कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

2023 वर्षांत समीक्षा: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कारीगरों को समर्थन देने के लिए 13,000 करोड़ रुपये की 'पीएम विश्वकर्मा योजना' शुरू की गई

कौशल और नौकरियों के लिए स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया

भारतीय कौशल संस्थान की स्थापना आईआईटी कानपुर, एचएएल और डीएएसआई के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों के साथ की गई है

2015 से, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत करीब 1.40 करोड़ अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है

इसमें इंडस्ट्री 4.0 के अनुसार 16 नए युग की ट्रेडों की शुरुआत की गई है

12 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय, राज्य और आईटीआई स्तर पर 14000 से अधिक आईटीआई के 8.5 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं के लिए दूसरा कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया

33 एनएसटीआई (19 विशेष रूप से महिलाओं के लिए) और 3 विस्तार केंद्र परिचालन में हैं

वैश्विक मानकों के साथ प्रशिक्षण मानकों को संरेखित करने के लिए इंडियास्किल्स 2023-24 प्रतिस्पर्धा का आयोजन

Posted On: 26 DEC 2023 5:45PM by PIB Delhi

प्रशिक्षण महानिदेशालय

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को फिर से सक्रिय करना और उनकी कल्पना करना: स्वतंत्रता से पहले के युग से कौशल प्रशिक्षण में खासी समानता होना

2014 में, 10119 संस्थान स्थापित किए गए और तब से 4621 जोड़े जा चुके हैं, जिससे 2022 में इनकी कुल संख्या 14953 हो गई। यह 47.77 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

2021-2023 के सत्रों के लिए 25 लाख से अधिक सीटें उपलब्ध कराई गई हैं। 2014 के बाद से 5 लाख से अधिक सीटें जोड़ी गईं। कुल बैठने की क्षमता 25 प्रतिशत बढ़ गई।

अब तक 17175 प्रशिक्षकों के बैठने की क्षमता सृजित की जा चुकी है। 2014 के बाद 5710 सीटें जोड़ी गईं। इस प्रकार, कुल क्षमता 49.8 प्रतिशत बढ़ गई है।

अब तक 223 पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं (150-सीटीएस, 55-सीआईटीएस, 14-एसटीटी और 04 एडवांस्ड डिप्लोमा)। 2014 के बाद 61 पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं।

3 विस्तार केंद्रों के साथ 2015 में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) खोले गए थे। अब 33 एनएसटीआई (19 विशेष रूप से महिलाओं के लिए) और 3 विस्तार केंद्र काम कर रहे हैं।

मार्च 2019 में जारी संशोधित योजना दिशानिर्देशों के अंतर्गत फ्लेक्सी एमओयू योजना के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 30 नवंबर 2022 तक, फ्लेक्सी एमओयू योजना के तहत 13 एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।

अग्निवीर द्वारा प्रशिक्षण और सेवा के दौरान हासिल कौशल को मान्यता देकर अग्निवीर के कौशल प्रमाणन के लिए डीजीटी की फ्लेक्सी- एमओयू योजना के तहत 26 दिसंबर 2022 को डीजीटी ने थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सशस्त्र बलों से बाहर होने के बाद अग्निवीरों को, उनकी योग्यता और सेवा के दौरान अनुभवात्मक शिक्षा के आधार पर कौशल प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे; यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन अग्निवीरों को 4 साल की सेवा के बाद उद्योगों में रोजगार के अवसर मिलें। अग्निवीर सेवा में निम्नलिखित मॉड्यूल शामिल होंगे:

  1. बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण
  2. ट्रेड प्रशिक्षण
  3. सुरक्षा प्रशिक्षण
  4. सेवा/ ओजेटी

 

स्कूली शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा/ कौशल के बीच संबंध को विकसित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एमओयू राष्ट्रीय ट्रेड प्रमाणपत्र (एनटीसी) धारकों या एक साल या दो साल की अवधि के एनएसक्यूएफ के अनुरूप ट्रेडों में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों के लिए एनआईओएस से क्रमश: 8वीं और 10वीं कक्षा पास के लिए माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने का मार्ग खोलता है। इसके अलावा, एक साल के ट्रेड में आईटीआई पास और प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एटीएस) के तहत एक साल की ट्रेड में आगे प्रशिक्षण दिलाने या एनआईओएस द्वारा क्रमशः 8वीं और 10वीं पास के लिए माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए समान अवधि के पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रमाणपत्र (एनएसी) धारक का भी प्रावधान किया गया है।

आईटीआई (सरकारी और निजी) के प्रशिक्षकों के लिए डीजीटी द्वारा आयोजित "रोजगार, उद्यमिता और जीवन कौशल" विषय पर 5 दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए डीजीटी और एनआईईएसबीयूडी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह प्रशिक्षण अखिल भारतीय आधार पर आईटीआई के प्रशिक्षुओं के लिए स्व-रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यमशीलता कौशल और शिक्षा के निरंतर विकास के लिए डिज़ाइन किया गया है।

