वित्‍त मंत्रालय

अरावली इकोसिस्टेम के संरक्षण के लिए वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय द्वारा देशीय और क्षेत्रीय प्रजातियों के पौधे लगाए गए

Posted On: 17 JUL 2023 8:48AM by PIB Delhi

हरित महोत्सव के क्रम में वस्‍तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) नई दिल्ली के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पर्यावरण अध्ययन विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली विकास प्राधिकरण के सहयोग से अरावली जैव विविधता पार्क, वसंत कुंज, नई दिल्‍ली में अरावली इकोसिस्‍टम के संरक्षण में योगदान देने के प्रयास में देशीय और क्षेत्रीय प्रजातियों के पौधे लगाए।

इस पौधारोपण अभियान में श्री सुरजीत भुजबल, प्रधान महानिदेशक, जीएसटीआई, श्री समंजस दास, महानिदेशक, श्री राजेश जिंदल, प्रधान अपर महानिदेशक, श्री बी.बी गुप्ता, प्रधान अपर महानिदेशक तथा डीजीजीएसटीआई मुख्‍यालय और दिल्‍ली क्षेत्रीय इकाई कार्यालयों के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। डॉ. एम. शाह हुसैन, अरावली जैव विविधता पार्क के विज्ञानी प्रभारी, डॉ. आयशा सुल्ताना, परिस्थितिकीविज्ञानी, डॉ. दिनेश अल्बर्टसन डब्ल्यू, फील्ड जीवविज्ञानी, डॉ. रिजवान खान, फील्‍ड जीवविज्ञानी, डॉ. दुष्यंत राठौड़, फील्‍ड जीवविज्ञानी, श्री प्रदीप पाल पूनिया और श्री पुरूषोत्तम पाठक, पर्यवेक्षक कर्मचारियों ने इस इकोलॉजिकल पार्क के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी और इस पौधारोपण अभियान में डीजीजीआई की टीम का मार्गदर्शन भी किया।

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अरावली इकोसिस्‍टम के देशज स्थानीय, क्षेत्रीय किस्मों/प्राकृतिक उपभेदों के लगभग 200 पौधे स्थानीय वनस्पतियों को समृद्ध करने के लिए लगाए गए, इनसे न केवल इकोसिस्‍टम में गिरावट को रोकने में, बल्कि जीव-जंतुओं को समृद्ध करने में मदद मिलेगी और डीडीए के संरक्षण प्रयासों में भी सहायता मिलेगी। एल्बिजिया लेबेक (सिरिस), बाउहिनिया एक्युमिनाटा (कचनार), डायोस्पायरोस म्लंटाना (तेंदु), किडिया कैलीसीना (भारंगा), मुरैना पैनिकुलता (कादिपाठा), निक्टेन्थेस आर्बर-ट्रिस्टिस (हरसिंगार), सैपिंडस ट्राइफोलियाटुआ (रीटा), सैपेंडस की स्थानिक स्थानीय प्रजातियां इमर्जिनाटा (रीटा का एक अन्य प्रकार), सेनेगलिया मोडेस्टा (फुलाई), सेनेगलिया कैटेचू (खयार), सेनेगलिया सेनेगल (कुमथा), स्टीरियोस्पर्मम चेलोनोइड्स (पटला), टर्मिनलिया बेलिरिका (बहेड़ा), टर्मिनलिया एलिप्टिका (आसन), राइटिया आर्बोरिया (डुथी) और राइटिया टिनक्टोरिया (एनोजर डूथी भी) की स्थानीय प्रजातियों के पौधे स्‍थानीय इकोसिस्‍टम को समृद्ध बनाने के लिए लगाए गए।

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यह वृक्षारोपण अभियान न केवल जैव विविधता के आवास और प्रमुख प्रजातियों का संरक्षण करने तथा अन्‍य लुप्‍त होने के कगार पर खड़े पौधों और जानवरों की प्रजातियों के संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करेगा, बल्कि इससे खतरे वाली भूमि प्रजातियों और जंगली आनुवंशिक संसाधनों के लिए फील्ड जीन बैंक स्थापित करने, पर्यावरण जागरूकता और प्रकृति संरक्षण के बारे में शिक्षा को बढ़ावा देने और विशेष रूप से दिल्‍ली क्षेत्र के यमुना बेसिन तथा अरावली पहाडि़यों के मूल समुदाय को स्‍थापित करने, उपचार के जड़ाऊ काम का विकास तथा जलग्रहण आर्द्रभूमि का विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल अनुपचारित सीवेज की जल गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि यमुना नदी की समृद्ध जलीय वनस्पतियों तथा जीवों को भी संरक्षण मिलेगा और दिल्‍ली क्षेत्र की इको‍लॉजी में अल्पावधि और दीर्घकालिक परिवर्तनों की निगरानी की जा सकेगी।

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