पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन कार्यसमूह की चौथी बैठक आज दो सह-कार्यक्रमों के साथ गोवा में शुरू हुई


श्री जी. किशन रेड्डी ने क्रूज पर्यटन और पर्यटन क्षेत्र में प्लास्टिक की चक्रीय अर्थव्यवस्था विषय पर आयोजित दो सह-कार्यक्रमों को संबोधित किया

क्रूज यात्रियों की संख्या 2015-16 के 1.26 लाख से बढ़कर 2019-20 में 4.68 लाख हो गई: श्री जी.के. रेड्डी

क्रूज पर्यटन, न केवल गोवा के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपार क्षमता रखता है: श्री श्रीपाद येसो नाईक

Posted On: 19 JUN 2023 6:27PM by PIB Delhi

जी20 के तहत पर्यटन कार्यसमूह की चौथी बैठक आज दो महत्वपूर्ण सह-कार्यक्रमों के साथ गोवा में शुरू हुई। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और डोनर मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक; गोवा के पर्यटन मंत्री श्री रोहन खौंटे तथा पर्यटन सचिव सुश्री वी. विद्यावती इस अवसर पर उपस्थित थीं।

पहला सह-कार्यक्रम 'सतत और जिम्मेदार यात्रा के लिए क्रूज पर्यटन को एक मॉडल बनाना’ विषय पर आयोजित किया गया था। क्रूज पर्यटन पर सह-कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि गोवा सूर्य, रेत और समुद्र का एक आदर्श मिश्रण है और हर किसी को भारत के इस सुन्दर राज्य का अनुभव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवा के गर्मजोशी से भरे और मस्ती-पसंद लोग आनंदमय संगीत और स्वादिष्ट भोजन के साथ जीवन का जश्न मनाते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा, देश को समुद्री क्षेत्र में अग्रणी बनाती है और हमारा समृद्ध समुद्री इतिहास इस बात से स्पष्ट है कि भारत की सभ्यता और संस्कृति पूरे एशिया को प्रभावित करने में सक्षम रही है। इसमें आज के वियतनाम में चंपा का राज्य और मोम्बासा बंदरगाह के माध्यम से अफ्रीका के साथ भारत का व्यापार भी शामिल है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लंबा समुद्र-तट न केवल व्यापार के निर्माण और हमारे निर्यात को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने का एक अवसर भी है। भारत की लंबी और सुंदर तटरेखा; कई पत्तनों, प्राकृतिक समुद्र-तटों और सुंदर द्वीपों तक आसान पहुंच प्रदान करती है।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि क्रूज यात्री यातायात 2015-16 के 1.26 लाख से बढ़कर 2019-20 में 4.68 लाख हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि क्रूज पोत यातायात 2015-16 के 128 से बढ़कर 2019-20 में 451 हो गया।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय क्रूज पर्यटन जीवन के तनाव से दूर, शांति की समान है और प्राकृतिक परिवेश के माध्यम से जीवन का अनुभव करने का अवसर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय क्रूज पर्यटन, परिवार में प्रत्येक के लिए कुछ न कुछ पेश करता है। बहु-पीढ़ी यात्रा विकल्पों की तलाश करने वालों के लिए क्रूज पर्यटन एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आज 73% क्रूज यात्री परिवार के सदस्यों के साथ नौकायन कर रहे हैं, जिनमें कम से कम दो पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व होता है।"

उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय वित्तीय सहायता योजना के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय पत्तनों और क्रूज टर्मिनलों के विकास, लाइट-हाउस के विकास, फेरी की खरीद, नदी क्रूज सर्किट के विकास के लिए पर्यटन अवसंरचना विकास का समर्थन कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय भी क्रूज यात्रियों और क्रूज पोतों के लिए समर्पित टर्मिनलों के विकास की दिशा में काम कर रहा है।

श्री जी.के. रेड्डी ने यह भी बताया कि पर्यटन मंत्रालय और पत्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से क्रूज पर्यटन पर एक समर्पित कार्यबल तैयार किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि सी-प्लेन संचालन को सक्षम बनाने के लिए 16 स्थानों पर वाटरड्रोम विकसित किए जा रहे हैं और 2023 तक चयनित बंदरगाहों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल विकास का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बंदरगाहों के उन्नयन और आधुनिकीकरण, बंदरगाह शुल्क के युक्तिकरण, निष्कासन शुल्क को हटाने, क्रूज जहाजों को प्राथमिकता पर ठहराव जगह देने, ई-वीजा सुविधाएं प्रदान करने आदि पर काम कर रही है।