नए युग के पाठ्यक्रम: वर्तमान में, उद्योगों को कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत 152 एनएसक्यूएफ- अनुरूप ट्रेडों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की पेशकश की जा रही है।

21 एनएसटीआई को उद्यमिता पाठ्यक्रमों के लिए एनआईईएसबीयूडी केंद्रों के रूप में और 33 एनएसटीआई (और 2 विस्तार केंद्रों) को उच्च शिक्षा और डिग्री प्रमाणन पाठ्यक्रमों में प्रमाणन के लिए एनआईओएस और इग्नू केंद्रों के रूप में पंजीकृत किया गया है।

व्यावसायिक कौशल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, 2023-24 सत्र के बाद सीआईटीएस/ सीटीएस के तहत महिला उम्मीदवारों के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क में छूट को मंजूरी दी गई है।

पीएमकेवीवाई कौशल हब पहल के तहत एसटीटी: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) और स्किल हब इनीशिएटिव (एसएचआई) के तहत राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) स्तर 5, 6 और 7 पाठ्यक्रम चलाने के लिए सभी 33 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और 2 विस्तार केंद्रों के लिए प्रशिक्षण केंद्र और प्रशिक्षण प्रदाता आईडी बनाई गई हैं। ये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) उत्तीर्ण छात्रों और प्रशिक्षकों के लिए अपस्किलिंग/ री-स्किलिंग पाठ्यक्रम के रूप में कार्य करता है। लगभग 700 उम्मीदवारों ने नामांकन कराया है और 78 प्रशिक्षुओं प्रशिक्षण के लिए जुड़ गए हैं।

डीजीटी ने आईटीआई के लिए सत्र 2022 में 116 आईटीआई और सत्र 2023 में 32 आईटीआई में ड्रोन से संबंधित पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी है।

डीजीटी ने 12 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय, राज्य और आईटीआई स्तर पर 14000 से अधिक आईटीआई में 8.5 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं के लिए दूसरा कौशल दीक्षांत समारोह (कौशल दीक्षांत समारोह) आयोजित किया। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया और इसकी अध्यक्षता केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।

डीजीटी द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग इत्यादि नई तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए निम्नलिखित आईटी उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना।

• माइक्रोसॉफ्ट इंडिया

• वाधवानी फाउंडेशन

• अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS)

• ईटीएस इंडिया

वर्ष 2014 में, 10119 संस्थान स्थापित किए गए और तब से 4897 जोड़े जा चुके हैं, जिससे 2023 में इनकी कुल संख्या 15016 हो गई। यह 48.39 प्रतिशत की वृद्धि है।

2021-2023 सत्रों के लिए 25 लाख से ज्यादा सीटें जोड़ी गईं। 2014 के बाद से 5 लाख से अधिक सीटें जोड़ी गईं। कुल बैठने की क्षमता 25 प्रतिशत बढ़ गई।

अब तक 17175 प्रशिक्षकों के लिए बैठने की क्षमता उपलब्ध कराई गई है। 2014 से 5710 सीटें जोड़ी जा चुकी हैं। कुल क्षमता 49.8 प्रतिशत बढ़ गई है।

अब तक 226 पाठ्यक्रम जोड़े गए (153-सीटीएस, 55-सीआईटीएस, 14-एसटीटी और 4 एडवांस्ड डिप्लोमा)। 2014 से 61 पाठ्यक्रम जोड़े गए।

अल्प कालिक प्रशिक्षण

कौशल भारत मिशन के तहत, एमएसडीई ने 15 जुलाई 2015 को अपनी प्रमुख योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) शुरू की।

पीएमकेवीवाई का लक्ष्य भारतीय युवाओं को अल्पकालिक कौशल अवसरों तक पहुंचने के अवसर उपलब्ध कराना है। रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) पहले से ही कार्यरत/ रोजगार में लगे लोगों के लिए शुरू की गई थी और यह एक अभ्यर्थी द्वारा अर्जित कौशल को प्रमाणित करता है। इस योजना का फोकस संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों की मांग के आधार पर राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ)- अनुरूप नौकरी भूमिकाओं में गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करके देश भर में अभ्यर्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करना है।

2015 से, 13 दिसंबर 2023 तक लगभग 1.40 करोड़ अभ्यर्थियों को स्किल इंडिया डिजिटल के तहत पीएमकेवीवाई के अंतर्गत प्रशिक्षित/ उन्मुख किया गया है।

