वित्त मंत्रालय
सीबीआईसी ने भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों (एलसीएस) के कामकाज पर नई दिल्ली में चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की
इस दो दिवसीय सम्मेलन में 100 से ज्यादा प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और माल ढुलाई को ज्यादा सुगम करने और भारत के भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों और एकीकृत चेक पोस्टों पर परिचालन बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक रणनीति बनाने के लिए एक साथ आए
राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने सम्मेलन में “सीमाओं को पाटते और राष्ट्रों को जोड़ते: भारत के भूमि सीमा शुल्क स्टेशन” नामक पुस्तिका का विमोचन किया
Posted On:
30 AUG 2024 4:18PM by PIB Delhi
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 28 और 29 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों (एलसीएस) के कामकाज को लेकर चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने किया और अध्यक्षता सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री संजय कुमार अग्रवाल ने की। सदस्य (सीमा शुल्क) श्री सुरजीत भुजबल, सदस्य (आईटी और करदाता सेवाएं) श्रीमती अरुणा नारायण गुप्ता, सदस्य (अनुपालन प्रबंधन) श्री राजीव तलवार और भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री आदित्य मिश्रा भी उपस्थित थे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन ने प्रमुख हितधारकों को भारत के भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों और एकीकृत चेक पोस्टों के परिचालनों को बढ़ाने के साथ-साथ भारत के पड़ोसी देशों के साथ यात्रियों की आवाजाही की राह में मौजूदा चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
सम्मेलन में 100 से ज्यादा विशेषज्ञ और प्रमुख हितधारक निम्नांकित विषयों पर चर्चा करने और विशिष्ट सुझाव देने के लिए एकत्रित हुए:
- पड़ोसी देशों के साथ सीमा शुल्क केंद्रों पर व्यापार और पारगमन सुविधा
- तस्करी से निपटने के लिए जोखिम प्रबंधन रणनीतियां
- तस्करी विरोधी अभियानों में सर्वोत्तम पद्धतियां
- सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए तकनीकी प्रगति
- एजेंसियों के बीच सहयोग और सूचना साझाकरण
- प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण
- एजेंसियों के बीच समन्वित सीमा पार प्रबंधन और अंतर-संचालन के लिए आवश्यक नीतिगत सुधार
राजस्व सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री संजय कुमार अग्रवाल, विशेष सचिव और सदस्य (सीमा शुल्क) श्री सुरजीत भुजबल, और विशेष सचिव और सदस्य (आईटी और टीपीएस) श्रीमती अरुणा नारायण गुप्ता की उपस्थिति में नई दिल्ली में इस सम्मेलन में “सीमाओं को पाटते और राष्ट्रों को जोड़ते: भारत के भूमि सीमा शुल्क स्टेशन” (ब्रिजिंग बॉर्डर्स एंड कनेक्टिंग नेशंसः इंडियाज़ लैंड कस्टम स्टेशंस) नामक पुस्तिका का विमोचन किया।
ये पुस्तिका भारत के भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर गहन जानकारी प्रदान करती है और व्यापार को सुगम बनाने, क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करती है।
इस सम्मेलन का पहला दिन अंतर-मंत्रालयी चर्चाओं पर केंद्रित रहा। सीबीआईसी के अधिकारियों के अलावा, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, रेल मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और कई राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस कार्यक्रम में एशियाई विकास बैंक, विश्व बैंक, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग तथा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, व्यापार निकायों और थिंक टैंकों ने भी भाग लिया।
इस दौरान जो चर्चाएं हुईं वे भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों की परिचालन दक्षता को अनुकूलित करने और पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर व्यापार सुविधा को बढ़ाने के इर्द-गिर्द केंद्रित रही, जिसमें भूटान, बांग्लादेश और नेपाल पर विशेष ध्यान दिया गया। अंतर-मंत्रालयी वार्ता ने निर्बाध व्यापार वाला माहौल सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों के बीच समन्वित प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, थिंक टैंकों और व्यापार संघों ने दक्षिण एशिया क्षेत्र में बनाई गई बुनियादी ढांचा और ज्ञान परियोजनाओं पर ताजा जानकारी दी।
