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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर सीएसआईआर की वैज्ञानिक उत्कृष्टता के 83 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है

Posted On: 01 OCT 2024 11:52AM by PIB Delhi

सीएसआईआर - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का 83वां स्थापना दिवस मनाया।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा आयोजित 83वें सीएसआईआर स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान सीएसआईआर-एनआईएससीपीआरआर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल स्वागत भाषण देते हुए

कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुई। "सीएसआईआर प्रयोगशालाएं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। एनआईएससीपीआर में, हमारा ध्यान विज्ञान और समाज के बीच की खाई को पाटने पर है। हम 15 शोध पत्रिकाएँ और तीन लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाएँ प्रकाशित करते हैं, और हम अपनी सामग्री को सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हमने हाल ही में यूएन असेंबली साइंस समिट में भाग लिया।"

प्रोफेसर (डॉ.) सुषमा यादव, प्रो. वाइस चांसलर, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया

प्रोफेसर (डॉ.) सुषमा यादव, एसोसिएट वाइस चांसलर, हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जो इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं, ने कहा, "सीएसआईआर विज्ञान और उद्योग के बीच की खाई को पाटने की कोशिश कर रहा है। ऐतिहासिक रूप से, एक गलत धारणा है कि भारत में वैज्ञानिक मानसिकता का अभाव है  और सीएसआईआर इस धारणा को दूर करने के लिए काम कर रहा है। आध्यात्मिक सोच के साथ सह-अस्तित्व वाली वैज्ञानिक परंपरा को बढ़ावा देकर, हमारा उद्देश्य तर्कसंगत जांच और सांस्कृतिक मूल्यों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण बनाना है।"

प्रोफेसर जगत भूषण नड्डा, निदेशक, कंसोर्टियम फॉर एजुकेशन कम्युनिकेशन

कंसोर्टियम फॉर एजुकेशन कम्युनिकेशन के निदेशक प्रोफेसर जगत भूषण नड्डा ने कहा, "सीएसआईआर ने भारत की वैज्ञानिक विरासत को सराहनीय तरीके से आगे बढ़ाया है और हमारे देश की यात्रा में आधारशिला के रूप में काम किया है। राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान करने में सबसे आगे रहकर सीएसआईआर ने बड़े पैमाने पर समाज को लगातार लाभान्वित किया है। समय की मांग है कि विज्ञान को सुलभ बनाया जाए, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। प्रभाव को अधिकतम करने के लिए, वैज्ञानिक अनुसंधान और खोजों को कार्रवाई योग्य नीतियों में तब्दील किया जाना चाहिए। सीएसआईआर उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के बीच सफलतापूर्वक तालमेल बना रहा है, जिससे भारत विज्ञान और नवाचार में वैश्विक अग्रज बनने की स्थिति में है।"

इस अवसर पर समारोह के दौरान सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की मासिक पत्रिका 'साइंस रिपोर्टर' के विशेष अंक का भी विमोचन किया गया। पत्रिका का शीर्षक है "साइंस रिपोर्टर: ए सिक्स डिकेड जर्नी इन साइंस कम्युनिकेशन (1964-2024)"। विशिष्ट अतिथियों ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों, 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों तथा 10वीं एवं 12वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किये।

सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह की शाम को एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद स्थापना दिवस प्रतियोगिताओं में भाग लेने वालों के लिए पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान, एनआईएससीपीआर, एसएंडटी के स्टाफ सदस्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों, बच्चों, छात्रों और परियोजना कर्मचारियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और अपने गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। श्री मुकेश पुंड, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और अध्यक्ष, एनआईएससीपीआर सीएसआईआर स्थापना दिवस आयोजन समिति ने अपना आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सभी समितियों को धन्यवाद दिया। समारोह में सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर कर्मचारियों के साथ उनके परिवार, एसीएसआईआर छात्र और परियोजना कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संचालन के लिए नियुक्त विभिन्न उप समितियों के समन्वयकों ने सौंपे गए कार्यों को बहुत जिम्मेदारी और गंभीरता से निभाया। चित्रकला एवं चित्रकारी प्रतियोगिता का संचालन डॉ. पुष्पांजलि त्रिपाठी ने किया। प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. महेर वान द्वारा किया गया। बजट एवं  स्थल का समन्वय डॉ. नरेश कुमार द्वारा किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मंच संचालन का संचालन डॉ. मनीष मोहन गोरे ने किया। डॉ. विपन कुमार ने खेल कार्यक्रमों का आयोजन किया, डॉ. अरविंद मीना ने प्रचार सामग्री का संकलन किया और सुश्री सोनाली नागर ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में आयोजित सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह के लिए अतिथियों के निमंत्रण के आयोजन का समन्वय किया।

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