  • अल्पकालिक प्रशिक्षण के तहत, जहां प्लेसमेंट यानी रोजगार को प्रोत्साहन दिया गया, वहीं 42 प्रतिशत अभ्यर्थियों को देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्त किया गया। (यानी, एसटीटी में प्रमाणित 57.42 लाख उम्मीदवारों में से 24.39 लाख उम्मीदवारों को नियुक्त कराया गया था)।
  • पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत कोविड योद्धाओं के लिए अनुकूलित क्रैश कोर्स कार्यक्रम के माध्यम से महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को तत्काल सहायता। 1.20 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें से 83,000 से अधिक अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टरों और नर्सों के कार्यभार को कम करने और सहयोग देने के लिए प्रासंगिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की नौकरियों के लिए प्रमाणित किया गया।
  • लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने और इंडस्ट्री 4.0, एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, आईओटी और ड्रोन से जुड़े पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए पिछले केंद्रीय बजट 2023-24 में पीएमकेवीवाई 4.0 (वित्त वर्ष 2023-26) की घोषणा की गई थी। पीएमकेवीवाई 4.0 को ईएफसी की मंजूरी मिल गई है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कैबिनेट से योजना की शीघ्र मंजूरी की शर्त के साथ व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ज्ञापन के आधार पर पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत धन जारी करने को मंजूरी दे दी है।
  • 13 दिसंबर 2023 तक, कुल 6,62,750 उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है, जिनमें से 3,42,500 उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
  • पीएमकेवीवाई 4.0 के व्यापक डिज़ाइन सिद्धांत इस प्रकार हैं:

i. उच्च रोजगार क्षमता और 210 घंटे तक की अवधि वाले अनुकूलित पाठ्यक्रम।

ii. इस योजना का उद्देश्य व्यावसायिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में तालमेल बिठाना और स्किल हब कहे जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी बढ़ाकर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदाताओं के नेटवर्क को बढ़ाना है।

iii. पीएमकेवीवाई के तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ केंद्र और राज्य सरकार के स्कूलों, उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई), कॉलेजों और विश्वविद्यालयों (कौशल विश्वविद्यालयों सहित) में स्किल हब स्थापित किए जा सकते हैं।

iv. शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी संस्थानों, पीएमकेके, आईटीआई, जेएसएस, आईआईटी, आईआईएम और अन्य में कौशल भारत केंद्रों (स्किल इंडिया सेंटर्स) के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

v. इंडस्ट्री 4.0, वेब 3.0, एआई/ एमएल, एआर/ वीआर, ड्रोन प्रौद्योगिकी आदि से संबंधित भविष्य की/ नए युग की नौकरियों की भूमिकाओं में कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

vi. कौशल पाठ्यक्रमों का चयन उद्योग की मांग के अनुसार किया जाएगा, जिसे बड़े पैमाने पर जिला कौशल विकास योजना में शामिल किया जाएगा।

vii. कृषि, हस्तशिल्प और उच्च-स्तरीय पाठ्यक्रमों में चिह्नित क्षेत्रों और समूहों के लिए विशेष परियोजनाएं।

viii. स्किल इंडिया डिजिटल एक एकल-बिंदु नामांकन होगा और अभ्यर्थी के प्रशिक्षण जीवन चक्र के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना

देश के कारीगरों का उत्थान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता है। 'विश्वकर्माओं' की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, उन्होंने उनके काम की गुणवत्ता और पहुंच बढ़ाने के लिए 13,000 करोड़ रुपये की 'पीएम विश्वकर्मा योजना' शुरू की। यह पहल शिल्पकारों को प्रौद्योगिकी की जानकारी उपलब्ध कराती है, जिसका लक्ष्य आधुनिक बाजार में कौशल वृद्धि के लिए व्यापक सहायता प्रदान करते हुए उन्हें घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करना है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से, सरकार का इरादा औपचारिक प्रशिक्षण की सुविधा देना, पारंपरिक कौशल का आधुनिकीकरण करना, वित्तीय सहायता प्रदान करना और बाजार से जुड़ाव के रास्ते बनाना है, जिससे इन कारीगरों को भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपने अमूल्य शिल्प को संरक्षित करते हुए तेजी से बदलते आर्थिक परिदृश्य में फलने फूलने में सक्षम बनाया जा सके। कुल मिलाकर, यह योजना इन कारीगरों की स्थिति में सुधार करने का प्रयास करती है, उन्हें स्थायी आजीविका और विकास के लिए आवश्यक साधन और अवसर प्रदान करती है।

वर्तमान में, 18 ट्रेड इस योजना का हिस्सा हैं:

(i) बढ़ई (सुथार); (ii) नाव बनाने वाले; (iii) कवचधारी (आर्मर); (iv) लुहार; (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) सुनार; (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला; (x) मोची (चर्मकार)/ जूता कारीगर; (xi) राजमिस्त्री; (xii) टोकरी/ चटाई/ झाड़ू निर्माता/ जूट बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) गारलैंड मेकर (मालाकार); (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी; और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, विश्वकर्माओं को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे:

• मान्यता: कारीगरों को उनके संबंधित शिल्प में उनकी विशेषज्ञता को स्वीकार करते हुए एक पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त होगा।

