मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
सचिव, श्रीमती अलका उपाध्याय ने वास्तविक और वित्तीय प्रगति पर पशुपालन और डेयरी विभागों के पूर्वी राज्यों के अधिकारियों के साथ कई प्रमुख योजनाओं की समीक्षा बैठक की
पुनर्गठित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना के लाभ को अधिकतम करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए लाभार्थियों के बीच इसका सक्रिय प्रचार-प्रसार किया जाए: श्रीमती अलका उपाध्याय
Posted On:
13 SEP 2024 12:03PM by PIB Delhi
पशुपालन एवं डेयरी सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने ओडिशा के भुवनेश्वर में क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा के लिये पूर्वी राज्यों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मेघालय के पशुपालन एवं डेयरी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, निदेशक और योजना कार्यान्वयन अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अतिरिक्त सचिव सुश्री वर्षा जोशी, संयुक्त सचिव सुश्री सरिता चौहान, सलाहकार (सांख्यिकी) श्री जगत हजारिका और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
श्रीमती अलका उपाध्याय ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के अंतर्गत उद्यमिता विकास, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) सहित कई प्रमुख योजनाओं की वास्तविक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की।
श्रीमती अलका उपाध्याय ने अधिकारियों से राज्यों में चारे की कमी और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए आग्रह किया कि वे दुधारू गोवंश की संख्या बढ़ाने और चारे की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय उपायों की पहचान करें। उन्होंने दुग्ध संग्रह, शीतलन, प्रसंस्करण और परीक्षण के लिए एनपीडीडी योजना के तहत बनाए गए बुनियादी ढांचे के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में संगठित डेयरी क्षेत्र के दायरे को बढ़ाने, स्वदेशी दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन को बढ़ाने और विपणन कार्य योजनाओं को विकसित कर डेयरी आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में उजागर किया गया।
बैठक में, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के तहत प्रजनन बाड़ी स्थापित करने की दिशा में राज्यों के प्रयासों की सराहना भी की गई। श्रीमती उपाध्याय ने राज्यों को इन योजनाओं के तहत उपलब्ध अवसरों और वित्तीय सहायता का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि अधिकतम लाभ प्राप्त करने और उद्यमिता को बढ़ावा देना सुनिश्चित करने के लिए पुनर्गठित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना को लाभार्थियों के बीच सक्रिय रूप से बढ़ावा दें। बैठक के दौरान राज्यों ने अपनी नई पहल और सर्वोत्तम कार्यशैली को प्रस्तुत किया।
श्रीमती अलका उपाध्याय ने बैठक का समापन करते हुए 21वीं पशुधन गणना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों द्वारा सामूहिक जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पशुपालन क्षेत्र में भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को निर्धारित करने में आगामी 21वीं पशुधन गणना की महत्वपूर्ण भूमिका के बारें में भी जानकारी दी और साथ ही इसके सफल कार्यान्वयन के लिए नवीनतम तकनीकों का लाभ उठाने को कहा।
भारत सरकार की प्रमुख एनएडीसीपी योजना की समीक्षा के दौरान मवेशियों, भैंसों, भेड़ों और बकरियों के लिए छह-मासिक टीकाकरण पर चर्चा की गई। इस योजना के तहत खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी प्रमुख बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण किया जाता है। अन्य विषयों में पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को (एएससीएडी) के तहत सहायता, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) का संचालन और "पशुकल्याण समितियों" का गठन शामिल था।
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