लोकसभा सचिवालय
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भारतीय और स्कॉटिश संसद को एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में अपने अनुभवों से सीखने की जरूरत है: लोकसभा अध्यक्ष


लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, हमारी नई शिक्षा नीति भारत आने वाले स्कॉटिश विश्वविद्यालयों के लिए नए रास्ते खोल सकती है

लोकसभा अध्यक्ष ने स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री और स्कॉटिश संसद के पीठासीन अधिकारी से मुलाकात की

लोकसभा अध्यक्ष सीएसपीओसी की स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए कल ग्वेर्नसे में होंगे

Posted On: 09 JAN 2025 9:19PM by PIB Delhi

स्कॉटलैंड/नई दिल्ली; 9 जनवरी, 2025: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय और स्कॉटिश संसद को एआई के उपयोग में अपने अनुभवों से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एआई और प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारत की संसद अपनी कार्यक्षमता (उत्पादकता)बढ़ाने में सक्षम हुई है। श्री बिरला ने स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री जॉन जॉन स्विनी के साथ एक बैठक में ये बातें कहीं। यूनाइटेड किंगडम की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में श्री बिरला आज स्कॉटलैंड में थे। यहां दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और सहयोग के बारे में चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने हरित ऊर्जा, आईटी, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर विचार-विमर्श भी किया। इस मौके पर श्री बिरला ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के भारत के दृष्टिकोण को दोहराया। अध्यक्ष ने श्री स्विनी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के सुदृढ़ विकास के बारे में बताया, जिसमें 'वसुधैव कुटुम्बकम' की परिकल्पना के साथ वैश्विक शांति पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत की नई शिक्षा नीति ने भारत आने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए नए रास्ते खोले हैं और स्कॉटिश विश्वविद्यालय इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री ने भारत की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के पास जीवंत संसदीय प्रणाली है।

दिन में श्री ओम बिरला ने क्वींसबेरी हाउस में स्कॉटिश संसद के पीठासीन अधिकारी एलिसन जॉनस्टोन से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत की संसद और स्कॉटिश संसद के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने सहित आपसी हितों के कई मुद्दों पर चर्चा की गई। श्री बिरला ने कानून और सार्थक बहस के माध्यम से पिछले वर्षों में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारतीय संसद द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय कार्यवाही में महिला सांसदों की बढ़ती भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत और स्कॉटलैंड की संसद को महिला सशक्तिकरण से संबंधित अपने अनुभवों को एक दूसरे से साझा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए नारी शक्ति वंदना अधिनियम जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कैसे भारतीय लोकतंत्र फल-फूल रहा है और अपने लोगों का विश्वास जीत रहा है साथ ही तेजी से समावेशी बन रहा है। श्री बिरला ने कहा कि भारत 'महिला विकास' से आगे बढ़कर 'महिला नेतृत्व वाले विकास' की ओर बढ़ गया है।

लोकसभा अध्यक्ष ने स्कॉटलैंड में विभिन्न दलों के स्कॉटिश संसद के सदस्यों के साथ भी बातचीत की। भारत की संसदीय प्रणाली को सबसे मजबूत लोकतांत्रिक प्रणालियों में से एक बताते हुए श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संसद के कामकाज में सार्थक चर्चा, संवाद और विचार-विमर्श का विशेष महत्व है। श्री बिरला ने कहा कि मजबूत और कुशल समिति प्रणाली भारत के संसदीय लोकतंत्र की जीवंतता को बढ़ाती है।

लंदन में लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद किया

श्री बिरला ने एक दिन पहले लंदन में भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की थी। भारतीय प्रवासियों ने अपने भीतर भारतीयता की भावना को संरक्षित रखा है, इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि लोकसभा के अध्यक्ष ने कहा कि वे भारत और यूके के बीच बहुमुखी संबंधों में पुल के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आज न केवल भारतीय पासपोर्ट का महत्व बढ़ा है, बल्कि भारत के नाम को अधिक सम्मान, प्रेम और प्रशंसा भी मिली है। भारत की संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों के प्रति आस्था बढ़ी है और भारत से अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं। वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है। श्री बिरला ने कहा कि भारतीय प्रवासी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने लंदन में भारतीय समुदाय के सदस्यों से अपील की कि आज जब भारत 'सुधार के माध्यम से परिवर्तन' के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो उन्हें खुद को भारत के साथ सिर्फ भावनात्मक लगाव तक सीमित नहीं रखना चाहिए। नवाचार, निवेश या व्यवसाय हो आज उभरते नए भारत में संभावनाएं अपार हैं और भारत में उनके लिए अवसरों का भंडार है। उन्हें इन अवसरों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नया भारत बांहें फैलाकर उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

अपनी लंदन यात्रा के दौरान श्री बिरला ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हमारे ऐतिहासिक संबंधों, संसदीय लोकतंत्र के साझा मूल्यों, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और आईटी, एआई, सोशल मीडिया, फर्जी खबरों के प्रभाव और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए उपयुक्त कानूनों की आवश्यकता सहित कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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