दूसरे दिन हुई चर्चा में बुनियादी ढांचे के विकास और लॉजिस्टिक्स संबंधी मुद्दों, श्रमबल और मानव संसाधन मुद्दों, तस्करी निरोध और जोखिम प्रबंधन, डिजिटलीकरण और प्रक्रिया सुधार के साथ-साथ भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर लैंगिक समानता को मुख्यधारा में लाने जैसे मुद्दों को शामिल किया गया। इस दौरान एक प्रमुख विषय सुदृढ़ अंतर-विभागीय समन्वय और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने की जरूरत का रहा। प्रतिभागियों ने भारत की भूमि सीमाओं के जरिए ज्यादा आसान और कुशल व्यापार प्रवाह सुगम करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के महत्व पर भी बात की।
सीबीआईसी ने प्रासंगिक हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी के साथ एक सकारात्मक बिंदु पर इस सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन किया और एक स्पष्ट मार्ग निर्धारित किया। इसमें संदेश दिया गया कि “भारत की सीमाएं जो कि भारत के पहले गांव हैं, वहां पर व्यापार सुगमीकरण के लिए सहयोग महत्वपूर्ण है।” उम्मीद है कि इस सम्मेलन के परिणाम भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सीबीआईसी के जारी प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इससे ये सुनिश्चित होगा कि भारत के व्यापार सुगमीकरण तंत्र वैश्विक मानकों पर खरे उतरेंगे।
सीबीआईसी भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के कामकाज को अनुकूलित करने और सीमा पार निर्बाध व्यापार को सुगम करने के अपने मिशन पर अटल है, और ये भारत के आर्थिक विकास और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। ये प्रयास 'विकसित भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों के अंतर्गत भारत सरकार के बड़े उद्देश्यों के अनुरूप हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देना, सीमा पार संबंधों को मजबूत करना और पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक एकीकरण बढ़ाना है।
भारत में भूमि सीमा शुल्क स्टेशन
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के अंतर्गत 122 भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (एलसीएस) अधिसूचित हैं, जो भारत के 16 राज्यों में फैले हैं और अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, इन 7 पड़ोसी देशों के साथ व्यापार करने के लिए भारत की सीमाओं पर रणनीतिक रूप से स्थित हैं। ये भूमि सीमा शुल्क स्टेशन अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार माल और लोगों की सहज आवाजाही की सुविधा प्रदान करते हैं। अटारी रोड, अगरतला, पेट्रापोल, जोगबनी, रक्सौल, मोरेह, डेरा बाबा नानक, सुतेरकंडी, श्रीमंतपुर, दावकी, रुपैधिया और सबरूम, इन 12 प्रमुख स्थानों पर एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) स्थापित किए गए हैं जो दक्ष सीमा शुल्क निकासी के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा और सुव्यवस्थित प्रक्रियाएं प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय विक्रेताओं को निर्दिष्ट क्षेत्रों में सामान बेचने की अनुमति देकर स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर विशिष्ट स्थानों पर 7 सीमा हाट स्थापित किए गए हैं, जो सीमावर्ती समुदायों के आर्थिक उत्थान में योगदान करते हैं।
सीबीआईसी ने सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में सामंजस्य बैठाने और व्यापार सुगमता हेतु एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए भागीदार देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (स्विफ्ट), उन्नत जोखिम प्रबंधन प्रणाली, पोस्ट क्लीयरेंस ऑडिट, अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) कार्यक्रम, इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम (ईसीटीएस) के अंतर्गत कार्गो की आवाजाही, ऑफ-बॉर्डर क्लीयरेंस को बढ़ावा देकर भूमि सीमाओं पर भीड़भाड़ कम करने जैसे प्रणालीगत सुधारों ने भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया है। सीबीआईसी द्वारा प्रकाशित नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (एनटीआरएस) 2024 के अनुसार, 2023 की समान अवधि की तुलना में 2024 में एकीकृत चेक पोस्टों पर औसत रिलीज टाइम में 50 प्रतिशत की बड़ी कमी आई है। सीबीआईसी ने हाल के दिनों में पड़ोसी देशों के साथ व्यापार और पारगमन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जैसे:
