श्रम और रोजगार मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

ईपीएफओ ने 'ईज ऑफ लिविंग' का विस्तार किया: दावों के निपटान के लिए सेवा प्रदायगी के समय में कमी लाई गई

ईपीएफओ ने दावों के निपटान के लिए ऑटो-मोड का दायरा बढ़ाया

ईपीएफओ ने शिक्षा, विवाह और आवास के लिए ऑटो दावा निपटान शुरू किया

Posted On: 13 MAY 2024 6:58PM by PIB Bhopal

श्री अनिरुद्ध प्रसाद ने 09.05.2024 को अनुच्‍छेद 68जे के तहत बीमारी के लिए अग्रिम राशि हेतु आवेदन किया था। उनके अग्रिम राशि के दावे का 03 दिन के भीतर 11.05.2024 को 92,143/- रुपये की राशि पर निपटान कर दिया गया। ईपीएफओ में श्री अनिरुद्ध प्रसाद की कहानी जैसी अनेक कहानियां हैं।

ईपीएफओ ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए जीवनयापन को सुगम बनाने के लिए अब शिक्षा, विवाह और आवास के उद्देश्यों के लिए अग्रिम राशि के दावों का ऑटो-मोड से निपटान शुरू किया है। ईपीएफओ ने स्‍वत: दावा समाधान या ऑटो क्लेम सॉल्यूशन शुरू किया है जिसके तहत दावे को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आईटी सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से संसाधित या प्रोसेस किया जाता है।

दावा निपटान का ऑटो मोड अप्रैल, 2020 में बीमारी के लिए अग्रिम राशि के उद्देश्य से शुरू किया गया था। अब इसकी सीमा बढ़ाकर 1,00,000/- रुपये तक कर दी गई है। चालू वर्ष के दौरान, लगभग 2.25 करोड़ सदस्यों को इस सुविधा का लाभ मिलने की आशा है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, ईपीएफओ ने लगभग 4.45 करोड़ दावों का निपटारा किया, जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक (2.84 करोड़) दावे अग्रिम दावे थे। वर्ष के दौरान निपटाए गए कुल अग्रिम दावों में से, लगभग 89.52 लाख दावों का निपटान ऑटो-मोड का उपयोग करके किया गया।

'ईज ऑफ लिविंग' यानी जीवनयापन में आसानी" को सुगम बनाने के लिए ऑटो क्लेम समाधान अब ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्‍छेद 68के (शिक्षा और विवाह के उद्देश्य) और 68बी (आवास के उद्देश्य) के तहत सभी दावों के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, इसकी सीमा को 50,000/- रुपये से बढ़ा कर दोगुना 1,00,000/- रुपये कर दिया गया है। इस कदम से ईपीएफओ के लाखों सदस्यों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है।

स्‍वत: -निपटान या ऑटो-सेटलमेंट के तहत पूरी प्रक्रिया मानवीय हस्तक्षेप के बिना आईटी प्रणाली द्वारा संचालित है। केवाईसी, पात्रता और बैंक सत्यापन के साथ कोई भी दावा आईटी टूल द्वारा स्वचालित रूप से भुगतान के लिए संसाधित या प्रोसेस किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, ऐसे अग्रिमों के लिए दावा निपटान की अवधि 10 दिन से घटकर 3-4 दिन के भीतर रह जाती है। सिस्टम द्वारा विधिमान्‍य नहीं होने वाले दावों को लौटाया या अस्वीकार नहीं किया जाता। इसके बाद उन्हें दूसरे स्तर की जांच और अनुमोदन के लिए भेजा जाता है।

ऑटो दावों के दायरे का विस्तार आवास, विवाह और शिक्षा उद्देश्यों के साथ-साथ उसमें वृद्धि से सीधे तौर पर अनेक सदस्यों को कम से कम संभावित अवधि के भीतर अपने धन का लाभ उठाने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा, विवाह, या आवास संबंधी आवश्यकताएं तत्‍काल पूरी करने में पर्याप्‍त सहायता मिलेगी।

इसे 6 मई 2024 को पूरे भारत में शुरू किया गया और तब से ईपीएफओ ने त्वरित सेवा प्रदान करने वाली इस पहल के माध्यम से 45.95 करोड़ रुपये के लिए 13,011 मामलों को मंजूरी दी है।

****

एमजी/एआर/आरके/एसएस


(Release ID: 2020524) Visitor Counter : 76