सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसएमई में रोजगार के अवसर
Posted On:
05 FEB 2024 3:39PM by PIB Delhi
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से, गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना में उद्यमियों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) कार्यान्वित कर रहा है। इसका लक्ष्य व्यापक रूप से फैले पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके द्वार पर यथासंभव स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करना है।
पीएमईजीपी के अंतर्गत, सामान्य श्रेणी के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत मार्जिन मनी (एमएम) सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। विशेष श्रेणियों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, दिव्यांगजनों, ट्रांसजेंडर, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों आदि से आने वाले लाभार्थियों के लिए, मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है। इस परियोजना की अधिकतम लागत विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये है।
इसके साथ ही, विशेष श्रेणी के तहत लाभार्थियों का स्वयं का योगदान 5 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए यह 10 प्रतिशत है।
2018-19 से, मौजूदा पीएमईजीपी/आरईजीपी/मुद्रा उद्यमों को भी उन्नयन और विस्तार के लिए दूसरे ऋण के साथ पिछले अच्छे प्रदर्शन के आधार पर समर्थन दिया जाता है। दूसरे ऋण के अंतर्गत, विनिर्माण क्षेत्र के तहत, मार्जिन मनी सब्सिडी के लिए स्वीकार्य अधिकतम परियोजना लागत 1 करोड़ रुपये और सेवा क्षेत्र के लिए, यह 25 लाख रुपये है। सभी श्रेणियों के लिए दूसरे ऋण पर पात्र सब्सिडी परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (पूर्वोत्तर क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों के लिए 20 प्रतिशत) है।
वित्त वर्ष 2019-20 से, वित्त वर्ष 2021-22 तक देश में पीएमईजीपी के तहत सहायता प्राप्त इकाइयों की संख्या, वितरित मार्जिन मनी सब्सिडी और अनुमानित उत्पन्न रोजगार, वर्ष-वार इस प्रकार है:
क्रम.संख्या.
|
वर्ष
|
सहायता प्राप्त इकाइयों की संख्या
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मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित (लाख रुपये में)
|
अनुमानित रोजगार उत्पन्न हुआ
|
1
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2019-20
|
66,653
|
195082.15
|
533,224
|
2
|
2020-21
|
74,415
|
218880.15
|
595,320
|
3
|
2021-22
|
103,219
|
297765.91
|
825,752
|
कुल
|
244,287
|
711728.21
|
1,954,296
|
पीएमईजीपी के तहत, वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उत्पन्न रोजगार में कोई गिरावट नहीं आई है। वास्तव में, पीएमईजीपी के तहत, उत्पन्न रोजगार में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 595,320 से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 825,752 हो गई है।
देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए केवीआईसी द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
- रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए केवीआई योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए सभी स्तरों पर जागरूकता शिविर, कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की जा रही हैं।
- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से केवीआई योजनाओं का प्रचार।
- देश के किसानों, आदिवासियों और बेरोजगार युवाओं की आय को बढ़ाने के लिए, केवीआईसी ने 2017-18 के दौरान शहद मिशन शुरू किया। शहद मिशन के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को जीवित मधुमक्खी के छत्ते वाले 10 मधुमक्खी बक्से मुहैया कराए जाते हैं।
- कुंभार सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत, केवीआईसी कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्रदान करके और अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील, ब्लंजर, पग मिल, भट्ठी आदि जैसे नए घरेलू ऊर्जा कुशल उपकरण प्रदान करके मिट्टी के बर्तन बनाने वाले ग्रामीण कारीगरों की आजीविका का उत्थान कर रहा है।
- केवीआईसी ने www.ekhadiindia.com, www.khadiindia.goin के माध्यम से सभी केवीआई उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है।
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।
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