नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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ई-कचरा प्रबंधन

Posted On: 07 AUG 2024 3:42PM by PIB Delhi

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2023 से लागू ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 को अधिसूचित किया है और समय-समय पर इसमें संशोधन किया है। ये नियम सोलर फोटो-वोलेटिक मॉड्यूलों अथवा पैनलों अथवा सेलों पर लागू होते हैं जो उक्त नियमावली के अध्याय V के उपबंधों के अधीन हैं। इन नियमों के अनुसार सोलर फोटो-वोलेटिक मॉड्यूलों अथवा पैनलों या सेलों का प्रत्येक मैन्यूफैक्चरर और उत्पादक

  1. पोर्टल पर पंजीकरण सुनिश्चित करें;
  2. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस संबंध में निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्ष 2034-2035 तक उत्पन्न सोलर फोटो-वोलेटिक मॉड्यूलों या पैनलों अथवा सेल अपशिष्ट पदार्थों का भंडारण;
  3. वर्ष 2034-2035 तक के रिटर्न (विवरणी) से संबंधित रिटर्न के अंत में या उससे पहले पोर्टल पर निर्धारित प्रपत्र में वार्षिक रिटर्न दाखिल करना;
  4. यह सुनिश्चित करना कि सोलर फोटो-वोलेटिक मॉड्यूलों या पैनल या सेल के अतिरिक्त अन्य कचरे का प्रसंस्करण लागू नियमों या दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है;
  5. सुनिश्चित करना कि सोलर फोटो-वोल्टाइक मॉड्यूल या पैनल या सेल्स की सूची पोर्टल पर स्पष्ट रूप से रखी गई है;
  6. इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना।

सोलर फोटो-वोलेटिक मॉड्यूलों अथवा पैनलों अथवा सेलों के पुनर्चक्रणकर्ता को इस संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा यथा निर्धारित सामग्री की प्राप्ति के लिए अधिदेशित किया जाएगा।

पवन टरबाइन के अधिकांश घटक धातुओं से बने होते हैं जो रिसाइकिल किया जा सकता है और ब्लेड में उपयोग किए जाने वाले फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक (एफआरपी) के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 25 मई, 2016 को 'शीट मोल्डिंग कंपाउंड (एसएमसी)/फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक (एफआरपी) सहित थर्मोसेट प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान के लिए दिशानिर्देश' जारी किए हैं।

यह जानकारी आज लोकसभा में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येस्सो नाइक ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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