• टूलकिट प्रोत्साहन: कौशल मूल्यांकन पर, लाभार्थियों को उनके ट्रेड के लिए विशिष्ट आधुनिक उपकरणों के साथ तैयार किया गया 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन मिलेगा।

• कौशल संवर्धन:

o बुनियादी प्रशिक्षण: विश्वकर्मा को ₹500/दिन के वजीफे के साथ 5-7 दिनों के बुनियादी कौशल प्रशिक्षण से गुजरना होगा। इस व्यापक प्रशिक्षण में आधुनिक उपकरण, डिजिटल और वित्तीय कौशल, उद्यमिता, क्रेडिट सहायता, ब्रांडिंग और विपणन तकनीकों की जानकारियां देना शामिल है।

o उन्नत प्रशिक्षण: बुनियादी प्रशिक्षण के बाद, लाभार्थी ₹500/दिन के वजीफे के साथ 15 दिनों के लिए उन्नत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। यह उन्नत प्रशिक्षण नवीनतम प्रौद्योगिकियों, डिज़ाइन से जुड़े कामों और उद्योग भागीदारों के साथ संबंधों को बढ़ावा देता है, जिससे स्व-रोज़गार से लेकर उद्यम तक स्थापित करने के लिए बदलाव को संभव बनाया जा सकता है।

  • ऋण सहायता:

o बुनियादी कौशल प्रशिक्षण पूरा करने पर, कारीगर 18 महीने की पुनर्भुगतान अवधि के साथ ₹1 लाख तक के कोलेटरल यानी गिरवी मुक्त ऋण के लिए पात्र हो जाते हैं।

o एक मानक ऋण खाता रखने वाले, डिजिटल लेनदेन से जुड़े या उन्नत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कुशल लाभार्थी ₹2 लाख तक के ऋण की दूसरी किश्त प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें अगले ₹2 लाख तक पहुंचने से पहले शुरुआती ₹1 लाख का ऋण चुकाना होगा।

      • डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन: मासिक 100 लेनदेन तक प्रति लेनदेन ₹1 के प्रोत्साहन के साथ, लाभार्थियों को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
      • विपणन सहायता: बाजार में कारीगरों की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स और जीईएम प्लेटफॉर्म से जुड़ने, विज्ञापन और प्रचार में सहायता प्रदान की जाएगी।

स्किल इंडिया डिजिटल का शुभारंभ

स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) कौशल और नौकरियों पर केंद्रित एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो शीर्ष स्तर की सुरक्षा और बड़े पैमाने पर विस्तार की संभावनाओं की पेशकश के साथ इंडिया स्टैक ग्लोबल के मजबूत ढांचे का लाभ उठाता है। यह व्यापक मंच विभिन्न प्रमुख सुविधाएं प्रदान करता है। सबसे पहले, यह उन्नत एआई/ एमएल तकनीक के माध्यम से डिस्कवरी और रिकमंडेशन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को उपयुक्त कौशलों की पहचान करने में सहायता मिलती है। दूसरे, यह एक डिजिटल जॉब एक्सचेंज की सुविधा देता है, जो नौकरी चाहने वालों को प्रासंगिक अवसरों के साथ सहजता से जोड़ता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य प्रमाण पत्रों का प्रावधान है, जिससे कौशल प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल कौशल योजनाओं, ईश्रम/ ईपीएफओ/ एनसीएस, शिक्षा, उद्यम, आधार, डिजीलॉकर, गतिशक्ति, उमंग, एग्रीस्टैक, पीएलआई योजनाओं, ओडीओपी और जीएसटीएन, ईपीएफओ रुझान, आयात/निर्यात के रुझान जैसे उच्च आर्थिक संकेतकों सहित विविध सरकारी पहलों को एकीकृत करके एक साथ लाने को बढ़ावा देता है। यह एकीकरण कौशल, ऋण और बाजारों तक बेहतर पहुंच की सहूलियत प्रदान करता है।

यह प्लेटफॉर्म व्यक्तियों के लिए एक डिजिटल कौशल कार्ड भी पेश करता है, जो आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देता है जिससे कभी भी, कहीं भी जुड़ा जा सकता है। लचीलेपन पर जोर के साथ, यह ऑनलाइन/ मिश्रित कौशल, एआर/ वीआर/ एक्सआर प्रौद्योगिकियों, मल्टीमीडिया लर्निंग और ऑनलाइन मूल्यांकन का समर्थन करता है। इसके अतिरिक्त, यह एक इंटरैक्टिव मैप इंटरफ़ेस के माध्यम से पाठ्यक्रमों और केंद्रों (कौशल हब/ आईटीआई/ पीएमकेके आदि) की डिजिटल खोज की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सीखने के संसाधनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित होती है।

1. डिस्कवरी और रिकमंडेशन (खोज और सिफारिशें) एआई/ एमएल (नौकरियां, प्रशिक्षुता, कौशल पाठ्यक्रम, कौशल केंद्र): करियर और सीखने के तरीके, पाठ्यक्रमों/ केंद्रों/ प्रशिक्षकों की रेटिंग

