाइल फोन लॉग से संदिग्ध कॉल और एसएमएस की रिपोर्ट कर सकते हैं।
· अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शनों को जानें : नागरिक अपने नाम पर जारी सभी मोबाइल कनेक्शनों की पहचान और प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इनका अनधिकृत उपयोग न हो।
· खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को बंद करना : खोए या चोरी हुए मोबाइल उपकरण को तुरंत बंद, खोजना और प्राप्त किया जा सकता है।
· मोबाइल हैंडसेट की प्रामाणिकता जानें : यह ऐप मोबाइल हैंडसेट की प्रामाणिकता सत्यापित करने का एक आसान तरीका प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उपयोगकर्ता असली उपकरण खरीदें।
देश में 90 करोड़ से अधिक स्मार्ट फोन उपयोगकर्ताओं के साथ, संचार साथी मोबाइल ऐप का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्मार्टफोन पर बस कुछ क्लिक से इन महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0
केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का दृष्टिकोण दस्तावेज़ जारी करके इसका शुभारंभ किया। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनबीएम 2.0 एनबीएम 1.0 की सफलता पर आधारित है, जिसके तहत लगभग 8 लाख टावर स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहा, "ब्रॉडबैंड उपभोक्ता 66 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ हो गए हैं। यह वृद्धि एनबीएम 2.0 की शुरूआत के लिए प्रमुख बिंदु और आधार के रूप में कार्य करती है।"
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बताया, "आज भारत दूरसंचार और डिजिटल दोनों क्षेत्रों में वैश्विक अग्रणी भूमिका में है। 531 मिलियन से अधिक भारतीय अब इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़े हैं। हमारे मजबूत दूरसंचार नेटवर्क द्वारा संचालित यूपीआई के माध्यम से, हमने पिछले साल 172 बिलियन लेनदेन की सुविधा प्रदान की, जिसकी राशि लगभग 247 लाख करोड़ थी। देश की वृद्धि आंतरिक रूप से हमारे दूरसंचार नेटवर्क की मजबूती से जुड़ी हुई है। इसी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन शुरू किया गया था।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनबीएम 2.0 का प्राथमिक उद्देश्य देश भर के शेष 1.7 लाख गांवों को जोड़ना और महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 60 को ब्रॉडबैंड संपर्कता की सुविधा मिले। इसके अलावा, हमारा लक्ष्य 100 एमबीपीएस की न्यूनतम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड हासिल करना है, जिससे ग्रामीण भारत के लिए एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार हो सके।"
ई-गवर्नेंस से लेकर आपदा प्रबंधन तक, एनबीएम 2.0 हर क्षेत्र को बदलने का वादा करता है और इसमें देश भर में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। यह पहल केवल बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में नहीं है - यह एक डिजिटल रूप से समावेशी भविष्य के लिए आधार बनाने के संबंध में है, जहां संपर्कता हर नागरिक को सशक्त बनाती है। जैसे-जैसे भारत इस डिजिटल यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, मिशन स्पष्ट है: एक जुड़ा हुआ, लचीला और दीर्घकालीन भारत बनाना जहां प्रौद्योगिकी और नवाचार सभी की समृद्धि के लिए सफल हो।
एनबीएम 2.0 का लक्ष्य भारत को डिजिटल परिवर्तन के एक नए युग में ले जाना है। प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप , यह सभी के लिए हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और सार्थक संपर्कता प्रदान करके भारत की एक वैश्विक ज्ञान समाज के रूप में परिकल्पना करता है। एनबीएम 1.0 (2019-2024) की सफलता के आधार पर, एनबीएम 2.0 के मुख्य लाभ निम्नलिखित होंगे:
- 2030 तक 2.70 लाख गांवों तक परिचालन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) संपर्कता का विस्तार करना, वर्तमान ~50,000 से 95 प्रतिशत अपटाइम के साथ।
- 2030 तक स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 प्रतिशत प्रमुख संस्थानों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड गति में सुधार करना - राष्ट्रीय औसत को नवंबर 2024 में 63.55 एमबीपीएस से बढ़ाकर 2030 तक न्यूनतम 100 एमबीपीएस करना।
