विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

ग्राम न्यायालय

Posted On: 09 AUG 2024 12:36PM by PIB Delhi

ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008, जो 02 अक्टूबर, 2009 से लागू हुआ, का उद्देश्य नागरिकों को उनके दरवाजे पर सस्ती और त्वरित न्याय प्रदान करना है। ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008 की धारा 3 (5) के अनुसार, राज्य सरकारें अपने संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से प्रत्येक ग्राम न्यायालय के लिए एक न्यायाधिकारी की नियुक्ति करती हैं। यह एक न्यायाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट के स्तर का एक अधिकारी होता है और स्थिति की मांग के अनुरूप मोबाइल अदालतें आयोजित करता है। ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008 के तत्वावधान में, 2009 में “ग्राम न्यायालय की स्थापना और संचालन के लिए राज्य सरकारों को सहायता” शीर्षक से एक योजना शुरू की गई थी और ग्राम न्यायालय योजना को चलाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए थे।

आज तक, 15 राज्यों ने 481 ग्राम न्यायालयों को अधिसूचित करके ग्राम न्यायालय योजना को लागू किया है। इस योजना की शुरुआत के बाद से, 10 राज्यों में 309 ग्राम न्यायालयों में कामकाज सुचारू रूप से जारी है। अधिसूचित एवं कार्यरत ग्राम न्यायालयों का राज्यवार विवरण इस प्रकार है:

  क्र.सं.

  राज्य

 अधिसूचित ग्राम        न्यायालयों की संख्या

  कार्यरत  न्यायालय

1

मध्य प्रदेश

89

89

2

राजस्थान

45

45

3

केरल

30

30

4

महाराष्ट्र

39

26

5

ओडिशा

24

20

6

उत्तर प्रदेश

113

92

7

कर्नाटक

2

2

8

हरियाणा

3

2

9

पंजाब

9

2

10

झारखंड

6

1

11

गोवा

2

0

12

आंध्र प्रदेश

42

0

13

तेलंगाना

55

0

14

जम्मू एवं कश्मीर

20

0

15

लद्दाख

2

0

कुल

481

309

यह जानकारी विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री  श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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