2. डिजिटल जॉब एक्सचेंज (नौकरियों के साथ कौशल का मानचित्रण: अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू नौकरी एकत्रीकरण

3. डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य प्रमाण पत्र (पहचान, कौशल, शिक्षा, कार्य अनुभव): आधार इनेबल्ड फेशियल / बायोमेट्रिक पंजीकरण / उपस्थिति / मूल्यांकन / प्रमाणन / प्रमाणीकरण

4. डिजिटल कौशल कार्ड (गतिशील और विश्वसनीय क्यूआर कोड): एसआईडी ऐप, एसआईडी चैटबोट, ईमेल, एसएमएस, डिजीलॉकर के लिए पोर्टेबल, डिजिटल माध्यम से से 01.25 सीआर कार्ड जारी करने के लिए तैयार

5. कन्वर्जेंस (संपूर्ण सरकार): सभी कौशल योजनाएं, ईश्रम/ ईपीएफओ/ एनसीएस, शिक्षा, उद्यम, आधार, डिजिलॉकर, उमंग, एग्रीस्टैक, पीएलआई योजनाएं, ओडीओपी, गतिशक्ति, जीएसटीएन, ईपीएफओ रुझान, आयात/निर्यात रुझान जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतक

6. उद्यमिता (एकल, नैनो-माइक्रो): कौशल तक पहुंच, ऋण तक पहुंच, बाजार तक पहुंच

7. आजीवन सीखना (शिक्षा/ कौशल/ कौशल सुधार/ पुनः कुशल बनाना): सामान्य शिक्षा/ कौशल रजिस्ट्री, नेशनल फ्रेमवर्क, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, अप्रेंटिसशिप, सरकारी/ निजी वित्त पोषित कौशल पाठ्यक्रम, सोशल स्टॉक एक्सचेंज प्रोग्राम, क्रेडिट और बैज

8. डिजिटल स्किलिंग (कभी भी, कहीं भी सीखना): ऑनलाइन/ मिश्रित स्किलिंग, एआर/ वीआर/ एक्सआर, मल्टीमीडिया लर्निंग, ऑनलाइन मूल्यांकन, मानचित्र पर पाठ्यक्रमों और केंद्रों (कौशल हब/ आईटीआई) की डिजिटल खोज

9. परामर्श और मार्गदर्शन: करियर- नौकरियां और कौशल, उद्यमिता - बिजनेस मॉडल, वित्तीय प्रबंधन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग

10. स्किल मार्केट प्लेस: कौशल से जुड़ी सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए मंच

11. मांग एकत्रीकरण: अभ्यर्थियों और उद्योग के लिए मांग प्रकट करने का अवसर

 

बाजार आधारित मांग संचालित कौशल को इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप बनाना:

  • भविष्य के कौशल इस सेट के महत्वपूर्ण भाग हैं और कौशल भारत मिशन में अपनाने के लिए एक केंद्रित और व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। सरकार का ड्रोन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई और एमएल), 5जी प्रौद्योगिकियों, मेक्ट्रोनिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉक चेन, अगमेंटेड और वर्चुअल रियल्टी सहित एक्सटेंडेड रियल्टी (एक्सआर), साइबर सुरक्षा, 3 डी प्रिंटिंग, वीएलएसआई डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में भविष्य के कौशल के विकास पर विशेष जोर है। ये क्षेत्र अर्थव्यवस्था को विनिर्माण और सेवा आधारित बनाने की दिशा में आगे बढ़ाएंगे।
  • अभी तक, इन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए देश के युवाओं के लिए पाठ्यक्रम पेश करने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा 146 भविष्य कौशल योग्यताओं को पहले ही मंजूरी दे दी गई है। सरकार प्रिसिजन एग्रीकल्चर, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, सिमुलेशन टेक्नोलॉजीज, डेटा एनालिसिस, टेलीमेडिसिन और कई अन्य क्षेत्रों जैसी इंडस्ट्री 4.0 में योग्यता के विकास पर काम कर रही है।
  • राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के माध्यम से शुल्क-आधारित प्रशिक्षण (40 क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण को संभव बनाने के लिए लाभ-आधारित प्रशिक्षण भागीदारों का एक पूल बनाना)।
  • 2014 से राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के तहत 32700 से ज्यादा केंद्र खोले गए।
  • अब तक कुल 2.14 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। 2014-नवंबर 2023 के बीच 1.96 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
  • कौशल और प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण, इक्विटी और अनुदान के माध्यम से 350 से अधिक भागीदारों को रियायती ब्याज दर पर ₹1873 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। जून 2014-नवंबर 2023 के बीच ₹1209 करोड़ से अधिक धनराशि का वितरण किया गया।
  • कौशल क्षेत्र में ऋण को प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों के पूरक के तौर पर वर्ष 2022 में कौशल ऋण पहल शुरू की गई। इस पहल के तहत, एनएसडीसी प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थानों (एफआई)/ एनबीएफसी को क्रेडिट की सुविधा प्रदान करता है जो बदले में कौशल विकास और सुधार के उद्देश्यों के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को आकर्षक ब्याज दरों पर कौशल ऋण प्रदान करता है। नवंबर, 2023 तक 5 एनबीएफसी को ₹30 करोड़ की धनराशि वितरित की गई, जिससे 4500 से ज्यादा उम्मीदवारों को लाभ हुआ।
  • 500 से अधिक आईटीआई में ड्रोन पाठ्यक्रमों के त्वरित कार्यान्वयन की सुविधा के लिए मंत्रालय ने II या अधिक ग्रेडिंग वाले आईटीआई को नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रमाणपत्र (उदाहरण: सीटीएस - रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए)/ ड्रोन पायलट, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए)/ ड्रोन पायलट, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए)/ ड्रोन पायलट (सीटीएस), ड्रोन तकनीशियन) को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है। 39 आईटीआई को अल्पकालिक ड्रोन पाठ्यक्रम शुरू करने और 100 आईटीआई को अल्पकालिक ड्रोन पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।