- 2026 तक पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान प्लेटफॉर्म (पीएमजीएस) पर सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व वाले फाइबर नेटवर्क की 100 प्रतिशत मैपिंग प्राप्त करना और अतिरिक्त भारतनेट परियोजना की योजना के लिए पीएमजीएस का उपयोग करना।
- व्यापार में सुगमता के लिए - राइट ऑफ वे आवेदन के औसत निपटान समय को 60 दिनों (अभी) से घटाकर 2030 तक 30 दिन करना। 2019 में यह 449 दिन था।
- प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या को वर्तमान 45 से बढ़ाकर 2030 तक 60 करना।
- 2030 तक 30 प्रतिशत मोबाइल टावरों को सतत ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य प्राप्त करना।
- भूमिगत दूरसंचार अवसंरचना और अन्य उपयोगिताओं की सुरक्षा के लिए 'कॉल बिफोर यू डिग' (सीबीयूडी) मोबाइल ऐप के उपयोग को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने मार्च 2023 में इसका शुभारंभ किया था।
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अंतर्गत जारी नए आरओडब्ल्यू नियम, 2024 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों अर्थात केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और नगर पालिकाओं के साथ सहयोग करें।
- देश के कोने-कोने में 5जी नेटवर्क की सुविधा प्रदान करने तथा 6जी के भविष्योन्मुखी नेटवर्क के लिए, देश भर में मजबूत, उपयोग के लिए तैयार स्ट्रीट फर्नीचर अवसंरचना के निर्माण के लिए कार्य करना।
- दूरसंचार नेटवर्क और अन्य उपयोगिताओं के रखरखाव और लागत दक्षता में सुधार करने के लिए सभी रैखिक परियोजनाओं में सामान्य/साझा करने योग्य दूरसंचार वाहिनी और उपयोगिता गलियारों के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करना।
- देश के दूर-दराज, सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक बुनियादी ढांचे को तैनात करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, आपदाओं, युद्धों और अन्य आपात स्थितियों के दौरान ब्रॉडबैंड संपर्कता बढ़ाने और ब्रॉडबैंड नेटवर्क की विश्वसनीयता, उत्तरजीविता और लचीलेपन में सुधार के लिए ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीजीडब्ल्यू) जैसी विद्युत क्षेत्र की परिसंपत्तियों का लाभ उठाना।
डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग
डिजिटल भारत निधि (डीबीएन), जिसे पहले यूएसओएफ के नाम से जाना जाता था, ने अपने व्यापक मोबाइल टावर परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार अंतर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे कठिन क्षेत्रों में डीबीएन द्वारा वित्तपोषित दूरसंचार टावर विशिष्ट टीएसपी के ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं जिन्होंने डीबीएन के वित्तपोषण से मोबाइल टावर स्थापित किया है। अभी तक, अन्य टीएसपी के ग्राहकों को डीबीएन द्वारा वित्तपोषित टावर का लाभ नहीं मिल पाया है।
कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4G मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "यह एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसमें हमारे तीन टीएसपी - बीएसएनएल, एयरटेल और रिलायंस - सभी डीबीएन-वित्तपोषित साइटों पर एक-दूसरे के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए एकजुट हैं। लगभग 27,836 ऐसी साइटों के साथ, हम न केवल संपर्कता सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि देश भर के ग्राहकों को पसंद की स्वतंत्रता भी प्रदान कर रहे हैं।"
डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर टीएसपी के बीच आईसीआर से कई टीएसपी के ग्राहक एक ही डीबीएन द्वारा वित्तपोषित टावर से 4जी सेवाओं का आनंद ले सकेंगे, बजाय इसके कि विभिन्न टीएसपी के लिए कई टावर हों। इसलिए, ऑपरेटरों और सरकार के कम पूंजीगत व्यय निवेश के माध्यम से अधिक ग्राहकों को लाभ मिलता है। यह पहल लगभग 27,000 टावरों द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले 35,400 से अधिक ग्रामीण और दूरदराज के गांवों के लिए निर्बाध 4जी संपर्कता का वादा करती है।
