वस्‍त्र मंत्रालय

महिलाओं के बीच फिटनेस जागरूकता बढ़ाने के लिए वस्‍त्र मंत्रालय 4 फरवरी को कोटा, राजस्थान में 'वन भारत साड़ी वॉकथॉन' का आयोजन करेगा


 कोटा में 3 फरवरी से 8 फरवरी तक आत्मनिर्भर भारत उत्सव

Posted On: 30 JAN 2024 12:46PM by PIB Delhi

वस्‍त्र मंत्रालय 03 फरवरी से 08 फरवरी 2024 तक कोटा में आत्मनिर्भर भारत उत्सव का आयोजन कर रहा है। इस उत्‍सव के उपलक्ष्‍य में रविवार, 04 फरवरी, 2024 को राजस्थान के कोटा शहर के दशहरा ग्राउंड में 'वन भारत साड़ी वॉकथॉन' आयोजित किया जा रहा है।

वस्‍त्र मंत्रालय ने इससे पूर्व सूरत (9 अप्रैल, 2023) और मुंबई (10 दिसंबर, 2023) में साड़ी वॉकथॉन के दो संस्करण आयोजित किए हैं। वस्त्र उद्योग और लोकल फॉर वोकल की भावना को बढ़ावा देने के लिए हजारों महिलाओं ने अपने राज्य के गौरव के अनुरूप हथकरघा से बनी साड़ियां पहनकर साड़ी वॉकथॉन में हिस्‍सा लिया। इसी प्रकार, भारत में आत्मनिर्भरता का जश्न मनाने के लिए 3 जनवरी से 10 जनवरी, 2024 तक भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आत्मनिर्भर भारत उत्सव 2024 का भी आयोजन किया गया।

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मुंबई में साड़ी वॉकथॉन

सूरत और मुंबई में साड़ी वॉकथॉन और भारत मंडपम में आत्मनिर्भर भारत उत्सव की सफलता के बाद, भारत का शिक्षा केंद्र, कोटा में देश के अब तक के सबसे बड़े साड़ी वॉकथॉन की मेजबानी के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इसका आयोजन भारत सरकार का वस्‍त्र मंत्रालय कर रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं के बीच फिटनेस के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रोत्साहित करना है। देशभर से आईं महिलाएं अपने-अपने पारंपरिक तरीके से साड़ी पहनकर उत्‍सव में भाग लेंगी।

आत्मनिर्भर भारत उत्सव भारत में आत्मनिर्भरता और पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों की कला का उत्‍सव मनाएगा। हमारा हथकरघा क्षेत्र देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होने के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। भारत का हथकरघा क्षेत्र 35 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

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मुंबई में साड़ी वॉकथॉन

हथकरघा साड़ी बुनाई की कला में पारंपरिक मूल्य जुड़े हुए हैं और प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट साड़ियों की विभिन्‍न किस्में हैं। पैठानी, कोटपाड, कोटा डोरिया, तंगेल, पोचमपल्ली, कांचीपुरम, थिरुबुवनम, जामदानी, शांतिपुरी, चंदेरी, माहेश्वरी, पटोला, मोइरंगफी, बनारसी ब्रोकेड, तनचोई, भागलपुरी सिल्क, बावन बूटी, पश्मीना साड़ी आदि साड़ियों की विशिष्टता, कलात्‍मकता, बुनाई, डिज़ाइन और पारंपरिक रूपांकन वाली साड़ियां विश्‍वभर में विख्‍यात हैं।

भारत में हथकरघा साड़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों की महिलाओं को साड़ी पहनने के अपने तरीकों का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया और इस तरह भारत को "विविधता में एकता" वाले देश के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। सांस्कृतिक विविधता और सशक्तिकरण के इस उत्सव में देश भर से लगभग 10,000 महिलाएं अपने विशिष्ट पारंपरिक परिधानों में इस कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसमें न केवल उत्साही प्रतिभागी बल्कि प्रसिद्ध और ख्‍याति प्राप्‍त हस्तियां फैशन डिजाइनरों और प्रतिबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के उल्लेखनीय लोग भी शामिल होंगे।

आत्मनिर्भर भारत उत्सव प्रदर्शनी में देशभर से 150 प्रतिभागियों में विभिन्न राज्य सरकार निकाय/शीर्ष समितियां, प्राथमिक हथकरघा बुनकर सहकारी समितियां/हथकरघा, हस्तशिल्प, जूट, रेशम और ऊनी बुनकरों/कारीगर भाग ले रहे हैं।

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