श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि समुद्र-तट पर्यटन, लाइट-हाउस पर्यटन और क्रूज पर्यटन के माध्यम से तटीय पर्यटन को बढ़ावा देने से मछली पकड़ने वाले समुदायों व अन्य समुदायों को आजीविका के अन्य अवसर खोजने और उनकी मौजूदा आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने 75 से अधिक लाइट हाउस के समीप स्थित भूमि पर पर्यटन का विकास करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है।

उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि नमामि गंगे मिशन के माध्यम से, सरकार ने 4.3 बिलियन डॉलर, जो 35,414 करोड़ रुपये है, से अधिक खर्च किया है। स्वच्छ नदियों के जरिये क्रूज पर्यटन जैसी पर्यटक गतिविधियों के लिए भी संभावना सुनिश्चित होगी।

इस अवसर पर श्री श्रीपाद येसो नाईक ने कहा कि इस आयोजन ने क्रूज पर्यटन की अपार संभावनाओं और दुनिया भर में इसकी उपलब्धि पर प्रकाश डाला है। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा में बैकपैकर से लेकर लक्ज़री यात्री तक सभी के लिए कुछ न कुछ मौजूद है। उन्होंने कहा कि गोवा की वास्तुकला मनोरम पुर्तगाली बंगलों और आधुनिक होटलों का मिश्रण है। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध त्योहारों जैसे गोवा कार्निवल, सनबर्न फेस्टिवल के लिए भी जाना जाता है, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ये राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक परिदृश्य को दिखाते हैं और आगंतुकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि क्रूज पर्यटन न केवल गोवा पर्यटन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए अपार संभावनाएं रखता है क्योंकि यह रोजगार के अवसर प्रदान करता है, कर राजस्व में वृद्धि करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।

इस कार्यक्रम में, पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में, पर्यटन मंत्रालय ने संयुक्त रूप से हेरिटेज होमस्टेड को बढ़ावा देने के लिए, आज एयरबीएनबी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

दूसरा सह-कार्यक्रम 'पर्यटन क्षेत्र में प्लास्टिक की चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर – वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल' विषय पर आयोजित किया गया था। बैठक को संबोधित करते हुए श्री जी.के. रेड्डी ने अथर्ववेद को उद्धृत करते हुए कहा, "पृथ्वी हमारी माता है और हम उनके बच्चे हैं"। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दर्शन और जीवन शैली हमेशा प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की अवधारणा में निहित रही है और हम एक ऐसी सभ्यता से संबंधित हैं, जहां सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण हमारे लोकाचार का एक अभिन्न अंग रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछले नौ वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सतत और समावेशी विकास का समर्थन करने में विश्व स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है।

उन्होंने यह भी कहा कि स्थायित्व, सचेत और जिम्मेदार आतिथ्य का एक प्रमुख संचालक है और जब हम सतत पर्यटन के बारे में बात करते हैं, तो लोग और पृथ्वी; गंतव्यों का गैर-कार्बनीकरण एवं उद्यमियों को सशक्त बनाने आदि को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लगभग 30,000 युवा पर्यटन क्लब हैं, जिनमें चौथी कक्षा से लेकर कॉलेज के छात्र सदस्य हैं और ये क्लब जिम्मेदार पर्यटन तौर-तरीकों को बढ़ावा देंगे, स्थायी पर्यटन में रुचि का नवीनीकरण करेंगे एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत तथा देखो अपना देश की पहल पर फिर से जोर देंगे।

श्री जी.के. रेड्डी ने यह भी बताया कि पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की सतत पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति और स्वदेश दर्शन 2.0 पहल ने पर्यटन क्षेत्र में प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं।

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जी20 देशों को मिलकर प्लास्टिक को कम करने में योगदान देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, जिसमें 'सचेत और सतत खपत' की भावना निहित हो।

दूसरे सह-कार्यक्रम में मंत्री श्री जी किशन रेड्डी की उपस्थिति में, पर्यटन क्षेत्र में सामूहिक रूप से एकजुट होने और प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी, सतत पर्यटन, आरटीएसओआई और पंजाब पर्यटन बोर्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

प्रत्येक सह-कार्यक्रम में अनुभवों, सर्वोत्तम तौर-तरीकों, सुझावों, आगे बढ़ने के तरीकों और साझेदारी को बढ़ावा देने की उपयोगिता को साझा करने के साथ पैनल चर्चाएँ भी आयोजित की गईं। क्रूज पर्यटन में लैंगिक संतुलन, क्रूज पर्यटन के केंद्र के रूप में भारत का विकास और क्रूज पर्यटन पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य, विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर गोवा पर्यटन ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी- पर्ल ऑफ़ द ओरिएंट, जिसमें गोवा पर्यटन की अनूठी विशेषताओं और इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला गया।

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