राष्ट्रपति सचिवालय

भारत के राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित 'स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण' के राष्ट्रीय शुभारंभ को सुशोभित किया

Posted On: 27 MAY 2024 2:22PM by PIB Delhi

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (27 मई, 2024) नई दिल्ली में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित 'स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण' के राष्ट्रीय शुभारंभ में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व इतिहास और राष्ट्रों के इतिहास के स्वर्णिम अध्याय हमेशा आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित रहे हैं। विश्व इतिहास इस बात का साक्षी है कि आध्यात्मिक मूल्यों की अवहेलना करके केवल भौतिक प्रगति का मार्ग अपनाना अंततः विनाशकारी साबित हुआ है। स्वस्थ मानसिकता के आधार पर ही समग्र कल्याण संभव है। एक सम्पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों आयामों से स्वस्थ्य होता है। ऐसे व्यक्ति एक स्वस्थ समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय का निर्माण करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिक सशक्तिकरण ही वास्तविक सशक्तिकरण है। जब किसी धर्म या संप्रदाय के अनुयायी आध्यात्मिकता से भटक जाते हैं, तो वे कट्टरता के शिकार हो जाते हैं और अस्वस्थ मानसिकता से ग्रस्त हो जाते हैं। आध्यात्मिक मूल्य सभी धर्मों के लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वार्थ से ऊपर उठकर लोक कल्याण की भावना से काम करना, आंतरिक आध्यात्मिकता की सामाजिक अभिव्यक्ति है। जनहित के लिए परोपकार करना सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्यों में से एक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में भय, आतंक और युद्ध को बढ़ावा देने वाली ताकतें बहुत सक्रिय हैं। ऐसे माहौल में ब्रह्माकुमारी संस्था ने 100 से अधिक देशों में कई केंद्रों के माध्यम से मानवता के सशक्तिकरण के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान किया है। आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देकर विश्व बंधुत्व को मजबूत करने का यह एक अमूल्य प्रयास है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि ब्रह्माकुमारी संस्था संभवतः महिलाओं द्वारा संचालित दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। उन्होंने कहा कि इस संस्था में ब्रह्माकुमारी आगे रहती हैं और उनके सहयोगी ब्रह्मकुमार पृष्ठभूमि में काम करते हैं। इस अनूठे सामंजस्य के साथ यह संस्था निरंतर आगे बढ़ रही है। ऐसा करके इसने विश्व समुदाय के सामने आध्यात्मिक प्रगति और महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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