नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 14 और 15 नवंबर को भुवनेश्वर में 'चिंतन शिविर' आयोजित करेगा
'चिंतन शिविर' में 2030 तक 500 गीगावाट और 2047 तक 1800 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा
Posted On:
13 NOV 2024 9:59AM by PIB Delhi
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) 14 और 15 नवंबर 2024 को ओडिशा के आईटीसी भुवनेश्वर में दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने की रणनीतियों और 2047 तक 1800 गीगावाट के अगले लक्ष्य की ओर प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी 14 नवंबर को सुबह 9 बजे इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक, ओडिशा के ऊर्जा मंत्री श्री कनक वर्धन सिंह देव और मंत्रालय के सचिव श्री प्रशांत कुमार सिंह भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
चिंतन शिविर का उद्देश्य अग्रणी नीति-निर्माताओं, वित्तीय संस्थानों, उद्योगपतियों, सीईओ और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रमुख अधिकारियों को एक मंच पर लाना है। प्रतिभागी विभिन्न विषयगत सत्रों के माध्यम से इस क्षेत्र में प्रमुख और उभरते मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
प्रमुख सत्रों के मुद्दे :
दिन 1: 14 नवंबर 2024
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना:1 करोड़ छतों पर सौर पैनल लगाने का लक्ष्य
- भारत में सौर सहायक उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देना
- भूमि और निकासी-भारतीय उपयोगिता पैमाने के संयंत्रों को गति देने के लिए प्रमुख कारक
- खदानों से लेकर मॉड्यूल तक: वैश्विक सौर विनिर्माण के रूप में भारत
- वैश्विक पवन ऊर्जा विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत
- आगामी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और ट्रांसमिशन तत्परता के बीच असंतुलन
- कृषि सौरीकरण-सौर पंप, फीडरों का सौरीकरण और कृषि-वोल्टाइक्स के एकीकरण को प्राप्त करने का मार्ग
- भारत की अपतटीय पवन ऊर्जा-ग्रिड एकीकरण के लिए आगे का मार्ग
दिन 2: 15 नवंबर 2024
- डिस्कॉम द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की खरीद सुनिश्चित करने की रणनीति-अड़चनें, संभावनाएं और आगे की राह
- राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम-भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में बायोगैस की उभरती भूमिका
- भारत में ऊर्जा भंडारण की उभरती भूमिका-बैटरी ऊर्जा भंडारण और पंप भंडारण प्रौद्योगिकियों पर ध्यान
- भारत में लघु जल विद्युत संयंत्रों के लिए एकीकृत रणनीति विकसित करना
- ग्रीन हाइड्रोजन होराइजन्स-इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण इकोसिस्टम का पोषण और खरीद की रणनीतियां
- भारत की डीकार्बोनाइजेशन पहल में सौर तापीय ऊर्जा की भूमिका-आवासीय, भंडारण और औद्योगिक उपयोग
- पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और द्वीपों में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण
- वित्त और व्यवसाय मॉडल में नवाचार
- भारत के ऊर्जा परिवर्तन को सशक्त बनाने के लिए कौशल-सक्षम कार्यबल का विकास।
शिविर का समापन 15 नवंबर, 2024 को शाम 4 बजे होगा। समापन सत्र में दोनों सत्रों के मुख्य निष्कर्षों और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
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