विधि एवं न्याय मंत्रालय
न्यायालयों में ई-सेवा केन्द्र
Posted On:
09 AUG 2024 12:35PM by PIB Delhi
ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना के एक हिस्से के रूप में, ई-सेवा केंद्रों को वन स्टॉप सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है, जो अदालती मामलों/आदेशों/निर्णयों, अदालत से संबंधित मामलों की सुविधा और ई-फाइलिंग सेवाओं के बारे में निःशुल्क जानकारी प्रदान करते हैं, यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभप्रद है, जिन्हें तकनीक की जानकारी नहीं है या जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। अनुलग्नक-I में दिए गए विवरण के अनुसार, अब तक देश के जिला न्यायालयों में कुल 1072 ई-सेवा केंद्र और उच्च न्यायालयों में 27 ई-सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
ई-सेवा केन्द्रों पर निम्नलिखित सेवाएं प्रदान की जाती हैं:
- मामले की स्थिति, सुनवाई की अगली तारीख और अन्य विवरण के बारे में पूछताछ करना।
- प्रमाणित प्रतियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान करना।
- हार्ड कॉपी याचिकाओं की स्कैनिंग, ई-हस्ताक्षर जोड़ने, उन्हें सीआईएस पर अपलोड करने और फाइलिंग नंबर बनाने से लेकर याचिकाओं की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करना।
- ई-स्टाम्प पेपर/ई-भुगतान की ऑनलाइन खरीद में सहायता करना।
- आधार आधारित डिजिटल हस्ताक्षर के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने में सहायता।
- एंड्रॉइड और आईओएस के लिए ई-कोर्ट्स के मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने में सहायता और प्रचार करना।
- जेल में बंद रिश्तेदारों से मुलाकात के लिए ई-मुलाकात अपॉइंटमेंट की बुकिंग में सुविधा प्रदान करना।
- छुट्टी पर गए न्यायाधीशों के बारे में जानकारी।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति और सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्राप्त करने के बारे में लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करना।
- आभासी न्यायालयों में यातायात चालान के निपटान की सुविधा प्रदान करना, साथ ही यातायात चालान और अन्य छोटे अपराधों के ऑनलाइन निपटारे की सुविधा प्रदान करना।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालती सुनवाई की व्यवस्था और संचालन की विधि की व्याख्या करना।
- ईमेल, व्हाट्सएप या किसी अन्य उपलब्ध माध्यम से न्यायिक आदेशों/निर्णयों की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराना।
इस प्रकार ई-सेवा केन्द्रों की स्थापना से वर्चुअल सुनवाई, स्कैनिंग सुविधाएं और ई-कोर्ट सुविधाओं तक पहुंच की सुविधा मिलती है, जिससे समग्र दक्षता बढ़ती है और इस प्रकार समय की बचत होती है, लंबी यात्रा समाप्त होती है और व्यय में कमी लाता है।
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यह जानकारी विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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