प्रशिक्षुता प्रशिक्षण

प्रशिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देना: कौशल विकास के सबसे टिकाऊ प्रारूपों में से एक है

वर्तमान में, लगभग 7.09 लाख प्रशिक्षु देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत हैं।

29 नवंबर 2023 तक 24,74,714 प्रशिक्षुओं का नामांकन हो चुका है।

अप्रेंटिसशिप पोर्टल (www.apprenticeshipindia.gov.in) पर 1,82,057 प्रतिष्ठान पंजीकृत हो चुके हैं।

उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान प्रतिष्ठान द्वारा प्रशिक्षुता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 15 लाख प्रशिक्षुओं को नियोजित किया जाएगा।

परास्नातक कार्यक्रम के लिए नौकरी के दौरान 6-12 महीने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

बीटीपी, एनएपीएस दिशानिर्देश, वैकल्पिक व्यापार पाठ्यक्रम युक्तिकरण, परीक्षा और पोर्टल प्रक्रियाओं में प्रमुख प्रशिक्षुता सुधार किए गए। इस संबंध में 11 कार्यालय ज्ञापन जारी किए गए हैं।

अब तक 9,25,260 लाख प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण पूरा हुआ।

जुलाई 2022 से पायलट के तौर पर डीबीटी चल रहा है। अब तक ₹35.02 करोड़ के 2.41 लाख से अधिक डीबीटी लेनदेन हो चुके हैं।

डीबीटी 11 अगस्त 2023 को देश भर में लागू हो गया। डीबीटी के माध्यम से 117.59 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के तहत शुरू किए गए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) ने प्रशिक्षुता के परिदृश्य में क्रांति ला दी है, जिससे वजीफा सीधे प्रशिक्षुओं के बैंक खातों तक पहुंचना सुनिश्चित हो गया है। राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना में डीबीटी का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रशिक्षुता के इच्छुक लोगों को कुशल बनाने के साथ-साथ एनईपी में सीखने के साथ-साथ कमाई को प्रोत्साहित करने के विजन को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उद्यमशीलता को प्रोत्साहन

निस्बड ने देश भर में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एनएसटीआई में 21 विस्तार केंद्र स्थापित किए हैं।

शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और मेटा के बीच "उद्यमिता के लिए शिक्षा: छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी को सशक्त बनाना" पर 3 साल की साझेदारी हुई है। निस्बड के साथ इस संबंध में एक आशय पत्र (एलओआई) साझा किया गया था।  निस्बड के साथ साझेदारी के तहत, अगले 3 वर्षों में 5 लाख उद्यमियों को मेटा द्वारा डिजिटल मार्केटिंग कौशल तक पहुंच मिलेगी। शुरुआत में नए और मौजूदा उद्यमियों को 7 क्षेत्रीय भाषाओं में मेटा प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल मार्केटिंग कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा। साझेदारी के बारे में विवरण देते हुए तीन लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं।

हाल ही में, ओडिशा के युवा कैडर की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भुवनेश्वर में एनएसटीआई प्लस के लिए एक शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के शीर्ष संगठन प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के अंतर्गत आने वाला एनएसटीआई प्लस शिल्पकार प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के तहत चरण-1 में 500 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा और आगे 500 अन्य को कौशल सुधार और पुनः कौशल प्रदान के लिए इसमें शामिल किया जाएगा।

