सूचना और प्रसारण मंत्रालय

18वें मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सुगम्यता का अहम स्थान


एमआईएफएफ 2024 में दिव्यांग व्यक्तियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने हेतु फिल्मों के प्रदर्शन की विशेष व्यवस्था

Posted On: 12 JUN 2024 3:58PM by PIB Delhi

18वें मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024 के दौरान फिल्मों के आनंद को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के एक विशेष प्रयास के तहत, एमआईएफएफ आयोजन स्थल को सभी सिनेप्रेमियों के लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से एनएफडीसी ने सुगम्यता एवं समावेशन को बढ़ावा देने के प्रति समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन ‘स्वयं’ के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा दिव्यांगजन फिल्म्स नाम का एक विशेष पैकेज भी महोत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि दिव्यांग व्यक्ति भी एमआईएफएफ 2024 में फिल्मों का आनंद ले सकें।

संरचनात्मक एवं लॉजिस्टिक संबंधी बदलावों और सुगम्यता संबंधी मानकों के लिए सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों की पहचान के जरिए ‘स्वयं’ के साथ यह साझेदारी एनएफडीसी-एफडी परिसर, जो 18वें एमआईएफएफ का आयोजन स्थल भी है, को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने का प्रयास कर रही है। एमआईएफएफ के इतिहास में पहली बार ऐसी पहल हुई है और आयोजन स्थल की सुगम्यता को इतना सर्वोपरि महत्व दिया गया है। इससे फिल्म महोत्सवों के दायरे में एक नया मानक स्थापित हुआ है।

आगामी सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए सुगम्यता संबंधी साझेदार के रूप में, ‘स्वयं’ ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए हैं कि एमआईएफएफ 2024 वास्तव में सभी के लिए समावेशी और सुलभ हो। इस संगठन ने एनएफडीसी - फिल्म्स डिवीजन परिसर में महोत्सव स्थल की सुगम्यता का व्यापक आकलन किया, जिससे सार्वभौमिक सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के अनुरूप सुगम्यता को बढ़ाने हेतु अनुकूल समाधान प्रदान करना संभव हुआ।

पहली बार, संपूर्ण महोत्सव टीम को समावेशिता एवं समानुभूति की संस्कृति सुनिश्चित करने के लिए जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। महोत्सव के निदेशक श्री पृथुल कुमार ने कहा, “इस बार हम न केवल यह सुनिश्चित करेंगे कि आयोजन स्थल दिव्यांगजनों के लिए सुलभ हो, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि महोत्सव में संलग्न स्वयंसेवक महोत्सव में आने वाले दिव्यांगजनों को संभालने के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित हों।”

महोत्सव शुरू होने से ठीक पहले, ‘स्वयं’ 13 जून 2024 को एमआईएफएफ परिसर में विशेष संवेदीकरण प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा। इस प्रशिक्षण सत्र में वरिष्ठ अधिकारियों, हितधारकों, स्वयंसेवकों और स्टाफ सदस्यों सहित 120 से अधिक आयोजकों को शामिल किया जाएगा और उन्हें शिक्षित किया जाएगा। यह सत्र उचित शिष्टाचार एवं शब्दावली के बारे में जागरूकता व समझ को बढ़ावा देने पर केन्द्रित होगा। इससे आयोजक टीम को विशेष रूप से फिल्म प्रेमियों और कम गतिशीलता वाले लोगों, जिनमें छिपी हुई दिव्यांगता से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, के साथ बातचीत करने में मदद मिलेगी।

इस संवेदीकरण प्रशिक्षण सत्र में कई विषयों को शामिल किया जाएगा। इनमें शामिल हैं: दिव्यांगता को समझना; दिव्यांगता एवं दुर्बलता के बीच अंतर; आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 के अनुसार 21 प्रकार की दिव्यांगता को समझना; दिव्यांगता के मॉडल; बाधा मुक्त वातावरण क्या है? उदाहरण सहित बाधाओं के प्रकार; दिव्यांगता संबंधी शिष्टाचार; सही शब्दावली का प्रयोग।

इसके अतिरिक्त, प्रतिभागी कम गतिशीलता वाले व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए सिमुलेशन अभ्यास में संलग्न होंगे, इसके बाद अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए संवादात्मक उपयोगकर्ता समूह चर्चाएं होंगी।

‘स्वयं’ की संस्थापक-अध्यक्ष सुश्री स्मिनु जिंदल ने साझेदारी के प्रति अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “सुगम्यता एक मौलिक अधिकार है और ‘स्वयं’ के सभी सदस्य यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि यह आयोजन स्थल सभी के लिए स्वागतयोग्य हो। एमआईएफएफ 2024 के साथ हमारा सहयोग फिल्म महोत्सव परिदृश्य के भीतर समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।” उन्होंने कहा, “सुगम्यता को प्राथमिकता देकर, हम न केवल कम गतिशीलता वाले व्यक्तियों के लिए अवसर के दरवाजे खोल रहे हैं, बल्कि एक अपेक्षाकृत अधिक समावेशी भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं जहां विविधता के सम्मान के साथ उत्सव मनाया जाएगा।”

इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए, 18वें एमआईएफएफ 2024 में कुछ फिल्मों के प्रदर्शन को भी इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए फिल्म देखना और उसका आनंद लेना संभव हो सकेगा। 18वें एमआईएफएफ 2024 की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में महोत्सव के निदेशक श्री पृथुल कुमार ने कहा, “18वां मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव सुलभ फिल्मों का प्रदर्शन करेगा। सुनने में अक्षम दर्शकों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा एवं बंद शीर्षक वाली फिल्में उपलब्ध होंगी और दृष्टिबाधित लोगों के लिए ऑडियो विवरण वाली फिल्में भी होंगी। इसके अलावा भारतीय सांकेतिक भाषा का उपयोग करते हुए लाइव डांस के साथ एक फिल्म 'क्रॉस ओवर' भी होगी।”

दिव्यांगजन फिल्म्स नाम के विशेष पैकेज में चार फिल्मों/एपिसोड का एक गुलदस्ता है जो 19 जून 2024 को 18वें एमआईएफएफ में प्रदर्शित किया जाएगा। ये फिल्में हैं -

  1. मेथिल देविका कीद क्रॉसओवर’ (आईएसएल/अंग्रेजी - 21 मिनट)

‘द क्रॉसओवर’ एक लघु फिल्म है जो एक ऐसे नृत्य प्रदर्शन को दर्शाती है जहां नर्तक कथानक को समझाने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा को मोहिनीअट्टम, केरल का एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूप - की सौंदर्यवादी सांकेतिक भाषा के साथ सहजता से एकीकृत करता है।

2. भारतीय सांकेतिक भाषा के साथ ईश की लिटिल कृष्णा (अंग्रेजी)

एपिसोड 3: द हॉरर केव (22 मिनट) और एपिसोड 8: चैलेंज ऑफ द ब्रूट (23 मिनट)

जब भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ वृन्दावन के जंगल में अपनी बचपन की लीलाओं का आनंद ले रहे होते हैं, तब कंस के भड़काने पर अघासुर नाम का राक्षस उन सभी को मारने के इरादे से वहां आता है। इसके अलावाअरिष्टासुर नाम का एक राक्षस वृन्दावन गांव के निवासियों को आतंकित करता है, जिससे वे कृष्ण से सुरक्षा मांगने के लिए प्रेरित होते हैं। कृष्ण उन राक्षसों का सामना करते हैं और उन्हें सहजता से हरा देते हैं।

  1. श्रीपाद वारखेडकर की जय जगन्नाथ (हिन्दी - 36 मिनट)

जगन नाम के एक बच्चे के रूप में अवतरित हुए भगवान जगन्नाथ और उनके समर्पित अनुयायी बलराम। यह फिल्म उनके साहसिक कारनामों की पड़ताल करता है और इसमें लोककथाओं, पौराणिक कथाओं एवं दोस्ती की कहानियों के मिश्रण का समावेश है।

सुगम्यता के प्रति एमआईएफएफ 2024 की प्रतिबद्धता एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के प्रति इसके समर्पण को रेखांकित करती है, जहां हर कोई सिनेमा के उत्सव में पूरी तरह से भाग ले सकता है। ‘स्वयं’ के साथ हाथ मिलाकर, एमआईएफएफ ने अन्य महोत्सवों के लिए एक मिसाल कायम की है और  यह प्रदर्शित किया है कि सुगम्यता का लक्ष्य न केवल हासिल करने योग्य है, बल्कि यह सभी दर्शकों के सिनेमा संबंधी अनुभवों को सही मायने में समृद्ध बनाने के लिए आवश्यक भी है।

18वें एमआईएफएफ 2024 के बारे में

दक्षिण एशिया के गैर-फीचर फिल्मों के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े फिल्म महोत्सव के रूप में प्रसिद्ध एमआईएफएफ, इस वर्ष वृत्तचित्र, लघु कथा एवं एनीमेशन फिल्मों की कला से संबंधित अपने उत्सव का 18वां सालगिरह मना रहा है। वर्ष 1990 में शुरू और अब भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित होने वाला, एमआईएफएफ दुनिया भर के सिने-प्रेमियों को आकर्षित करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ है।

एमआईएफएफ का 18वां संस्करण भी सावधानीपूर्वक चुनी गई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की एक  विस्तृत श्रृंखला और पहले डॉक्यूमेंट्री फिल्म बाजार, जिसमें वर्क इन प्रोग्रेस लैब, सह-निर्माण बाजार और व्यूइंग रूम शामिल हैं, जैसे अन्य अत्यधिक विशिष्ट कार्यक्रमों के साथ एक रोमांचकारी अनुभव पेश करने का वादा करता है। वार्नर ब्रदर के एक वरिष्ठ एनिमेटर द्वारा एक विशेष एनीमेशन और वीएफएक्स पाइपलाइन कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है। स्थापित  और उभरते फिल्म निर्देशकों के बीच सीखने के बहुआयामी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने वाले पैनल चर्चा, खुले मंच, फायरसाइड चैट और फिल्म उद्योग के शीर्ष विशेषज्ञों द्वारा मास्टरक्लास जैसे विशेष रूप से तैयार किए गए कार्यक्रम भी होंगे। इसके अलावा पत्रकार सम्मेलन और विशिष्ट साक्षात्कार मीडियाकर्मियों को अपने पसंदीदा वृत्तचित्र निर्माताओं व कलाकारों के साथ करीब तथा व्यक्तिगत रूप से जुड़ने का मौका देंगे। अधिक जानकारी के लिए https://miff.in  पर जायें।

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