विद्युत मंत्रालय
देश में बिजली की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी: गर्मी के मौसम में बिजली की मांग दिन और रात दोनों समय पर्याप्त रूप से पूरी होने की आशा
Posted On:
10 MAY 2024 8:18PM by PIB Delhi
अप्रैल, मई और जून 2024 के महीनों के दौरान गर्मी के मौसम में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने अपनी अग्रिम योजना के अंतर्गत पहले से ही निम्नलिखित उपाय कर लिए थे:
• उत्पादन हेतु पूरी क्षमता उपलब्ध कराने के लिए आयातित-कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के लिए धारा 11 दिशा-निर्देश
• बिजली संयंत्रों के नियोजित रखरखाव का कार्य मानसून के मौसम में स्थानांतरित किया गया
• थर्मल उत्पादन इकाइयों की आंशिक और जबरन कटौती को कम करना
• लंबी कटौती के तहत थर्मल संयंत्रों को पुन: चालू करना
• उत्पादन कंपनियों (केंद्रीय और राज्य उत्पादन कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों) को पूरी क्षमता उपलब्ध कराने के लिए अपने उत्पादन संयंत्रों को काम करने की उपयुक्त स्थिति में रखने की सलाह
• पनबिजली उत्पादन का अनुकूलन
• उत्पादन केंद्रों को अपनी अधिशेष बिजली ऊर्जा विनिमय में बिक्री के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया
इन उपायों की बदौलत हम अप्रैल 2024 के दौरान शाम के समय बिजली की 224 गीगावॉट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम हुए हैं।
इसके अलावा सरकार ने मई और जून के दौरान बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मई में दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट तक बिजली की मांग पहुंचने का अनुमान है। वहीं, जून, 2024 में यह आंकड़ा दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
- आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों की तरह गैस-आधारित बिजली संयंत्रों को भी धारा- 11 निर्देश जारी किए गए हैं। इससे मई और जून के लिए अतिरिक्त 6 गीगावाट बिजली उपलब्ध हो गई है, जो कि पहले से उपलब्ध 10 गीगावाट बिजली के अतिरिक्त है।
- जल विद्युत उत्पादन के अनुकूलन ने मई और जून के दौरान मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 4 गीगावाट बिजली उपलब्ध कराया है। इसके अलावा योजनाबद्ध रखरखाव में बदलाव और तापीय विद्युत संयंत्रों की आंशिक व जबरन कटौती को कम करने से गर्मी के मौसम के लिए अतिरिक्त 5 गीगावाट बिजली की उपलब्धता हो गई है।
- इसके अलावा अप्रैल की तुलना में मई और जून के दौरान पवन से उत्पन्न बिजली 4 गीगावाट से 5 गीगावाट तक बढ़ने की आशा है।
- इस तरह उपरोक्त उपायों के साथ और मौजूदा विद्युत उत्पादन की प्रवृत्ति व आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार अगले महीनों में सामान्य से अधिक मानसून की संभावना को देखते हुए आशा है कि मई व जून, 2024 के दौरान दिन और रात, दोनों समय बिजली की मांग को पर्याप्त रूप से पूरा कर लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें:
देश में ग्रीष्मकालीन बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं
सरकार ग्रीष्मकालीन बिजली की मांग को पूरा करने में सहायता के लिए गैस आधारित बिजली संयंत्रों को परिचालित करने के उपाय कर रही है।
******
एमजी/एआर/आरके/एचकेपी/डीवी
(Release ID: 2020305)
Visitor Counter : 590