सहकारिता मंत्रालय

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में शहरी सहकारी बैंकों के अम्ब्रेला संगठन, नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NUCFDC) का उद्घाटन किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकारी व्यवस्था के सहयोग से सहकारिता आंदोलन द्रुत गति से चलेगा और देश के अर्थतंत्र में अपना सम्मान हासिल करेगा

मोदी सरकार सहकारिता आंदोलन को जनआंदोलन के स्वरूप में बदलने का प्रयास कर रही है

Cooperation among Cooperatives की भावना से मजबूत होगा सहकारिता आंदोलन

हर शहर में अर्बन कॉपरेटिव बैंक बनाने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए - केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री

अंब्रेला संगठन-NUCFDC के बनने के बाद देश में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का विकास कई गुना बढ़ जाएगा

NUCFDC, अर्बन कोआपरेटिव बैंकों की समस्याओं के निवारण का गेटवे है

आम जनता के जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक हैं

NUCFDC छोटे बैंकों का सुरक्षा कवच है, जिससे डिपॉजिटर्स का विश्वास भी बढ़ेगा और आने वाले दिनों में काम में भी बढ़ोतरी होगी

NUCFDC सिर्फ बैंकों के संकट के समय ही नहीं, बल्कि उनके विकास, आधुनिकीकरण व क्षमता बढ़ाने का जरिया बनेगा

Posted On: 02 MAR 2024 4:14PM by PIB Delhi

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में शहरी सहकारी बैंकों के अम्ब्रेला संगठन, नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NUCFDC) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा और डॉ. आशीष कुमार भूटानी, सचिव, सहकारिता मंत्रालय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जब तक सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार और परस्पर आगे बढ़ाने की ताकत नहीं दी जाएगी, तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि लगभग 20 साल के संघर्ष के बाद आज नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना हो रही है और ये हम सबके लिए बहुत शुभ दिन है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले सहकारिता मंत्रालय और सहकारिता क्षेत्र अनेक मंत्रालयों में बिखरा हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के 75 वर्षों के बाद अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन कर सहकारिता को एक नया जीवन दिया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को एक अंब्रेला, सहकारिता मंत्रालय के रूप में मिला है। श्री शाह ने कहा कि सवा सौ साल तक सहकारिता क्षेत्र जूझता रहा और अपने अस्तित्व को बचाता रहा, लेकिन अब सरकारी व्यवस्था के सहयोग से ये द्रुत गति से चलेगा और देश के अर्थतंत्र में अपना सम्मान हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जनआंदोलन के स्वरूप में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में विकास का पैरामीटर सिर्फ आंकड़े नहीं हो सकते, बल्कि देश के विकास में कितने लोगों की सहभागिता है, ये बहुत बड़ा पैरामीटर होना चाहिए।

श्री अमित शाह ने कहा कि ये अंब्रेला संगठन समय की ज़रूरत था और सेल्फ-रेगुलेशन के लिए एक प्रकार की नई शुरूआत है। उन्होंने कहा कि इस संगठन के बनने के बाद देश में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का विकास कई गुना बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी विश्वसनीयता के लिए बेहद ज़रूरी है कि हम खुद को अपग्रेड करें और भारतीय़ रिज़र्व बैंक के सभी नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा नहीं करते तो आने वाले समय में स्पर्धा में नहीं टिक सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि अंब्रेला संगठन का एक प्रमुख काम बीआर एक्ट के लिए छोटे से छोटे बैंक को तैयार करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें हर शहर में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक खोलने का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ना चाहिए।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव फाइनेंस में अच्छा काम करने वाली क्रेडिट सोसाइटी को बैंक में कन्वर्ट करने के लिए इस अंब्रेला संगठन को एक व्यवस्था करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि NUCFDC का एक उद्देश्य क्रेडिट सोसाइटीज और अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की सेवाओं और संख्या में विस्तार करना भी होना चाहिए। हमें एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाना चाहिए कि हर शहर में एक अर्बन कोऑपरेटिव बैंक कैसे बने। उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव मूवमेंट को जिंदा रखनेके लिए इसे प्रासंगिक भी बनाना होगा और उसका विस्तार भी करना होगा। उन्होंने कहा कि अंब्रेला संगठन से छोटे बैंकों को कई प्रकार की सुविधाएंमिलेंगी, बैंकों और रेगुलेटर के बीच संवाद का काम भी सुचारू संवाद का काम भी यह अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन करेगा। उन्होंने कहा कि इस संगठन को हमारी सीमाओं को व्यापक और सर्वस्पर्शीय बनाने का काम करना है। उन्होंने कहा कि अगर हम कोऑपरेटिव का विस्तार करना चाहते हैं तो इसके लिए अंब्रेला संगठन को मजबूत करना अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का दायित्व है।

श्री अमित शाह ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को देशभर में व्यापार करने के लिए ज़रूरी सुविधाओं के लिए क्लीयरिंग की भी एक व्यवस्था बनानी होगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 1500 बैंकों की 11000 शाखाओं और 5 लाख करोड़ रूपए के डिपॉजिट और 3.50 लाख करोड़ के ऋण की कलेक्टिव स्ट्रैंथ है। उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ी ताकत है और हमें न सिर्फ इसे बढ़ाने का लक्ष्य रखना है बल्कि इसे संयुक्त रूप से उपयोग कर पूरी अर्बन कोऑपरेटिव बैंकिंग व्यवस्था को ताकत देने का काम भी इस संगठन को करना है। श्री शाह ने कहा कि देश के अर्बन कोऑपरेटिव बैंक अपनी नेट एनपीए दर को कम कर 2.10% तक ले आए हैं और इसमें और सुधार करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अंब्रेला संगठन को आने वाले 3 सालों में कठोर परिश्रम कर इसकी नींव डालनी चाहिए।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज शुरू हुई ये संस्था मात्र एक अंब्रेला संगठन नहीं है बल्कि हमारी सारी समस्याओं के समाधान का गेटवे है। उन्होंने कहा कि आम जनता के जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता कोई है तो केवल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक है। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम दुनिया का तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनें, तब मोदी जी के मन में भी यह बात है कि आर्थिक विकास सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी हो। उन्होंने कहा कि अगर हमें यह कॉन्सेप्ट के साथ आगे बढ़ना है तो हर गांव, शहर में युवाओं और स्टार्टअप को आगे बढ़ाना है, इसके लिए अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सिवा कोई रास्ता नहीं है। श्री शाह ने कहा कि यह अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का अंब्रेला संगठन छोटे बैंकों का सुरक्षा कवच है, जिससे हमारे डिपॉजिटर्स का हम पर विश्वास भी बढ़ेगा और आने वाले दिनों में हमारे काम में भी बढ़ोतरी होगी।

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