एनएसटीआई प्लस उभरते स्टार्ट-अप के केंद्र, एक इनक्यूबेशन सेंटर और विभिन्न कौशल विकसित करने के लिए एक बहुमुखी केंद्र के रूप में भी काम करेगा। इसमें अन्य राज्यों के लिए प्रोटोटाइप प्रशिक्षण सुविधा के रूप में काम करने की भी क्षमता है। इसके अलावा, युवाओं के भविष्य को आकार देने में शिक्षक एक बड़ी भूमिका निभाते हैं और एनएसटीआई प्लस जैसे संस्थानों में सामान्य कौशल पैदा करने, नई प्रौद्योगिकियों से जुड़ा व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने और एक प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के अवसरों को प्रोत्साहन देने की क्षमता है।

ऑनलाइन ई-मेंटरिंग प्लेटफॉर्म "उद्यमदिशा" को आकांक्षी और मौजूदा उद्यमियों को मदद और मार्गदर्शन देने और ऑनलाइन मार्गदर्शन सेवाओं की सुविधा प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है।

आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (संकल्प)

आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (संकल्प) कार्यक्रम जनवरी 2018 में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर संरचनात्मक सुधार का समर्थन करने और कौशल विकास को नियंत्रित, प्रबंधित और निगरानी करने वाली समग्र प्रणालियों को मजबूत बनाने पर जोर देना है। कार्यक्रम को अल्पकालिक प्रशिक्षण के वितरण को बढ़ाने के मौजूदा सरकारी प्रयासों का समर्थन करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था। कार्यक्रम के तहत तीन प्रमुख रिजल्ट एरिया (आरए) की संकल्पना की गई, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:

1. रिजल्ट एरिया 1 - उच्च गुणवत्ता वाले बाजार के लिए प्रासंगिक प्रशिक्षण की योजना, वितरण और निगरानी के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संस्थागत सुदृढ़ीकरण।

2. रिजल्ट एरिया 2 - कौशल विकास कार्यक्रमों की बेहतर गुणवत्ता और बाजार प्रासंगिकता।

3. रिजल्ट एरिया 3 – महिला प्रशिक्षुओं और अन्य वंचित समूहों के लिए कौशल प्रशिक्षण तक बेहतर पहुंच और समापन।

संकल्प कार्यक्रम के संबंधित रिजल्ट एरिया के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियों की सूची नीचे दी गई है:

 

1. कौशल विकास गतिविधियों की योजना और कार्यान्वयन का विकेंद्रीकरण: देश में कौशल विकास के प्रयासों को संबंधित जिलों की आबादी के लिए प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है और ऐसी आवश्यक पहलों की पहचान जिला स्तर पर सबसे प्रभावी ढंग से और कुशलता से की जा सकती है। राज्य स्तर पर औपचारिक रूप से विकसित जिला कौशल विकास योजनाओं के आधार पर कौशल विकास पहल को संरेखित किया गया। इससे कौशल पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होता है। डीएसडीपी जिले के अधिकारियों को नीचे से ऊपर की तरफ सशक्त बना रहे हैं, जिससे कौशल विकास पहल की अधिक स्वीकार्यता हो रही है। कार्यक्रम ने जिलों के प्रयासों और दृढ़ संकल्प को मान्यता देने के लिए जिला कौशल विकास योजना (डीएसडीपी पुरस्कार) में 'उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार' भी शुरू किए हैं। पुरस्कारों के पिछले संस्करण में, 476 जिलों के डीएसडीपी का मूल्यांकन करने के बाद 30 को छांटा गया था। इनमें से 8 जिलों को 'उत्कृष्टता पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था, 13 जिलों को 'उत्कृष्टता प्रमाण पत्र' से सम्मानित किया गया था और 9 जिलों को 'प्रशंसा पत्र' से सम्मानित किया गया था। 31 अक्टूबर 2023 तक, कुल 748 डीएससी को संस्थागत बनाया गया है और 711 जिलों को दिस्पक (डीआईएसपीएके) पोर्टल से जोड़ा गया है। वित्त वर्ष 22-23 के लिए जिलों द्वारा कुल 691 डीएसडीपी संकल्प पोर्टल पर जमा किए गए हैं।

2. महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप (एमजीएनएफ): जमीनी स्तर पर कौशल विकास योजना और कार्यान्वयन को संस्थागत बनाने के लिए पेशेवरों को तैनात करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप की संकल्पना की गई थी। इन पेशेवरों को एमजीएनएफ फेलो के रूप में जाना जाता है। ये शोध छात्र अपनी दो साल की फेलोशिप के दौरान जिला कौशल विकास योजनाओं के निर्माण में जिला कौशल समितियों का समर्थन करते हैं। ये फेलोशिप 9 आईआईएम के साथ साझेदारी में प्रदान की जाती है। आईआईएम को देश के प्रमुख संस्थानों में गिना जा है। 25 अक्टूबर, 2021 को शुरू की गई फेलोशिप के दूसरे चरण में, 657 जिलों में 657 एमजीएनएफ फेलो को तैनात किया गया था। इसके अलावा, दूसरे चरण का उद्देश्य जिला कौशल विकास योजनाओं (डीएसडीपी) के निर्माण और कार्यान्वयन में जिला कौशल समितियों को सशक्त बनाना है जो स्थानीय अर्थव्यवस्था की विशिष्ट कुशल जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करेगी। डीएसडीपी के कार्यान्वयन की सफलता का श्रेय आंशिक रूप से एमजीएनएफ फेलो के प्रयासों को दिया जा सकता है, जो सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में काम करते हैं। दूसरा चरण पूरा हो चुका है और 31.10.2023 को 581 शोध छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है।