- बीते महीने सीबीआईसी ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स के जरिए तीसरे देशों में बांग्लादेश के निर्यात कार्गो के ट्रांसशिपमेंट की अनुमति दी है। ये कॉम्प्लेक्स इसी कार्य के लिए पहले से तय दिल्ली और कोलकाता के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स के अतिरिक्त है।
- पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मैया स्थित भूमि सीमा शुल्क स्टेशन को भारत में मैया को बांग्लादेश से जोड़ने वाले नदी मार्ग के तौर पर अधिसूचित किया गया है। मैया से बांग्लादेश के जरिए असम में धुबरी तक का नया जलमार्ग कोलकाता से धुबरी तक पिछले जलमार्ग की तुलना में लगभग 930 किलोमीटर की दूरी कम करेगा।
- पिछले साल त्रिपुरा में निश्चिंतपुर रेलवे स्टेशन को सीमा शुल्क अधिनियम के तहत एलसीएस के रूप में अधिसूचित किया गया था। ये अगरतला-अखौरा रेलवे परियोजना का एक हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र और बांग्लादेश के बीच पहली रेलवे परियोजना है और इससे पर्यटन, व्यापार और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- सीबीआईसी ने मई 2023 में त्रिपुरा में एलसीएस सबरूम का एक अतिरिक्त मार्ग अधिसूचित किया है। 1.9 किलोमीटर लंबा ये मैत्री सेतु सड़क व्यापार और लोगों के बीच आवाजाही के लिए एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा है और इसके साथ ही त्रिपुरा बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक पहुंच के साथ 'पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार' बन सकता है, जो सबरूम से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है।
- मई 2023 में सीबीआईसी ने जोगबनी में भारतीय सीमा शुल्क यार्ड का संचालन शुरू किया और जोगबनी को नेपाल में विराटनगर से जोड़ने वाला एक रेल मार्ग अधिसूचित किया। रेल मार्ग से माल की ढुलाई से दोनों देशों के बीच भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के जरिए व्यापार के तरीकों में विविधता लाने के अलावा परिचालन दक्षता और लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है। इस मार्ग से कोलकाता, हल्दिया और विशाखापत्तनम के भारतीय गेटवे बंदरगाहों से नेपाल तक रेल के जरिए माल ढुलाई इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम के तहत होगी। ये सिस्टम प्रोसेसिंग में लगने वाले समय को कम करता है और कार्गो सुरक्षा को बढ़ाता है।
- हाल ही में सीबीआईसी के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी विशेषज्ञ प्रतिनिधिमंडल ने भूटान का दौरा किया और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे भूटान के एसएमई निर्यातकों के लाभ के लिए चार अलग-अलग शहरों में क्षमता निर्माण कार्यशालाएं आयोजित कीं। भूटान सरकार ने भारत की इस पहल की तहेदिल से सराहना की है।
- भूमि से घिरे विकासशील देश भूटान को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सीबीआईसी ने इस साल फरवरी में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जो असम में जोगीघोपा और पांडु बंदरगाहों पर प्रवेश/निकास बिंदुओं के साथ भारत के जरिए नदी मार्ग का उपयोग करके भूटान और बांग्लादेश के बीच माल के पारगमन की अनुमति देती है।
- सीबीआईसी सीमा शुल्क क्षमता निर्माण पर 2017 में हस्ताक्षर किए गए एसएएसईसी आशय ज्ञापन के अंतर्गत एनएसीआईएन में प्रशिक्षण भी आयोजित कर रहा है। एनएसीआईएन द्वारा उक्त आशय ज्ञापन के अंतर्गत एसएएसईसी देशों के प्रतिनिधियों के लिए आज तक कई क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। दिसंबर 2023 में सीमा पार ई-कॉमर्स के लिए व्यापार सुगमीकरण विषय पर एनएसीआईएन द्वारा नवीनतम एसएएसईसी क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
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एमजी/एआर/जीबी
(Release ID: 2050358)
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