पर्यटन मंत्रालय
हरित पर्यटन को बढ़ावा देना
Posted On:
29 JUL 2024 4:31PM by PIB Delhi
यूएनडब्ल्यूटीओ बैरोमीटर, मई 2024 के अनुसार, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में तेजी से सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में 2024 की पहली तिमाही में सैलानियों का आगमन कोविड महामारी के पहले के स्तर का 82% तक पहुंच गया। भारत में एशिया और प्रशांत क्षेत्र की तुलना में सबसे मजबूत सुधार दिख रहा है, जहां इसी अवधि में सैलानियों का आगमन कोविड महामारी के पहले के स्तर का 89% तक पहुंच गया।
भारत को टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने टिकाऊ पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है। टिकाऊ पर्यटन के विकास के लिए निम्नलिखित रणनीतिक स्तंभों की पहचान की गई है: -
(i) पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना
(ii) जैव विविधता की रक्षा करना
(iii) आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना
(iv) सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिरता को बढ़ावा देना
(v) सतत पर्यटन के प्रमाणन के लिए योजना
(vi) आईईसी और क्षमता निर्माण
(vii) शासन
पर्यटन मंत्रालय ने देश में सतत और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय सरकारों के साथ साझेदारी में पर्यटन स्थलों के ठोस विकास के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने के मिशन के साथ स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में अपनी स्वदेश दर्शन योजना को नया रूप दिया है।
राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों के परामर्श से, स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत विकास के लिए अब तक 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 57 स्थलों की पहचान की गई है। इनका विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
स्वदेश दर्शन 2.0 के अंतर्गत उप-योजना "चुनौती आधारित पर्यटन स्थल विकास" का उद्देश्य पर्यटन मूल्य श्रृंखला में पर्यटकों के अनुभव को और भी अच्छा करने के लिए पर्यटक स्थलों का समग्र विकास करना है, ताकि हमारे पर्यटन स्थलों को टिकाऊ और जिम्मेदार गंतव्यों के रूप में बदला जा सके। इस योजना के अंतर्गत, पर्यटन मंत्रालय ने 4 श्रेणियों में 42 पर्यटन स्थलों की पहचान की है। पर्यटन स्थलों की ये 4 श्रेणियां हैं (i): संस्कृति और विरासत स्थल, (ii): आध्यात्मिक पर्यटन, (iii): इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर गंतव्य और (iv): जीवंत गांव कार्यक्रम गंतव्य। इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर श्रेणी के अंतर्गत पहचाने गए गंतव्यों का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है।
यह जानकारी आज केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
***
अनुलग्नक-I
स्वदेश दर्शन 2.0 के अंतर्गत पहचाने गए गंतव्यों की सूची:
क्र. सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
पर्यटन स्थलों की पहचान
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
गंडिकोटा, अराक्कु-लाम्बासिंगी
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
नाचो, मेचुका
|
3
|
असम
|
जोरहाट, कोकराझार
|
4
|
बिहार
|
गया, नालंदा
|
5
|
छत्तीसगढ
|
बिलासपुर, जगदलपुर
|
6
|
गोवा
|
पोरवोरिम, कोल्वा
|
7
|
गुजरात
|
धोलावीरा, द्वारका
|
8
|
हरियाणा
|
पंचकूला (मोरनी)
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
पोंग बांध
|
10
|
जम्मू और कश्मीर
|
बशोली
|
11
|
झारखंड
|
चांडिल
|
12
|
कर्नाटक
|
हम्पी, मैसूर
|
13
|
केरल
|
कुमारकोम, कोझिकोड (बेपोर)
|
14
|
मध्य प्रदेश
|
ग्वालियर, चित्रकूट
|
15
|
महाराष्ट्र
|
सिंधुदुर्ग, अजंता-एलोरा
|
16
|
मणिपुर
|
मोइरांग (बिष्णुपुर)
|
17
|
मेघालय
|
शिलांग, सोहरा
|
18
|
मिजोरम
|
आइजोल, चम्फाई
|
19
|
नगालैंड
|
निउलैंड, चुमुकेदिमा
|
20
|
ओडिशा
|
कोरापुट, देबरीगढ़ के साथ 'खिंडा गांव' का विशेष आकर्षण
|
21
|
पंजाब
|
अमृतसर, कपूरथला
|
22
|
राजस्थान
|
बूंदी (केशोरायपाटन), जोधपुर
|
23
|
सिक्किम
|
गंगटोक, ग्यालशिंग
|
24
|
तमिलनाडु
|
मामल्लपुरम, नीलगिरी
|
25
|
तेलंगाना
|
भोंगिर, अनंतगिरी
|
26
|
त्रिपुरा
|
अगरतला, उनाकोटि
|
27
|
उतार प्रदेश
|
प्रयागराज, नैमिषारण्य
|
28
|
उत्तराखंड
|
पित्तौरागढ़, चम्पावत
|
29
|
चंडीगढ़
|
चंडीगढ़
|
30
|
लक्षद्वीप
|
लक्षद्वीप
|
31
|
पुदुचेरी
|
पुडुचेरी, कराईकल
|
32
|
लद्दाख
|
लेह, कारगिल
|
|
कुल
|
57
|
अनुलग्नक--II
इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर श्रेणी में चुनौती आधारित पर्यटन स्थल विकास के अंतर्गत पहचाने गए स्थलों की सूची:
क्र. सं.
|
स्थल
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
1
|
बिचोम बांध
|
अरुणाचल प्रदेश
|
2
|
शिवसागर
|
असम
|
3
|
मायाली बगीचा
|
छत्तीसगढ
|
4
|
मायेम गांव
|
गोवा
|
5
|
थोल गांव
|
गुजरात
|
6
|
उडुपी
|
कर्नाटक
|
7
|
मुश्कोह गांव
|
लद्दाख
|
8
|
लक्षद्वीप
|
लक्षद्वीप
|
9
|
दोयांग जलाशय
|
नगालैंड
|
10
|
कामारेड्डी
|
तेलंगाना
|
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