3. दिव्यांग उम्मीदवारों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए दिव्यांग लोगों को प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करने की एक पहल लागू की जा रही है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय मुख्यधारा के दिव्यांग पेशेवरों को प्रशिक्षक के रूप में और दिव्यांग प्रशिक्षण की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार करने की कल्पना करता है। अब तक, दो बैचों में कुल 25 में से 10 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 31 अक्टूबर 2023 तक, कुल 62 पीडब्ल्यूडी प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया है।

4. अवसर (एवीएसएआर) परियोजना: परिधान क्षेत्र में महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण की सुविधा देने और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' के भाग के रूप में "अवसर" परियोजना शुरू करने के लिए अमृता विश्व विद्यापीठम के साथ साझेदारी की है। 'आजादी का अमृत महोत्सव' प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मना रहा है। इस पहल के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 4500 महिलाओं और ट्रांसजेंडरों को संकल्प कार्यक्रम के तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रमाणित करेगी। अब तक, 2842 महिलाओं को नामांकित किया जा चुका है और 31 महिलाओं को परियोजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है। 31 अक्टूबर 2023 तक, परियोजना के तहत कुल 4,468 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है और 2738 महिलाओं को प्रमाणित किया गया है।

विशेष परियोजनाएं:

  • प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं के रूप में भारतीय सेना के संभावित सेवानिवृत्त लोगों का कौशल प्रमाणन और प्रशिक्षण एक विशेष परियोजना है। इसके तहत 17 वर्षों से अधिक की सेवा के साथ भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों द्वारा अर्जित कौशल को प्रशिक्षित करना, पहचानना और प्रमाणित करना और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में प्रशिक्षण और मूल्यांकन को बढ़ाने में उनकी क्षमता का इष्टतम उपयोग करने के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) और मूल्यांकनकर्ताओं का प्रशिक्षण (टीओए) कार्यक्रम भी चलाया जाना है। इस परियोजना का लक्ष्य 6 महीने की अवधि के लिए 12 क्षेत्रों में 28 नौकरियों में 26 चिह्नित सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों पर 5000 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करना है।
  • उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में एक मजबूत कौशल-केंद्रित और उद्योग के लिए तैयार इकोसिस्टम बनाने के लिए, 'जीवन में परिवर्तन, भविष्य का निर्माण: उत्तर-पूर्व में कौशल विकास और उद्यमिता' नाम की एक विशेष पहल शुरू की गई थी। इस पहल के तहत, एनईआर के 2.5 लाख प्रतिभाशाली युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) सहित कई योजनाओं और पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किए जाएंगे।
  • सरकार ने समावेशी विकास को सुविधाजनक बनाने, उद्यमशीलता प्रतिभा को पोषित करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ₹360 करोड़ का पर्याप्त फंड निर्धारित किया है। आगे की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए, कृषि, पर्यटन, हस्तशिल्प और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
  • सरकार ने समावेशी विकास को सुविधाजनक बनाने, उद्यमशीलता प्रतिभा को पोषित करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ₹360 करोड़ की पर्याप्त निधि निर्धारित की है। वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्द्श्य से, कृषि, पर्यटन, हस्तशिल्प और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

भारतीय कौशल संस्थान कानपुर:

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (आईआईटी) कानपुर और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और दसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीएएसआई) के साथ एमएसडीई के उद्देश्य के अनुरूप तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की। एमएसडीई का उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाना और तैयार करना।

इंडियास्किल्स 2023-24

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत संचालित राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), मेगा प्रतिस्पर्धा इंडियास्किल्स 2023-24 की मेजबानी करने के लिए तैयार है। यह एक अखिल भारतीय प्रतिस्पर्धा है, जिसमें लाखों अभ्यर्थियों की भागीदारी होने की उम्मीद है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम असंख्य कौशलों का जश्न मनाने, व्यक्तियों को अवसरों से भरे भविष्य की कल्पना करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है।

इंडियास्किल्स प्रतिस्पर्धा को विभिन्न उद्योगों के साथ तालमेल को बढ़ावा देने, वैश्विक बेंचमार्क के साथ प्रशिक्षण मानकों को संरेखित करने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रतिभागियों को कई स्तरों - जिला, राज्य, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय - पर एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें अंतिम पुरस्कार के तौर पर 2024 में ल्योन, फ्रांस में विश्व कौशल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।

 

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