दूरसंचार विभाग की नागरिक-केंद्रित पहलों पर प्रकाश डालते हुए दूरसंचार सचिव, डॉ.नीरज मित्तल ने इस बात पर जोर दिया कि संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन व्यक्तियों को सशक्त बनाएगा और घोटालों की समस्या को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि डीबीएन द्वारा वित्तपोषित साइटों पर इंट्रा ऑपरेटर रोमिंग विशेष रूप से देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए उपयोगी होगी।
इस कार्यक्रम में सचिव (दूरसंचार) और डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल, डीसीसी के सदस्य (सेवाएं) श्री रोहित शर्मा, और डीसीसी के सदस्य (प्रौद्योगिकी) श्री संजीव के. बिदवई, अपर सचिव (टी) श्री गुलजार नटराजन और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
संचार साथी के बारे में
दूरसंचार विभाग की कई नागरिक केंद्रित पहलों में से संचार साथी पहल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। मई 2023 में जारी किए गए संचार साथी पोर्टल ( www.sancharsaathi.gov.in ) ने साइबर धोखाधड़ी से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और 9 करोड़ से अधिक परिदर्शन, 2.75 करोड़ धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों को काटने और 25 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए उपकरणों को सुरक्षित पाने करने जैसे उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल किए हैं। इसके अतिरिक्त, साइबर अपराधों से जुड़े 12.38 लाख व्हाट्सएप खातों को बंद कर दिया गया है और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए 11.6 लाख अवैध बैंक खातों को बंद किया गया है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय आने वाली धोखाधड़ी कॉल रोकथाम प्रणाली की शुरुआत की, जो धोखाधड़ी वाली कॉल्स से जुड़े साइबर अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है। इन सक्रिय उपायों से फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियां, कर धोखाधड़ी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का छद्मवेश धारण करने जैसी धोखाधड़ी को रोकने में काफी मदद मिली है, जिससे नागरिकों को साइबर खतरों से सुरक्षा मिली है।
दूरसंचार विभाग के डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों, राज्य पुलिस, I4सी, जीएसटीएन, बैंकों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, सेबी, सीबीडीटी, डीजीजीआई, आईबी, सीबीआई, वाट्सअप आदि सहित 520 से अधिक संगठनों को सहायता प्रदान करते हुए साइबर अपराध से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ इसके सहयोग ने राष्ट्रीय दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत किया है।
ये पहल डिजिटल दूरी को कम करने और भारत की वैश्विक डिजिटल स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
एनबीएम 1.0 के बारे में
यह मिशन राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 का भाग है। मिशन का उद्देश्य डिजिटल संचार अवसंरचना के विकास को तेज़ करना, डिजिटल दूरी को मिटाना, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशन को सुविधाजनक बनाना और सभी के लिए ब्रॉडबैंड की सस्ती और सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना है। यह मिशन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुँच में सुधार, आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और डिजिटल संपर्कता के माध्यम से सामाजिक समावेशन को बढ़ाने के सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के साथ भी जुड़ा हुआ है।
एनबीएम 1.0 की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
- सितंबर 2024 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) नेटवर्क का विस्तार 41.91 लाख किलोमीटर तक किया गया।
- दूरसंचार टावरों की संख्या बढ़कर 8.17 लाख तथा ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 941 मिलियन हो गई।
- "गतिशक्ति संचार" पोर्टल के माध्यम से प्रमुख राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) मुद्दों का समाधान करना और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना।
- भूमिगत दूरसंचार अवसंरचना की सुरक्षा के लिए “कॉल बिफोर यू डिग” (सीबीयूडी) मोबाइल ऐप की शुरूआत।
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(Release ID: 2093816)
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